दार्जीलिंग सीट से BJP के Raju Bista चुनाव जीत चुके हैं। उन्होंने TMC के गोपाल लामा को 178525 वोटों के बड़े अन्तर से चुनाव हरा दिया है। इस सीट पर कांग्रेस के उम्मीदवार…
दार्जिलिंग के वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य में बीपी. बजगाईं ही वह प्रथम व्यक्ति हैं जिन्होंने सर्वप्रथम 'भूमिपुत्र' बनाम 'बाहरी' का नारा दिया। दार्जिलिंग जिला के पर्वतीय क्षेत्र कर्सियांग से भाजपा विधायक बी.पी. बजगाईं ने…
गोपाल लामा का जन्म दार्जिलिंग जिले के दार्जिलिंग पर्वतीय क्षेत्र के कर्सियांग महकमा में टुंग के पास गैरीगांव में हुआ था। उन्होंने प्रारंभिक शिक्षा दार्जिलिंग पर्वतीय क्षेत्र से ही पूरी की। फिर, सेना…
दार्जिलिंग, पश्चिम बंगाल में चाय उत्पादन करने वाला सबसे बड़ा जिला है। चाय बागान श्रमिकों का कहना है कि महंगाई के जमाने में उन्हें 250 रुपये प्रति दिन की मजदूरी दी जाती है,…
जुलाई 2011 में राज्य की ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस सरकार व केंद्र की कांग्रेस सरकार और बिमल गुरुंग के बीच त्रिपक्षीय समझौता हुआ। जिसके बाद गोरखालैंड टेरिटोरियल एडमिनिस्ट्रेशन (GTA) बना। छह साल…
दार्जिलिंग के खूबसूरत पहाड़ों के बीच दिनचर्या के ये संघर्ष अपने आप में एक विडम्बना है। पश्चिम बंगाल का दार्जिलिंग भले ही एक टूरिस्ट डेस्टिनेशन के तौर पर मशहूर है, लेकिन यहाँ के…
अब जबकि 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव को बस कुछ ही महीने बचे हैं, तो यह सवाल उठना लाजिमी है कि इस चुनाव में दार्जिलिंग से सांसद कौन होगा? इस बारे में…
वर्तमान परिस्थिति पर चाय उद्योग के जानकारों का कहना है कि उत्तर बंगाल के बाजारों में पैकेट-बंद चाय के बाजार में दक्षिण भारत की चाय ने धीरे-धीरे घुसपैठ कर ली है। 50, 100,…
पश्चिम बंगाल: दार्जिलिंग जिले के खोरीबारी थाना अंतर्गत एसएसबी 41वीं बटालियन की पानी टंकी इंडो-नेपाल सीमा पर तैनात बीआईटी कर्मियों ने एक चीनी नागरिक को हिरासत में लिया है। उसका नाम योंगजिन पेंग…
पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव में दार्जिलिंग पार्वत्य क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का जादू नहीं चल पाया। जबकि, दार्जिलिंग लोकसभा सीट पर भाजपा एक नहीं, दो नहीं बल्कि लगातार तीन बार से…
पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिले में 23 साल बाद पंचायत चुनाव होने जा रहा है। इस बार चुनाव में तृणमूल कांग्रेस और भारतीय गोरखा प्रजातांत्रिक मोर्चा यानी BGPM गठबंधन में है, जिसका नेतृत्व…
पश्चिम बंगाल में 8 जुलाई को पंचायत चुनाव होनेवाला है। यूं तो यह पंचायत चुनाव राज्य के सभी जिलों में हो रहा है, लेकिन सबसे दिलचस्प मामला दार्जिलिंग पार्वत्य क्षेत्र का है।
38 साल पहले इस सड़क के कुछ हिस्से में पत्थर डाले गये थे लेकिन तब से आज तक इसे पक्का नहीं किया गया और न ही कोई मरम्मत ही हुई। सड़क की हालत…
पश्चिम बंगाल और असम में चाय बागान के श्रमिकों को फिलहाल 232 रुपए दिहाड़ी की दर से मज़दूरी दी जाती है। त्रिपुरा और बिहार के किशनगंज को छोड़ दें तो यह देश में…
पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग सहित अन्य जिलों के चाय बागानों में हज़ारों की तादाद में ऐसे मज़दूर हैं, जो दशकों से बिना भूमि पट्टा के रह रहे हैं।