जुलाई 2011 में राज्य की ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस सरकार व केंद्र की कांग्रेस सरकार और बिमल गुरुंग के बीच त्रिपक्षीय समझौता हुआ। जिसके बाद गोरखालैंड टेरिटोरियल एडमिनिस्ट्रेशन (GTA) बना। छह साल…
दार्जिलिंग के खूबसूरत पहाड़ों के बीच दिनचर्या के ये संघर्ष अपने आप में एक विडम्बना है। पश्चिम बंगाल का दार्जिलिंग भले ही एक टूरिस्ट डेस्टिनेशन के तौर पर मशहूर है, लेकिन यहाँ के…
अब जबकि 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव को बस कुछ ही महीने बचे हैं, तो यह सवाल उठना लाजिमी है कि इस चुनाव में दार्जिलिंग से सांसद कौन होगा? इस बारे में…
वर्तमान परिस्थिति पर चाय उद्योग के जानकारों का कहना है कि उत्तर बंगाल के बाजारों में पैकेट-बंद चाय के बाजार में दक्षिण भारत की चाय ने धीरे-धीरे घुसपैठ कर ली है। 50, 100,…
पश्चिम बंगाल: दार्जिलिंग जिले के खोरीबारी थाना अंतर्गत एसएसबी 41वीं बटालियन की पानी टंकी इंडो-नेपाल सीमा पर तैनात बीआईटी कर्मियों ने एक चीनी नागरिक को हिरासत में लिया है। उसका नाम योंगजिन पेंग…
पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव में दार्जिलिंग पार्वत्य क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का जादू नहीं चल पाया। जबकि, दार्जिलिंग लोकसभा सीट पर भाजपा एक नहीं, दो नहीं बल्कि लगातार तीन बार से…
पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिले में 23 साल बाद पंचायत चुनाव होने जा रहा है। इस बार चुनाव में तृणमूल कांग्रेस और भारतीय गोरखा प्रजातांत्रिक मोर्चा यानी BGPM गठबंधन में है, जिसका नेतृत्व…
पश्चिम बंगाल में 8 जुलाई को पंचायत चुनाव होनेवाला है। यूं तो यह पंचायत चुनाव राज्य के सभी जिलों में हो रहा है, लेकिन सबसे दिलचस्प मामला दार्जिलिंग पार्वत्य क्षेत्र का है।
38 साल पहले इस सड़क के कुछ हिस्से में पत्थर डाले गये थे लेकिन तब से आज तक इसे पक्का नहीं किया गया और न ही कोई मरम्मत ही हुई। सड़क की हालत…
पश्चिम बंगाल और असम में चाय बागान के श्रमिकों को फिलहाल 232 रुपए दिहाड़ी की दर से मज़दूरी दी जाती है। त्रिपुरा और बिहार के किशनगंज को छोड़ दें तो यह देश में…
पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग सहित अन्य जिलों के चाय बागानों में हज़ारों की तादाद में ऐसे मज़दूर हैं, जो दशकों से बिना भूमि पट्टा के रह रहे हैं।
पश्चिम बंगाल राज्य सरकार राज्य में चाय बागान क्षेत्रों में गरीब मजदूरों को अपनी ओर से जमीन का पट्टा देकर जमीन का मालिकाना हक और उस पर बना-बनाया पक्का घर दे रही है…
आज से 10 बरस पहले यानी 2012 का ही आंकड़ा देखें, तो असम में 429 करोड़, तमिलनाडु में 70 करोड़, पश्चिम बंगाल में 30 करोड़ व केरल में 27 करोड़ रुपये बकाया हैं।
बिहार के पूर्णिया जिले में एक बस में महिला से दुष्कर्म की कोशिश की जा रही थी, तो महिला खुद की आबरू बचाने के लिए चलती बस से कूद गई।
पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिले के पुलबाज़ार प्रखण्ड अंतर्गत जोरबंगलो मार्ग्रेट्स होप चायबागान में काम करने वाले श्रमिक रोज़ाना जोखिम भरे रास्ते से काम पर जाते हैं।