बिहार के चिकित्सकों द्वारा एकदिवसीय कार्य बहिष्कार व हड़ताल को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने कार्य वहिष्कार करने वाले चिकित्सकों का एक दिन का वेतन काटने का फरमान सुनाया है। विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने इस संबंध में सभी चिकित्सा महाविद्यालय व अस्पताल के प्राचार्यों तथा असैनिक शल्य चिकित्सक-सह-मुख्य चिकित्सा पदाधिकारियों को पत्र जारी किया है।
विभाग का कहना है कि बिहार स्वास्थ्य सेवा संघ द्वारा समुचित रूप से इस कार्य बहिष्कार को सरकार के संज्ञान में नहीं लाया गया है, इसीलिये बिहार स्वास्थ्य सेवा संघ का यह निर्णय पूर्णतः अवैध है।
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इधर, प्रदेश सरकार द्वारा एक दिन के वेतन काटने के फ़ैसले का बिहार स्वास्थ्य सेवा संघ ने विरोध किया है। संघ का कहना है कि डॉक्टर अपनी जान को जोखिम में डालकर काम नहीं कर सकते हैं।
बताते चलें कि बिहार के पूर्णिया में मरीज के परिजनों द्वारा चिकित्सक डॉ राजेश पासवान के साथ मारपीट की गई थी। दरअसल, 17 नवंबर को पूर्णिया के लाइन बाजार में डॉ. राजेश पासवान के क्लिनिक में इलाज के दौरान एक मरीज की मौत हो गई थी।
मौत के बाद मृतक के परिजनों ने डॉक्टर राजेश पासवान की क्लिनिक में तोड़फोड़ की और उनके साथ मारपीट भी की थी। जिसके विरोध में मंगलवार को राज्य भर के डॉक्टरों ने एकदिवसीय कार्य बहिष्कार की घोषणा की थी।
कार्य बहिष्कार के कारण प्रदेश के सभी ज़िले में अस्पतालों के ओपीडी बंद रहे, जिस कारण लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा।
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