यूजी की छह मेधा-सूची में से एक भी पीयू की वेबसाइट व नोटिस बोर्ड पर मौजूद नहीं
पूर्णिया विश्वविद्यालय (पीयू) के अंगीभूत व गैर-अंगीभूत कॉलेजों में अंडर ग्रेजुएट (यूजी) पाठ्यक्रमों में निर्धारित 46891 सीटों पर नामांकन की सार्वजनिक सूचना बीते अगस्त माह में जारी की गयी। कला, विज्ञान, बीकॉम, बीबीए, बीसीए ऑनर्स, बीसीए सेमेस्टर और सीएनडी विषयों के लिए पूर्णिया विश्वविद्यालय की नामांकन समिति ने पहली मेधा-सूची जारी की। इसके जारी होते ही छात्रों की राजनीतिक इकाई ने मेधा-सूची पर आपत्ति जताई और सूची में आरक्षण रोस्टर के अनुपालन में कोताही बरतने का आरोप लगाकर नामांकन समिति को कटघरे में खड़ा कर दिया। नामांकन समिति ने सप्ताह भर से ज्यादा समय के बाद संशोधित मेधा-सूची जारी की।
नामांकन समिति के अनुसार पीयू में बीए पाठ्यक्रम में नामांकन के लिए 33000 सीट, बीएससी में 7486, बीकॉम में 6889 सीटें निर्धारित थीं। इन सीट पर नामांकन के लिए पीयू को 65000 से अधिक आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें बीए के लिए 53205, बीएससी के लिए 6382, बीकॉम के लिए 2305 और वोकेशनल पाठ्यक्रमों में नामांकन के लिए 375 आवेदन प्राप्त हुए। इस वर्ष दुर्गा-पूजा अवकाश (02 अक्टूबर-06 अक्टूबर) से पहले तक पहली संशोधित मेधा-सूची के आधार पर तकरीबन 21000 सीटों पर नामांकन हो गया।
उप-कुलसचिव शैक्षणिक ने 15 अक्टूबर तक दूसरी मेधा-सूची के अनुसार नामांकन स्वीकार करने के आशय का पत्र जारी किया। इसके बाद 17 अक्टूबर को विभिन्न कॉलेजों में तीसरी मेधा-सूची के आधार पर अंडर ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों में नामांकन के लिए पत्र जारी किया गया। शैक्षणिक सत्र 2022-25 के पहले वर्ष में नामांकन के लिए तीन मेधा-सूची जारी करने के बाद भी निर्धारित सीटों में से करीब 21000 पर नामांकन न होने की वजह से सीटें खाली रह गईं।
पीयू के कुछ अधिकारी अनौपचारिक बातचीत में कहते हैं कि सामान्य रूप से अधिकांश उम्मीदवार इंटर में इतिहास, भूगोल, राजनीति शास्त्र जैसे विषय का चुनाव करते हैं, जिस वजह से अंडर ग्रेजुएट में नामांकन में परेशानी हो रही है। मनोविज्ञान, एलएसडब्ल्यू, दर्शनशास्त्र, संगीत जैसे कला के विषयों में पांचवीं मेधा-सूची के बाद भी सीटें रिक्त रहीं।
पीयू ने नहीं जारी किया नामांकन का सूचना बुलेटिन
यह भी सच है कि पीयू ने सन्दर्भित सत्र में नामांकन के लिए विस्तृत सूचना बुलेटिन जारी नहीं की, जिससे उम्मीदवारों को अंडरग्रेजुएट पाठ्यक्रमों के विभिन्न विषयों की जानकारी, नामांकन के लिए उपलब्ध सभी कॉलेजों और उसमें विभिन्न वर्गों के उम्मीदवारों के लिए निर्धारित सीट, नामांकन के लिए विभिन्न पाठ्यक्रम-विशिष्ट पात्रता आदि की जानकारी आसानी से एक ही जगह मिल सके।
इसके बाद नामांकन इच्छुक आवेदक सह उम्मीदवारों के लिए 03 से 05 नवम्बर तक एडिट-विकल्प मुहैया कराया गया। एडिट ऑप्शन के तहत उम्मीदवारों को विषय व कॉलेज बदलने की अतिरिक्त सुविधा मिली। इस विकल्प के जरिये कई उम्मीदवारों ने अपना विषय और रिक्त सीटों का विकल्प चुना।
इसी तरह से अंडरग्रेजुएट नामांकन के लिए कुल छह मेधा-सूची बनाई गई। उप-कुलसचिव शैक्षणिक के पत्र के मुख्य भाग की शुरुआत चार पंक्तियों में मेधा-सूची के बारे में स्पष्ट किया गया कि, “पूर्णिया विश्वविद्यालय द्वारा अमुक मेधा-सूची जारी कर दी गयी है जो पूर्णिया विश्वविद्यालय, पूर्णिया की आधिकारिक वेबसाइट के नामांकन पोर्टल पर उपलब्ध है।”
मेधा-सूची के जारी होने और नामांकन पोर्टल पर उपलब्ध रहने की बात सभी पत्रों में दर्ज है और इसकी प्रतिलिपि पीयू के अध्यक्ष छात्र कल्याण, कुलपति के निजी सहायक, आई.टी प्रकोष्ठ, विश्वविद्यालय के नोटिस बोर्ड और गार्ड फाइल के रूप में प्रेषित करने का जिक्र है। हालांकि, नामांकन प्रक्रिया की शुरुआत और छठी मेधा-सूची के बनने व जारी होने तक पीयू के नोटिस बोर्ड पर एक भी मेधा-सूची उपलब्ध नहीं है। यहाँ तक कि विश्वविद्यालय की आधिकारिक वेबसाइट पर अब तक एक भी मेधा-सूची अपलोड नहीं हुई है। पीयू की वेबसाइट के नामांकन पोर्टल खंड में केवल 287.19 केबी की पीजी कट ऑफ 2021-23 मेधा-सूची के स्थान पर अपलोड की गयी है।
पूर्णिया विश्वविद्यालय अंतर्गत सभी 19 संबद्ध कॉलेजों में विभिन्न पाठ्यक्रमों के तहत निर्धारित सीट की वास्तविक संख्या आधिकारिक वेबसाइट पर मौजूद नहीं है। इसके स्थान पर वेबसाइट पर एक पीडीएफ अपलोड किया गया है जिसमें विश्वविद्यालय के अंडर ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों के लिए स्वीकृत सीटों का उल्लेख है। हालांकि, यहां भी विश्वविद्यालय के जिम्मेदार अधिकारी सह सन्दर्भित पीडीएफ पर हस्ताक्षर करने वाले अधिकारी सीटों की वास्तविक संख्या का उल्लेख किये बिना मात्र विभिन्न कॉलेजों के नाम और उसके अंतर्गत संचालित पाठ्यक्रमों का विषय अंकित कर महज खानापूर्ति करते दिखते हैं। आठ पन्नों व 2.8 एमबी की इस फाइल में कुल 19 संबद्ध कॉलेजों के नाम दर्ज हैं। इसमें अंगीभूत कॉलेजों का ज़िक्र व वहाँ अंडर ग्रेजुएट पाठ्यक्रम के अंतर्गत स्वीकृत सीट की विवरणी और उनकी निर्धारित संख्या का उल्लेख नहीं है।
अंडर ग्रेजुएट नामांकन के दौरान जारी सभी मेधा-सूची पीयू की वेबसाइट पर अनुपलब्ध रहने के मामले में पूछने पर पीयू के छात्र कल्याण अध्यक्ष मरगूब आलम कहते हैं, “हम लोग उन्हें कहते-कहते थक चुके हैं।” ‘उन्हें’ से उनका आशय विश्वविद्यालय के आई.टी प्रकोष्ठ से है।
वेबसाइट पर नहीं अपलोड हुई मेधा-सूची
विश्वविद्यालय के आईटी प्रकोष्ठ के प्रशांत कुमार ने कहा था कि मेधा-सूची सात दिसम्बर को अपलोड की जाएगी और 07-09 दिसम्बर तक नामांकन होगी। लेकिन इस खबर के प्रकाशित होने तक मेधा सूची अपलोड नहीं हुई थी।
यूजी की पहली से लेकर पांचवीं मेधा-सूची के वेबसाइट पर अनुपलब्ध रहने के सवाल पर वह कहते हैं कि वो सब हट गया होगा। जिस समय जो चलता है, वो लगा रहता है।
यूजी की छठी मेधा-सूची की जगह 287.19 केबी की पीजी कट ऑफ 2021-23 संबंधी मेधा-सूची के अपलोड होने के सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि अब पीजी पाठ्यक्रमों के लिए नामांकन की प्रक्रिया चल रही है, इसलिए उसकी मेधा-सूची अपलोड है।
आईटी प्रकोष्ठ के प्रशांत कुमार की बातों में विरोधाभास की कई महीन लेकिन स्पष्ट रेखाएँ नज़र आई। मसलन, नामांकन-प्रक्रिया में मेधा-सूची के जारी होने और आई.टी प्रकोष्ठ को उसकी प्रतिलिपि उपलब्ध कराने की बात का उल्लेख उप-कुलसचिव शैक्षणिक के हर पत्र में है। प्रशांत कुमार के अनुसार पीजी कट ऑफ 2021-23 नामांकन पोर्टल पर अपलोडे है। इसमें विषयवार सभी वर्गों के उम्मीदवारों के लिए निर्धारित कट ऑफ प्रतिशत स्पष्ट उल्लिखित है। फिर, यूजी पाठ्यक्रमों में नामांकन के लिए बनी और जारी हुई छह मेधा-सूची वेबसाइट पर अनुपलब्ध क्यों है?
जब पीजी पाठ्यक्रमों के लिए नामांकन-समयावधि यूजी पाठ्यक्रमों में नामांकन की अवधि का समय एक ही है तो मात्र पीजी कट ऑफ की मेधा-सूची ही क्यों अपलोड है? जब उप-कुलसचिव शैक्षणिक के नामांकन-प्रक्रिया से जुड़ी मेधा-सूची को सूचना पट्ट पर प्रदर्शित करने की बात दर्ज है तो पीयू के सूचना पट्ट पर इसकी अनुपलब्धता क्यों है?
पीयू प्रबंधन ने आईटी प्रकोष्ठ के सिर फोड़ा ठीकरा
गौरतलब हो कि पीयू की वेबसाइट के नामांकन पोर्टल पर उम्मीदवारों द्वारा लॉग इन की व्यवस्था है जिसमें पंजीकृत मोबाइल संख्या और पासवर्ड के जरिये आवंटित सीट और रैंक कार्ड को देखने व डाउनलोड करने की सुविधा है। यह व्यवस्था उम्मीदवार-विशिष्ट है। इसके जरिये किसी कॉलेज में अमुक पाठ्यक्रम अंतर्गत नामांकन योग्य चयनित उम्मीदवारों की सूची व वर्ग आधारित कट ऑफ की जानकारी मिल पाने की सुविधा नदारद है।
विश्वविद्यालय की ओर से सभी कॉलेज को एक नामांकन-सूची भेजी जाती है जिसके आधार पर नामांकन का दावा पदाधिकारियों द्वारा किया जाता है। यह सूची आम हितधारकों के लिए सार्वजनिक नहीं होती। पारदर्शिता के अभाव में करीब पांच माह चली पीयू की नामांकन-प्रक्रिया सवालों के दायरे में है, जिसका जवाब सभी छह मेधा-सूची के सार्वजनिक होने व कॉलेज में चयनित व नामांकित उम्मीदवारों की सूची के ध्यानपूर्वक मिलान में निहित है।
फिलहाल, नामांकन समिति के अधिकारी मेधा-सूची के सार्वजनिक प्रदर्शन में नाकामी का ठीकरा आई.टी प्रकोष्ठ पर फोड़ अपना पल्ला झाड़ते नजर आ रहे हैं। पीयू की स्थापना के समय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा था, ”हम इस विश्वविद्यालय को मॉडल विश्वविद्यालय की तर्ज पर विकसित करेंगे।“ कुलपति प्रो. राजनाथ यादव के नेतृत्व में ऐसा तो नहीं हुआ, मगर, अव्यवस्था के मामले में मॉडल जरूर हो गया है।
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