केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ किशनगंज जिले के पोठिया प्रखंड मुख्यालय में महागठबंधन के नेताओं ने एकदिवसीय धरना दिया। धरने पर बैठे नेताओं ने केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और कहा कि 2024 लोकसभा चुनाव में भाजपा सरकार को गद्दी से हटाने के लिए महागठबंधन सरकार मिलकर काम करेगी।
धरने पर बैठे पूर्व विधायक सह राजद जिला अध्यक्ष कमरुल हुदा ने कहा कि महागठबंधन की सरकार ने बिहार में जातिगत जनगणना का काम शुरू किया, मगर पिछड़ी जाति और दलित विरोधी केंद्र की सरकार ने साजिश के तहत इसे रुकवा दिया। उन्होंने आगे कहा कि मोदी सरकार का 9 साल का कार्यकाल गरीब, मजदूरों, किसानों की तबाही-बर्बादी, लूट-दमन और नफरत का भयावह दौर साबित हुआ है और इस महंगाई की मार से जनता त्रस्त है।
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“केंद्र सरकार जो आज बर्बरता दिखा रही है। लोगों को ईडी में फंसाना, सीबीआई में फंसा रही है, उसे उजागर करने के लिए महागठबंधन ने यह धरना दिया है। वे कह रहे हैं 9 साल बेमिसाल लेकिन यह है 9 साल बदहाल। जो सिलेंडर का दाम 400 रुपये थे, वो अब 1300 का बिक रहा है, जो दाल 50 रुपये किलो थी, वह अब 150 की बिक रही है। ये 9 साल बेमिसाल नहीं है, सब लोग परेशान हैं। इनको बस एक ही मुद्दा नज़र आता है कि हिन्दू मुसलमान में लड़ाई कराओ,” कमरुल हुदा ने कहा।
कमरुल हुदा ने बागेश्वर धाम बाबा पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा के लोग एक बाबा को बिहार में भेजते हैं कि वहाँ जा कर सांप्रदायिक झगड़े करवाओ। देश संविधान से चलता है और भाजपा कोशिश कर रही है कि हिंदुस्तान के संविधान को खत्म कर दिया जाए लेकिन देश की जनता जाग चुकी है, इनकी यह मंशा पूरी नहीं होगी।
सीपीआईएम जिला सचिव अबुल कलाम आजाद ने धरना को संबोधित करते हुए कहा कि पिछले 9 वर्षों में बेरोजगारी और मंहगाई चरम पर है। केंद्र सरकार इससे ध्यान हटाने के लिए धार्मिक उन्माद का सहारा ले रही है। लोग जब-जब रोजगार, रोटी और आरक्षण के विरुद्ध केंद्र की नीतियों पर सवाल उठाते हैं तो केंद्र सरकार में शामिल लोग हिन्दू-मुस्लिम, मंदिर-मस्जिद जैसी बेतूकी बातों में लोगों को उलझा देते हैं।
उन्होंने आगे कहा कि लोगों को गुमराह कर जातीय आंकड़ों को छुपाया जा रहा है ताकि, आर्थिक रूप से कमजोर लोग सरकारी लाभ से वंचित रहें। केंद्र सरकार के विरुद्ध जो बोलता है उसे देशद्रोही कह दिया जाता है। मंहगाई से त्रस्त जनता भाजपा के अच्छे दिन का इंतजार कर रही है। बिहार के विकास में बाधक केंद्र सरकार को जनता की समस्या के निदान से मतलब नहीं है। कॉरपोरेट घराने को आर्थिक लाभ दिलाने में केंद्रीय मंत्री अधिक रुचि ले रहे है।
जदयू प्रखंड अध्यक्ष जलाल कादरी ने कहा कि कमरतोड़ महंगाई, बेरोजगारी, गलत शिक्षा नीति, संविधान विरोधी कार्य, किसान विरोधी कानून, संवैधानिक संस्थाओं के दुरूपयोग, और संविधान-लोकतंत्र पर बढ़ते हमले आदि मुद्दों को लेकर महागठबंधन के शीर्ष नेतृत्व के निर्देशानुसार प्रखंड मुख्यालय में धरना दिया गया है। आमजन को केंद्र सरकार की गलत नीति और नीयत से रूबरू करा कर लोगों को जागरूक करना अब अतिआवश्यक हो गया है।
“मोदी जी ने कहा था ‘सबका साथ सबका विकास’ लेकिन ऐसा कुछ नहीं देखा जा रहा है। आदमी को हिन्दू मुसलमान में बांटा जा रहा है। महंगाई चरम सीमा पर है। ईडी और सीबीआई को हतियार बनाकर बोलने वालों की आवाज़ दबाने का काम किया जा रहा है। राहुल गाँधी आवाज़ उठा रहे थे, तो उनकी सदस्य्ता छीन ली गई। राजनीती इतनी भी ओछी नहीं होनी चाहिए। हिन्दू मुसलमान भाईचारा दोबारा लाना है, तो इस सरकार को 2024 में उखाड़ फेंकना होगा,” जलाल कादरी ने कहा।
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