एक तरफ जहाँ एक हफ्ता पहले ही देश में रामनवमी शोभायात्रा के दौरान जगह-जगह पर दंगे हुए, बिहार के बिहारशरीफ और सासाराम में स्थिति काफी बिगड़ गई, वहीं दूसरी तरफ प्रदेश के एक मात्र मुस्लिम बहुल जिला किशनगंज में मुस्लिम समुदाय के एक व्यक्ति ने हनुमान जन्मोत्सव के खास मौके पर हनुमान मंदिर निर्माण के लिए अपनी कीमती जमीन दान कर गंगा जमुनी तहजीब का बेमिसाल उदाहरण पेश किया है।
दरअसल, किशनगंज के रुइधासा स्थित बाजपेयी कॉलोनी के जमींदार मरहूम ज़ुलक़रनैन अहमद ने हनुमान मंदिर निर्माण के लिए ग्रामीणों की मांग पर अपनी कीमती जमीन दान में देने की इच्छा जाहिर की थी। हालांकि कोरोना काल में उनकी मृत्यु हो गयी।
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उनकी मृत्यु के बाद ग्रामीणों ने उनके पुत्र से मन्दिर निर्माण के लिए जमीन दान करने का प्रस्ताव रखा, तो उनके दोनों पुत्र फ़ैज़ और फ़ज़ल अहमद अपने पिता के वादे पर खरे उतरे और 6 अप्रैल को हनुमान जन्मोत्सव के खास मौके पर दोनों ने डेढ़ कट्ठा जमीन दान में दिया। मंदिर निर्माण के लिए जमीन मिलने पर स्थानीय लोगों ने खुशी जाहिर की और मंदिर निर्माण से पूर्व ध्वजारोहण कर पूजा अर्चना की।
जमीन दाता के पुत्र फैज अहमद ने बताया कि उनके पिता ने इंतकाल से पूर्व मन्दिर निर्माण के लिए जमीन दान में देने का उनसे जिक्र किया था और उन्होंने अपने पिता के वादे को पूरा करते हुए मन्दिर निर्माण के लिए जमीन भी दे दी। फैज अहमद ने गीता का उपदेश का पाठ दोहराते हुए कहा कि इंसान खाली हाथ आया है और खाली ही जायेगा इसलिए इंसान को अच्छा कर्म करना चाहिए।
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