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Darjeeling Panchayat Elections: किन मुद्दों पर हो रहा है चुनाव?

पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिले में 23 साल बाद पंचायत चुनाव होने जा रहा है। इस बार चुनाव में तृणमूल कांग्रेस और भारतीय गोरखा प्रजातांत्रिक मोर्चा यानी BGPM गठबंधन में है, जिसका नेतृत्व BGPM के नेता अनित थापा कर रहे हैं। वहीं उनके सामने भाजपा की आठ पार्टियों वाले महागठबंधन की चुनौती है।

Sumit Dewan Reported By Sumit Dewan |
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पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिले में 23 साल बाद पंचायत चुनाव होने जा रहा है। इस बार चुनाव में तृणमूल कांग्रेस और भारतीय गोरखा प्रजातांत्रिक मोर्चा यानी BGPM गठबंधन में है, जिसका नेतृत्व BGPM के नेता अनित थापा कर रहे हैं। वहीं उनके सामने भाजपा की आठ पार्टियों वाले महागठबंधन की चुनौती है। भाजपा के इस महागठबंधन को United Gorkha Alliance नाम दिया गया है। इसका नेतृत्व दार्जिलिंग सांसद राजू बिष्ट कर रहे हैं।

दार्जिलिंग में देश के बाकी हिस्सों की तरह त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव नहीं होते हैं। यहाँ आखिरी त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 1983 में हुआ था। 1988 में Darjeeling Gorkha Hill Council बनने के बाद ही दार्जिलिंग जिला परिषद को भंग कर दिया गया था। 2012 में Darjeeling Gorkha Hill Council की जगह Gorkhaland Territorial Administration यानी GTA की स्थापना की गई। पिछले साल हुए GTA चुनाव में BGPM ने जीत हासिल की है।

8 जुलाई को दार्जिलिंग में ग्राम पंचायत और पंचायत समिति की कुल 598 सीटों के लिए वोटिंग होगी। दार्जिलिंग में आखिरी बार वर्ष 2000 में पंचायत चुनाव हुए थे। साल 2005 में गोरखा राष्ट्रीय मुक्ति मोर्चा ने यह कहते हुए पंचायत चुनावों का विरोध किया था कि पंचायत चुनाव होने से पंचायत समिति की कार्यशक्ति Darjeeling Gorkha Hill Council के साथ टकराएगी। इस विरोध के कारण दार्जिलिंग में दो दशकों से भी अधिक समय तक पंचायत चुनाव नहीं हुए।


लंबे समय से चुनाव न होने से दार्जिलिंग के पंचायती इलाकों में विकास काफी पीछे छूट गया है। सुखियापोखरी निवासी प्रशील तामांग पहली बार पंचायत चुनाव में अपना वोट डालेंगे, उन्होंने बताया कि उनके इलाके में पेयजल जैसी मूलभूत सुविधाएं नदारद हैं, जिसके कारण उन्हें पीने के पानी के लिए घर से काफी दूर जाना पड़ता है।

गोराबारी मार्गरेट्स होप वार्ड संख्या 8 की रहने वाली आशा ठाकुरी चार लोगों के परिवार में एकलौती कमाने वाली सदस्य हैं। वह एक बोसीदा से मकान में रहती हैं। आशा कहती हैं कि वह दशकों से वोट डाल रही हैं, लेकिन अब तक उन्हें सरकारी आवास योजना का लाभ नहीं मिला है, 23 साल बाद हो रहे पंचायत चुनाव से उन्हें बड़ी आशाएं हैं।

शैलेश दीवान गोराबारी मार्गरेट्स होप ग्राम पंचायत के वार्ड संख्या 7 के वार्ड सदस्य प्रत्याशी हैं। BGPM की तरफ से चुनाव लड़ रहे शैलेश कहते हैं कि पंचायत चुनाव का मकसद होता है कि इलाके की जो बुनियादी समस्याएं हैं उन मुद्दों पर चुनाव लड़ा जाए लेकिन दार्जिलिंग में अक्सर लोग इन चुनावों में गोरखालैंड का नारा लगाकर वोट मांगते हैं। उनके अनुसार ऐसा करने से इलाके में विकास पीछे छूट जाता है।

गोराबारी मार्गरेट्स होप वार्ड संख्या 7 के एक अन्य वार्ड सदस्य प्रत्याशी तिलक राय ने कहा कि घाटी में लंबे समय से पंचायत चुनाव नहीं होने से यहाँ के लोग बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं। निर्दलीय उम्मीदवार तिलक ने आगे कहा कि अगर चुनाव में उनकी जीत होती है, तो वह वार्ड के लोगों तक बुनियादी सहूलियतें पहुंचाने की दिशा में काम करेंगे।

निलन धमाला जोरबंगला सुखिया पोखरी पंचायत समिति के गोराबारी मार्गरेट्स होप क्षेत्र से निर्दलीय प्रत्याशी हैं। वह गोराबारी मार्गरेट्स होप क्षेत्र से सबसे युवा पंचायत समिति उम्मीदवार भी हैं। उन्होंने कहा कि चुनाव लड़ने के पीछे उनका उद्देश्य इस इलाके की राजनीति से गुंडाराज खत्म करना और दार्जिलिंग वासियों को सरकारी सहूलियतें देना है।

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सुमित दिवान पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग ज़िले की ख़बरों पर नज़र रखते हैं।

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