बिहार विधानसभा में शिक्षा विभाग के अपर सचिव केके पाठक को लेकर विपक्ष लगातार हंगामा कर रही है। विपक्ष का कहना है कि ये अधिकारी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का आदेश भी नहीं मान रहे हैं।
विधानसभा में गुरुवार को कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी सदस्यों ने स्कूल की टाइमिंग और केके पाठक का मुद्दा उठाकर हंगामा शुरू कर दिया।
विपक्षी विधायकों ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को विधानसभा में घोषणा की थी कि शिक्षक कक्षा शुरू होने से 15 मिनट पहले यानी सुबह 9.45 बजे स्कूल आएंगे और कक्षा समाप्त होने के 15 मिनट बाद यानी 4:15 बजे वापस जाएंगे। शिक्षा विभाग ने अभी तक इस संबंध में कोई आदेश जारी नहीं किया है।
पूर्व शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर ने इस मुद्दे को उठाते हुए एक वीडियो दिखाने की कोशिश की और कहा कि अधिकारी शिक्षक को गाली तक देते हैं। इसके बाद विपक्षी सदस्य वेल में आ गए। विधानसभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव सदस्यों से अपनी जगह पर जाने का आग्रह करते रहे, लेकिन सदस्यों ने हंगामा जारी रखा।
वहीं, राष्ट्रीय जनता दल के विधायक भाई वीरेंद्र ने कहा कि मुख्यमंत्री की बात भी अधिकारी नहीं सुन रहे हैं। ऐसे मुख्यमंत्री को अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।
सदन में विपक्ष के हंगामे के बीच शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि उच्च सदन में भी ऐसा वीडियो दिखाया गया है, और आसन से भी आग्रह किया गया है कि वहां टेप देख लें।
उन्होंने सदन को आश्वस्त करते हुए कहा कि उच्च सदन के सभापति को वह टेप उपलब्ध है, सरकार की तरफ से भी उनको अधिकृत किया गया है कि आप स्वयं वो क्लिप देख लें, उसमें क्या आपत्तिजनक है, आपकी जो अनुशंसा होगी, सरकार मानेगी।
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वहीं, स्कूल के टाइमिंग को लेकर शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री ने जो घोषणा की है, स्कूल उसी के अनुसार चलेगा और शिक्षक बच्चों के आने से 15 मिनट पहले आएंगे।
“विद्यालय 10 से 4 चले और शिक्षक पौने दस तक विद्यालय पहुंचें। यह मुख्यमंत्री का आधिकारिक घोषणा सदन में है। कुछ सदस्य कह रहे हैं कि जिला स्तर के कुछ जिलों के पदाधिकारियों द्वारा इससे अलग हटकर निर्देश जारी किया गया है,” उन्होंने कहा।
शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने आगे कहा, “सरकार उसको ज़रूर देखेगी। और मुख्यमंत्री की जो इस सदन में घोषणा है, सरकार उसका अनुपालन सुनिश्चित करेगी।”
दरअसल, भोजपूर जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय द्वारा जारी एक पत्र इंटरनेट पर वायरल है। 21 फरवरी को जारी इस पत्र में जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों और जिला/प्रखंड स्तर के कर्मियों को 8.30 से 9 बजे के बीच स्कूलों का निरीक्षण करने का निर्देश दिया गया था।
पत्र में कहा गया कि विभाग के वीडियो कांफ्रेंसिंग में मिले निर्देशानुसार ही निरीक्षण का आदेश जारी किया गया है। साथ ही निरीक्षण पर ना जाने वाले अधिकारियों और कर्मियों का वेतन काटने का भी आदेश इस पत्र के माध्यम से दिया गया।
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