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दशकों से सड़क के लिए तरस रहा है दार्जिलिंग का ये गाँव

38 साल पहले इस सड़क के कुछ हिस्से में पत्थर डाले गये थे लेकिन तब से आज तक इसे पक्का नहीं किया गया और न ही कोई मरम्मत ही हुई। सड़क की हालत…

दार्जिलिंग के चाय बागान श्रमिक ₹232 में मज़दूरी करने पर मजबूर

पश्चिम बंगाल और असम में चाय बागान के श्रमिकों को फिलहाल 232 रुपए दिहाड़ी की दर से मज़दूरी दी जाती है। त्रिपुरा और बिहार के किशनगंज को छोड़ दें तो यह देश में…

भूमि पट्टा देने के बावजूद सीएम ममता से दार्जिलिंग के चाय बागान श्रमिक नाराज

पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग सहित अन्य जिलों के चाय बागानों में हज़ारों की तादाद में ऐसे मज़दूर हैं, जो दशकों से बिना भूमि पट्टा के रह रहे हैं।

सरकार दे रही मुफ्त जमीन व घर, गरीब-मजदूर कह रहे, नहीं चाहिए!

पश्चिम बंगाल राज्य सरकार राज्य में चाय बागान क्षेत्रों में गरीब मजदूरों को अपनी ओर से जमीन‌ का पट्टा देकर जमीन का मालिकाना हक और उस पर बना-बनाया पक्का घर दे रही है…

चाय बागान मजदूरों का करोड़ों दबाए बैठे हैं मालिकान!

आज से 10 बरस पहले यानी 2012 का ही आंकड़ा देखें, तो असम में 429 करोड़, तमिलनाडु में 70 करोड़, पश्चिम बंगाल में 30 करोड़ व केरल में 27 करोड़ रुपये बकाया हैं।

दुष्कर्म से बचने के लिए चलती बस से कूदी महिला

बिहार के पूर्णिया जिले में एक बस में महिला से दुष्कर्म की कोशिश की जा रही थी, तो महिला खुद की आबरू बचाने के लिए चलती बस से कूद गई।

दार्जिलिंग: भूस्खलन से बर्बाद सड़क की नहीं हुई मरम्मत, चाय बागान श्रमिक परेशान

पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिले के पुलबाज़ार प्रखण्ड अंतर्गत जोरबंगलो मार्ग्रेट्स होप चायबागान में काम करने वाले श्रमिक रोज़ाना जोखिम भरे रास्ते से काम पर जाते हैं।

सुभाष चंद्र बोस जयंती विशेष: दार्जिलिंग की पहाड़ियों में नेता जी ने बनाई थी ‘द ग्रेट एस्केप’ की योजना!

ब्रिटिश हुकूमत से भारत की आजादी के लिए नेता जी की जर्मनी से मदद की चाहत व गतिविधियों को अंग्रेज सरकार भी भांप गई थी, इसलिए उन्हें आए दिन गिरफ्तार किया जाता था।

बागडोगरा: चायबागान के पास दिखे तेंदुए के दो शावक

शुक्रवार की सुबह बागडोगरा रेंज के कर्सियांग डिवीजन क्षेत्राधिकार अंतर्गत मूनी चाय बागान सेक्शन-24 में तेंदुए के दो शावक देखे गए।

दार्जिलिंग: गांवों की सड़क खस्ताहाल, दशकों से नहीं हुई मरम्मत

दार्जिलिंग जिला अंतर्गत सोम फाटक से बालुवास तक जाने वाली सड़क जर्जर हो चुकी है। यह 9 KM लंबी मुख्य सड़क 10 से 12 गांवों की करीब साढे 5000 जनसंख्या के लिए आने-जाने…

Orange Farming in Darjeeling: संतरे के लिए प्रख्यात दार्जिलिंग में संतरा उत्पादन दम तोड़ रहा

दार्जिलिंग के संतरे हमेशा से प्रसिद्ध रहे हैं लेकिन पिछले दो तीन सालों में इसके उत्पादन में भारी कमी आने से यहां के किसानों को वादी के इस पारंपरिक फल उत्पादन के अंत…

दार्जिलिंग में रेड पांडा

लाल पांडा भारत, नेपाल, भूटान और म्यांमार के उत्तरी पहाड़ों और दक्षिणी चीन के जंगलों में पाए जाते हैं। ये अक्सर वृक्ष पर बसेरा जमाते हैं।

दार्जिलिंग: सड़क के लिए गड्ढा खोद छोड़ा, अब उससे लैंडस्लाइड में बर्बाद हो रहे घर

रास्ता अधूरा रह जाने से ग्रामीण भूस्खलन यानी लैंडस्लाइड से परेशान हैं। ग्रामीण अशोक सुब्बा के घर के नीचे भूस्खलन से उनका घर क्षतिग्रस्त हो गया, लेकिन अब तक कोई सरकारी मदद नहीं…

FIFA World Cup: मिनी कतर बना दार्जिलिंग, फुटबॉल खिलाड़ियों-झंडों से पटा पहाड़

दार्जिलिंग में जिधर देखिये उधर फुटबॉल खिलाड़ियों के पोस्टर और उनके देशों के झंडे दिखेंगे। खासतौर पर जर्सी और झंडे बेचने वाली दुकानों में काफी भीड़ देखी जा रही है।

सेवक ब्रिज: एक ब्रिज, हजार दावे लेकिन हकीकत कुछ और

सिलीगुड़ी: एक ब्रिज है। उस ब्रिज को लेकर दावे हजार हैं। मगर, हकीकत कुछ और ही है। किसी ने कहा, “डीपीआर (डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट) की समस्या थी, वह दूर हो गई है। अब…

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अररिया में एक फैसले से पांच हज़ार आदिवासी-दलित हो जाएंगे बेघर

‘हम चाहते थे बेटा पढ़ाई करे, मज़दूरी नहीं’, नेपाल में मरे मज़दूरों की कहानी

किशनगंज का नेहरू कॉलेज, जहाँ 21 एकड़ के कैंपस में छात्र से ज़्यादा मवेशी नज़र आते हैं

ज़मीन पर विफल हो रही ममता बनर्जी सरकार की ‘निज घर निज भूमि योजना’

महादलित गाँव के लिए 200 मीटर रोड नहीं दे रहे ‘जातिवादी’ ज़मींदार!