सक्षमता परीक्षा में तीन बार फेल होने वाले नियोजित शिक्षकों की नौकरी खत्म हो जायेगी। शिक्षा विभाग द्वारा गठित एक समिति ने यह निर्णय लिया है। समिति की अध्यक्षता विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक कर रहे थे।
वहीं, बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष आनंद किशोर, प्राथमिक शिक्षा निदेशक कन्हैया प्रसाद श्रीवास्तव, राज्य शिक्षा शोध व प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) के निदेशक आर. सज्जन सदस्य के तौर पर और माध्यमिक शिक्षा के निदेशक सदस्य-सचिव के तौर पर इस समिति का हिस्सा थे।
सक्षमता परीक्षा में प्रत्येक शिक्षक को तीन अवसर देने के लिये बिहार विद्यालय परीक्षा समिति चार चरणों में परीक्षा लेगी। यदि कोई नियोजित शिक्षक किसी व्यक्तिगत कारण (बीमारी, दुर्घटना इत्यादि) से किसी एक चरण में भाग नहीं भी ले पायेंगे, तो वे अगले चरण की परीक्षा में भाग ले सकते हैं।
समिति ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया है कि 26 फरवरी को पहला अवसर लेने व उसका परिणाम घोषित करने के बाद अन्य 3 चरणों में परीक्षा का आयोजन किया जायेगा। चारों चरण जल्दी ही समाप्त कर लिए जाएंगे।
जो शिक्षक इन चारों चरण में होने वाली परीक्षाओं में से तीन चरणों की परीक्षा में नहीं बैठते हैं अथवा तीन से कम चरणों में बैठते हैं या तीन चरणों की परीक्षा में बैठने के बाद भी उत्तीर्ण नहीं होते हैं, तो उन सभी शिक्षकों की सेवा समाप्त कर दी जाएगी।
बताते चलें कि नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने के लिये सरकार ने बिहार विद्यालय विशिष्ट शिक्षक नियमावली-2023 को मंजूरी दी थी। नियमावली के मुताबिक़, जो शिक्षक इस परीक्षा में शामिल नहीं होते हैं अथवा तीसरे प्रयास या अवसर में भी सक्षमता परीक्षा उत्तीर्ण होने में विफल रहेंगे, उनपर विभाग द्वारा अलग से विचार करने की बात कही गई थी।
1 फरवरी को शिक्षा विभाग ने इस बिंदू पर निर्णय लेने के लिये के के पाठक की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया था।
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