बीते सोमवार को दोपहर के बाद से लेकर देर रात तक माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर लगातार ‘कटिहार नरसंहार’ ट्रेंड करता रहा। लगभग 25000 से ज्यादा लोगों ने ट्वीट कर इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी। ट्वीट करने वाले ज्यादातर यूजर्स एक ही समुदाय से थे और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को आड़े हाथों ले रहे थे।
दरअसल, 2 दिसंबर को कटिहार जिले के सेमापुर थाना क्षेत्र के मोहना चांदपुर दियारा में शुक्रवार की सुबह के दस बजे से ही लगातार पांच घंटे तक दो पक्षों के बीच जमकर गोलीबारी हुई।
बताया जाता है कि सुनील यादव और मोहना ठाकुर गिरोहों के बाहरी सदस्य भी अत्याधुनिक हथियार से लैस होकर दियारा पहुंचे थे और दोनों ओर से ताबड़तोड़ सैकड़ों राउंड फायरिंग शुरू हो गई। इस गैंगवार में सात लोगों को गोली लगने व पांच के मारे जाने की सूचना है। अब तक चार शवों को बरामद कर लिया गया है।
क्या थी घटना की वजह
घटना के संबंध में बताया जा रहा है कि यह घटना वर्चस्व को लेकर हुई है। कहा जा रहा है कि बकिया दियारा क्षेत्र में मोहना ठाकुर उर्फ मोहन ठाकुर और सुनील यादव उर्फ़ पिकुआ यादव के बीच वर्चस्व को लेकर काफी लंबे समय से गैंगवार चलता रहा है। स्थानीय लोगों की मानें, तो दियारा क्षेत्र में पूर्व में भी कई बार इस तरह की घटनाएं हो चुकी हैं। गोलीबारी की घटना यहां बराबर होती रहती है, यह कोई नई बात नहीं है।
बताया जाता है कि ताजा घटना के पीछे उच्च विद्यालय जोतरामपुर की जमीन को लेकर दो पक्षों में पहले से चला आ रहा विवाद है।
ये दोनों गिरोह भागलपुर जिले के पीरपैंती से सटे बाखरपुर, कटिहार के बरारी समेत झारखंड के साहिबगंज से सटे दियारा क्षेत्रों में सक्रिय हैं। घटनास्थल साहिबगंज, भागलपुर और कटिहार जिले के दियारा क्षेत्र का सेंटर प्वाइंट है।
रविवार को कई बातें चर्चा में आईं कि जब शुक्रवार को गैंगवार शुरू हुआ तो मोहन ठाकुर गुट व सुनील यादव गुट ने अपने-अपने लोगों को जमा किया। जबकि ग्रामीण के मुताबिक, मोहन ठाकुर गुट ने दो तरफ से मोर्चा संभाला था। एक मोर्चा मोहना चांदपुर से फायरिंग करता रहा तो दूसरे गुट ने डहरा दियारा से ताबड़तोड़ फायरिंग की।
घटना की सूचना मिलते ही अतिरिक्त पुलिस बल को दियारा भेजा गया लेकिन तब तक सब कुछ शांत हो चुका था, सिर्फ एक अपराधी का शव बरामद किया गया। ग्रामीणों ने जानकारी दी कि बाकी के शवों को अपराधी उठाकर ले गए हैं।
मृतक की पहचान रंगरा ओपी निवासी अरविंद कुमार के रूप में की गई है। एसपी ने बताया कि मृतक दियारा का कुख्यात था और उसके विरूद्ध जिले के विभिन्न थाना क्षेत्रों में तकरीबन एक दर्जन हत्या, लूट, आर्म्स एक्ट के मामले दर्ज हैं। बीते कई वर्षों से वह फरार चल रहा था।
6 दिसंबर को पुलिस के सर्च अभियान में मनिहारी थाना क्षेत्र के कमालपुर दियारा से तीन शव बरामद किए गए, जिनकी पहचान सोनू यादव, राहुल यादव और लालू यादव के रूप में की गयी थी।
कटिहार का दियारा
बिहार के कटिहार ज़िले से होकर कई नदियां बहती हैं जिनमें भारत की सबसे प्रमुख नदी गंगा भी है। नदियों में पानी कम हो जाने के बाद दोनों किनारे बहुत ही उपजाऊ जमीन निकलती है और इस पर उगी फसल सोने के भाव में बिकती है।
जिले का दियारा क्षेत्र 110 किलोमीटर से भी अधिक है, जो सीमावर्ती क्षेत्र भागलपुर, साहेबगंज तथा पश्चिम बंगाल से जुड़ता है। कटिहार की बात करें, तो जिले के कुरसेला, बरारी, सेमापुर, मनसाही, मनिहारी, अमदाबाद थाने में विस्तृत रूप से फैला हुआ है। इन दियारा क्षेत्रों में वर्चस्व को लेकर अक्सर गैंगवार व गोलीबारी होती रहती है।
कटिहार के बकिया डहरा दियारा की सीमा भागलपुर के पीरपैंती प्रखंड से लगती है। दोनों गिरोहों ने उड़द (एक प्रकार की दाल) की फसल हड़पने के लिए भागलपुर जिले के पीरपैंती प्रखंड के बाखरपुर, कटिहार के बरारी समेत झारखंड के साहेबगंज से लगे दियारा में आतंक मचा रखा है। ग्रामीणों के अनुसार पिकुआ यादव हाल ही में जेल से जमानत पर छूटा था, मोहना ठाकुर की मां बरारी के चांदपुर पंचायत की मुखिया हैं। मोहना कटिहार जिले के मोहना चांदपुर का रहने वाला है और इसका आपराधिक इतिहास है जबकि पिकुआ यादव बकिया सुखाए का निवासी है।
दियारा में वर्चस्व की लड़ाई पानी के उतरने के साथ होती है। बारिश के मौसम में जब गंगा व कोसी में उफान रहता है तो सभी दियारा क्षेत्र को छोड़कर ऊंचे स्थल पर शरण लेते हैं। खेतों की भी कुछ स्थिति ऐसी ही होती है। पानी के उतरते ही पुनः उस जमीन पर कब्जे को लेकर वर्चस्व की लड़ाई शुरू हो जाती है। अलग-अलग गुट गंगा के तटीय क्षेत्र की जमीन पर कब्जा जमाने को लेकर गोलीबारी करते हैं।
हालांकि इस घटना में एक और चीज सामने आई है जिसे एक ग्रामीण ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि दियारा की यह घटना दो जमींदार भाई की आपसी रंजिश का नतीजा है। सत्तन सिंह सेमापुर (जिला कटिहार) और निरंजन सिंह बाखरपुर (पीरपैती, जिला भागलपुर) का रहने वाला है और दोनों रिश्ते में भाई हैं, बकिया दियारा में दोनों भाइयों के बीच जमीन का आपसी पुराना विवाद है।
सत्तन सिंह मोहन ठाकुर का इस्तेमाल करता है जबकि निरंजन सिंह पिकुआ यादव का। दोनों तरफ से ज्यादातर अपराधियों के रूप में स्थानीय यादव वर्ग के ही लोग होते हैं और इसी का नतीजा है कि इस गैंगवार मरने वालों में सभी यादव वर्ग के लोग हैं।
दियारा में गोलियों की तड़तड़ाहट प्रखंड अनुमंडल तक गूंजती है। मगर, घटना के बाद जब तक पुलिस घटनास्थल तक पहुंचती है तब तक सब कुछ शांत हो जाता है।
कटिहार के एसपी जितेंद्र कुमार ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि दियारा क्षेत्र कई हजार एकड़ में फैला है जो भागलपुर, साहिबगंज जैसे जिलों से सटा हुआ है। यहां गोलीबारी की यह घटना साफ तौर पर दो अलग-अलग आपराधिक गुटों की वर्चस्व की आपसी लड़ाई है।
बिहार तक को दिए एक इंटरव्यू में मोहना ठाकुर ने अपने ऊपर लगे आरोपों को निराधार बताया और इसे अवधेश यादव और पिकुआ यादव के बीच लड़ाई बताते हुए प्रशासन से निष्पक्ष जाँच कि मांग कि है।
जातीय वर्चस्व की बात
बिहार में जातीय वर्चस्व की लड़ाई काफी पुरानी है। पूर्व में कई नरसंहार हो चुके हैं। इस घटना को भी स्थानीय लोग नरसंहार का नाम दे रहे हैं। सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि यह लड़ाई भूमिहार बनाम यादव की है। हालांकि स्थानीय प्रशासन की ओर से ऐसी पुष्टि नहीं की गई है। पीड़ित परिवार का दावा है कि रंगदारी नहीं देने के कारण यह हत्या की गई है। पुलिस ने इस मामले में पांच लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। दियारा में ही पुलिस घटना के बाद कैंप कर रही है।
दो गिरोह के बीच हुए इस गैंगवार में मूलतः देखा जाय तो दोनों अपराधियों का सरगना अलग – अलग जाति वर्ग से है, और दियारा क्षेत्र में आपसी वर्चस्व को लेकर दोनों की टीम में अधिकांश एक ही वर्ग जाति के लोगों का दबदबा रहता है। किसी भी एक जाति वर्ग को टारगेट करने और हत्या करने की बात सही नहीं प्रतीत होती है, ऐसे में किसी एक वर्ग के द्वारा दूसरे जाति वर्ग की हत्या की बात सोशल मीडिया की उपज ही माना जा सकता है न की जमीनी हकीकत।
एसपी जितेंद्र कुमार जाति विशेष को टारगेट करने की बात को बिल्कुल अफवाह बताते हुए कहते हैं कि वहां की इस घटना में कई जातियों के लोग हैं, एक जाति को टारगेट करने की बात निराधार है। यह घटना दो गिरोह के बीच की आपसी लड़ाई है। मोहन और अवधेश के द्वारा इस घटना को अंजाम दिया गया है। दोनों पर कई आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं और गोलीबारी में मारे जाने वाले लोगों पर भी कई तरह के संगीन धाराओं में आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। अब तक चार बॉडी बरामद की जा चुकी है और एक की तलाश जारी है। कांड दर्ज होने के बाद पांच नामजद अभियुक्तों की गिरफ्तारी हो चुकी है। घटना के बाद से 200 फोर्स इलाके में तैनात है साथी एसटीएफ को भी तैनात किया गया है।
एसपी जितेंद्र कुमार ने सभी से अपील की है की यह एक प्योर आपराधिक मामला है इसको किसी भी तरह से कोई और रंग न दिया जाए।
आपत्तिजनक पोस्ट के मामले में एफआईआर
कटिहार के मोहना चांदपुर दियारा में गैंगवार में हुई मौत की खबर सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है। इस घटना को लेकर कथित तौर पर जातीय भावना भड़काने वाले कुछ पोस्ट भी वायरल हैं। इन पोस्टों को पुलिस ने गंभीरता से लिया है।
कटिहार पुलिस ने रविवार देर रात एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि इस तरह की खबर को वायरल करना कानूनन अपराध है। पुलिस ने इस तरह के पोस्ट लिखने वाले दो लोगों के खिलाफ कार्रवाई भी की है। कटिहार नगर (सहायक) थाने में दोनों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।
इस संदर्भ में पुलिस अधीक्षक जितेंद्र कुमार ने कहा कि कोई भी वर्ग विशेष के विरुद्ध भड़काऊ मैसेज पोस्ट करना या फॉरवर्ड कर वायरल करना कानूनन अपराध है। अगर किसी व्यक्ति के द्वारा भड़काऊ मैसेज को फॉरवर्ड या वायरल किया जाता है, तो उनके विरूद्ध भी उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
राजनीतिक आरोप प्रत्यारोप
जाप सुप्रीमो पप्पू यादव ने घटना के बाद इसे भाजपा से जोड़ा है, माले विधायक महबूब आलम ने भी इसे भाजपा की साजिश बताया। हालांकि पूर्व उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने इन आरोपों को निराधार और हास्यास्पद कहा।
बिहार बीजेपी के प्रवक्ता डॉ. निखिल आनंद ने जेडीयू-राजद पर बड़ा हमला बोला है। बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि बिहार को एक बार फिर से जाति की लड़ाई में झोंकने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने लगातार तीन ट्वीट कर सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने कहा है, ”नीतीश पीएम और तेजस्वी सीएम बनना चाहते हैं, लेकिन कटिहार में गैंगवार के नाम पर हो रहे जातिवादी नरसंहार पर दोनों चुप क्यों? यादव- भूमिहार मत करो। किसी से सहानुभूति, किसी से ईर्ष्या मत दिखाओ। अपराधी किसी भी जाति का हो, योगी स्टाइल में सीधा ठोको।”
बिहार सरकार कटिहार गैंगवार के नामपर जातिवादी नरसंहार को लेकर विधानमंडल सदस्यों की संयुक्त समिति 5दिन के दौरे पर भेजे।
वहाँ अपराधियों से पुलिस-प्रशासन का गठजोड़ है जिसको नीतीश सरकार का संरक्षण है।
नरसंहार पीड़ितों को सरकार सुरक्षा- मुआवजा दे। #Katihar_Masscare #कटिहार_नरसंहार pic.twitter.com/qdb0zFGUzA
— Nikhil Anand (@NikhilAnandBJP) December 13, 2022
बीजेपी प्रवक्ता ने आगे लिखा है,”बिहार सरकार कटिहार गैंगवार के नामपर जातिवादी नरसंहार को लेकर विधानमंडल सदस्यों की संयुक्त समिति 5 दिन के दौरे पर भेजे। वहाँ अपराधियों से पुलिस-प्रशासन का गठजोड़ है जिसको नीतीश सरकार का संरक्षण मिला हुआ है। नरसंहार पीड़ितों को सरकार सुरक्षा और मुआवजा दे।”
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इधर, पप्पू यादव पीड़ित परिवार से मिलने आए थे, तो उन्होंने कहा कि मोहना ठाकुर को राजनीतिक संरक्षण मिला हुआ, इसको पुलिस या जो भी मार देगा, उसे 2 लाख का इनाम दिया जाएगा।
उन्होंने भाजपा एमएलसी अशोक अग्रवाल पर मोहना ठाकुर को संरक्षण देने का आरोप लगाया है। उन्होंने दियारा में बिहार पुलिस की जगह बीएमपी कैंप देने, मोहना ठाकुर को गिरफ्तार करने, दियारा में दबंगों द्वारा दूसरे की जमीन जबरन जोतने वालों को चिह्नित करने की मांग की।
बरारी से राजद के पूर्व विधायक नीरज कुमार ने ट्वीट कर जानकारी दी कि मोहना चांदपुर दियारा में हुए घटनाक्रम के महज कुछ घंटों बाद ही वहां आउटपोस्ट (ओपी) बनाने का निर्णय लिया है, ताकि आगे इस तरह की घटना कि पुर्नावृत्ति न हो। उन्होंने कहा कि डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव, राजद और बिहार सरकार मृतकों के परिजनों के साथ खड़े हैं और हर संभव मदद की जा रही है।
मोहना चाँदपुर दियरा में हुए घटनाक्रम के महज कुछ घंटो बाद ही वहां ओ.पी सृजन का निर्णय लिया है, जिससे आगे इस घटना कि पुर्नावृत्ति न हो हमारे नेता मा. उप-मुख्यमंत्री श्री @yadavtejashwi जी, पूरी पार्टी एवं बिहार सरकार मृतको के परिजनों के साथ खड़ी है और हर संभव मदद कर रही है। https://t.co/ai3qFOkh1V
— Neeraj Kumar MLA (@NeerajKumarMLA) December 11, 2022
आरजेडी के मीडिया इंचार्ज और प्रवक्ता अरुण कुमार यादव ने ट्वीट कर कहा, “यह नरसंहार की घटना नहीं है बल्कि गैंगवार है। दियारा में वर्चस्व की लड़ाई में चार लोगों की जान गई है। घटना के मुख्य आरोपी मोहन ठाकुर और अवधेश यादव हैं। पुलिस प्रशासन मुस्तैदी से काम कर रही है। दोषियों को कठोर सजा मिलेगी।”
#कटिहार_नरसंहार के नाम पर तेजस्वी जी को कोसने वाले जान लो, यह नरसंहार की घटना नहीं है बल्कि गैंगवार है। दियारा में वर्चस्व की लड़ाई में चार लोगों की जान गई है।
घटना के मुख्य आरोपी मोहन ठाकुर और अवधेश यादव है। पुलिस प्रशासन मुस्तैदी से काम कर रही है। दोषियों को कठोर सजा मिलेगी।
— Arun Kumar Yadav (@Arunrjd) December 12, 2022
क्या कर रहा प्रशासन?
एसपी जितेंद्र कुमार ने घटना के बाद मीडिया को जानकारी दी कि यहां अपराधी लड़ते-भिड़ते रहे हैं। तीन थानों की पुलिस अपराधियों की तलाश में सर्च ऑपरेशन चला रही है। उन्होंने बताया कि अपराधी भागलपुर-झारखंड के साहिबगंज और बरारी सेमापुर नजदीक होने का फायदा उठाते हैं। इस इलाके से संपन्न किसान अपने परिवार के साथ पलायन कर चुके हैं।
कटिहार पुलिस ने घटना के बाद कांड संख्या 403/22 के तहत मामला दर्ज कर लिया है जिसमें में कुल 23 लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया गया जिसमें 5 आरोपियों की गिरफ्तारी भी हो चुकी है।
स्थानीय लोगों की मानें, तो यहां सोना उपजने वाली जमीन पर बंदूक से कब्जा होता आया है। इस मामले में स्थानीय थाना प्रभारी को लापरवाही बरतने के आरोप में निलंबित कर दिया गया है।
पूर्णिया प्रक्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक सुरेश चौधरी के निर्देश पर बकिया दियारा में स्थायी थाना/ओपी बनाया जा रहा है, जिससे स्थानीय लोगों को प्रशासनिक सहयोग के साथ भयमुक्त वातावरण मिल सके।
ओपी में एक प्रभारी और आधा दर्जन पुलिस पदाधिकारी, एएसआई, आर्म्स बल और लाठी बल आदि को पदस्थापित किया जाएगा। इसका प्रस्ताव राज्य मुख्यालय को भेजा गया है। मुख्यालय से स्वीकृति मिलने ही ओपी निर्माण कार्य की प्रक्रिया तेज कर दी जायेगी।
आईजी ने कहा कि दियारा का क्षेत्रफल बढ़ रहा है। बढ़ती आबादी व क्राइम का ग्राफ को देखते हुए मोहनाचांदपुर में ओपी की स्थापना वर्तमान समय की जरूरत है।
इसके अलावा जहां-जहां पर आपराधिक घटनाएं हो चुकी हैं, वहां पर पक्का भवन वाली पिकेट स्थापित की जाएगी।
साथ ही निरंतर छापेमारी अभियान चलाने के लिए 1 कंपनी यानी 100 बीएमपी फोर्स तैनात किया गया है। आईजी सुरेश चौधरी ने दियारा निरीक्षण करने के बाद कहा कि हत्याकांड में मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए पटना से एसटीएफ की दो टीमें दियारा में निरंतर गश्ती और छापेमारी कर रही हैं।
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