बिहार की पूर्णिया लोकसभ सीट से पूर्व सांसद स्वर्गीय मो. ताहिर के जन्मदिन के मौके पर सामाजिक संगठन कुल्हैया डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन द्वारा शहर की आर्ट गैलरी में एक सेमिनार का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में विभिन्न वक्ताओं ने स्वर्गीय मो. ताहिर की उपलब्धियों और उनके जीवन के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से अपने विचार प्रस्तुत किये।
कार्यक्रम में मौजूद वक्ताओं ने शिक्षा और विकास के क्षेत्र में मो. ताहिर के योगदान को याद किया। लोगों ने कहा कि मो. ताहिर जैसी शख्सियत पर पूर्णिया गौरवान्वित महसूस करता है।
स्वर्गीय ताहिर के भतीजे एडवोकेट इम्तियाज ने बताया कि 1947 में जब भारत और पाकिस्तान का विभाजन हो रहा था, तो उस वक्त सीमांचल और कोसी के इलाके, जो गंगा के इस पार हैं, उसे पूर्वी पाकिस्तान में रखा गया था, लेकिन स्वर्गीय मोहम्मद ताहिर ने यह लड़ाई लड़ी और इस इलाके को हिंदुस्तान में रखवाने का काम किया।
एडवोकेट इम्तियाज़ ने आगे बताया कि आज अगर वे खुद को हिंदुस्तानी कहते हैं तो इसका पूरा श्रेय पूर्व सांसद मोहम्मद ताहिर को जाता है और वह खुद इस परिवार का सदस्य होने पर गौरवान्वित महसूस करते हैं।
कुल्हैया डेवलपमेंट ऑर्गनाइज़ेशन के पूर्णिया जिलाध्यक्ष मो. अनवारुल हक ने बताया कि ऐसे कार्यक्रमों का उद्देश्य नई नस्ल के लोगों को मो. ताहिर के योगदान से रूबरू कराना है ताकि नई नस्ल उनके योगदानों से लाभान्वित हो सके।
“हमलोगों के सेमिनार का मेन फोकस यह था कि अपन पूर्वजों और अपने माजी को याद करें। माजी को याद करके मुस्तकबिल (भविष्य) का सबक कैसे हासिल कर सकते हैं, उसपर हमलोग गामज़न (फिक्रमंद) हों,” उन्होंने कहा।
पूर्णिया के अमौर विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक सबा ज़फर ने इस अवसर पर कहा कि मो. ताहिर कुल्हैया बिरादरी के पहले सांसद हैं और लोगों को ऐसी अजीम शख्सियत की कुर्बानी और संघर्षों को हमेशा याद करते रहना चाहिए।
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सेमिनार में पूर्णिया के पूर्व सांसद पप्पू यादव, अररिया के पूर्व सांसद सरफराज आलम, अमौर के पूर्व विधायक सबा जफर, ज़िला परिषद चेयरमैन प्रतिनिधि ज़ियाऊल कमर, तनवीर मुस्तफा उर्फ़ मुन्ना, एडवोकेट इम्तियाज़, हाजी अनवार, हाजी जफर, डॉ एम इस्लाम, कबीर फौजान, कबीर फरहान सहित सैकड़ों गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
कौन थे पूर्णिया के पहले मुस्लिम सांसद मो. ताहिर
स्वर्गीय मोहम्मद ताहिर किशनगंज लोकसभा क्षेत्र के पहले सांसद थे और उनको पूर्णिया लोकसभा सीट से पहले मुस्लिम सांसद बनने का गौरव भी प्राप्त हुआ था।
वह 1903 में पूर्णिया ज़िले के कसबा प्रखंड स्थित मजगवां गांव में मोहम्मद ताहा के घर पैदा हुए। पूर्णिया के ज़िला स्कूल से पढ़ाई मुकम्मल करने के बाद वह अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी चले गए थे।
स्वर्गीय ताहिर पेशे से वकील थे और मुस्लिम लीग से जुड़े हुए थे। सांसद बनने से पहले वह बिहार विधानसभा में विधायक भी रह चुके थे। वह 1946-50 तक संविधान सभा के सदस्य भी रहे। संविधान निर्माण में उन्होंने महत्वपूर्ण सुझाव भी दिए।
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