कटिहार में मॉनसून की बारिश लोगों के लिए राहत लेकर आयी है, लेकिन इस बारिश से गौशाला रेलवे रैक प्वाइंट पर देश का अनाज और जरूरी सामान बर्बाद हो रहा है।
इससे रैक प्वाइंट से जुड़े व्यापारी और मज़दूर परेशान हैं।
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दरअसल, करोड़ों का राजस्व देने वाले गौशाला रैक प्वाइंट में कटिहार रेल मंडल की उदासीनता के कारण कोई समुचित व्यवस्था नहीं है। ऐसे में बारिश शुरू होते ही माल लोडिंग-अनलोडिंग को लेकर व्यापारियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
तय समय पर रैक प्वाइंट खाली नहीं करवाने पर व्यापारियों को कई गुना ज्यादा पैनल डीसी चार्ज देना पड़ता है। इस इलाके में सभी तरह का जरूरी सामान अन्य राज्यों से रेलवे रैक के माध्यम से लाया जाता है। यहां से बड़े पैमाने पर मक्का लोड कर अन्य प्रदेशों में भेजा जाता है।
व्यापारी नवीन कुमार कहते हैं कि यहां पर रैक प्वाइंट पर जरूरी सुविधा नहीं होने से उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। रेलवे अगर कोई कदम नहीं उठाता है तो वे लोग अब माल सड़क मार्ग से मंगवाएंगे।
मजदूरों के लिए यहां शेड की व्यवस्था नहीं होने से बारिश में मजदूर काम नहीं कर पाते हैं। मजदूर फुच्चो पासवान कहते हैं कि रैक प्वाइंट में पीने का पानी और शौचालय तक की व्यवस्था नहीं है।
माल उतारने में देरी होने से रेलवे द्वारा व्यापारियों से पैनल डीसी की मांग की जाती है, जिससे व्यापारियों को काफी नुकसान होता है। बारिश के समय इन मज़दूरों को भींगकर काम करना पड़ता है।
रेलवे रैक प्वाइंट की इस बदहाली पर कटिहार रेलवे के एडीआरएम ने कहा कि इस रैक प्वाइंट के साथ-साथ दूसरे रैक प्वाइंट के कायाकल्प का प्रस्ताव विभाग को भेजा जा चुका है। “जितने भी लोडर हैं, उनके साथ सहयोग के लिए हम तैयार हैं। जल्द ही इस रैक प्वाइंट का कायाकल्प होगा,” उन्होंने कहा।
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