अररिया: बिहार राज्य स्कूल अध्यापक नियुक्ति नियमावली में संशोधन कर डोमेसाइल सिस्टम को समाप्त कर दिया गया है। अब दूसरे राज्य के अभ्यर्थी बिहार में शिक्षक बन सकते हैं। इस संशोधन से बिहार के स्थानीय शिक्षक अभ्यर्थियों में रोष है। शिक्षक अभ्यर्थियों ने नाराजगी जताते हुए मौजूदा सरकार पर स्थानीय बिहारियों के साथ सौतेला रवैया अपनाने और हकमारी करने का आरोप लगाया है।
शिक्षक अभ्यर्थियों का कहना है कि प्रधानमंत्री का सपना देखना अच्छी बात है, लेकिन खुद को प्रधानमंत्री बनाने के सपनों को साकार करने के लिए अपने राज्य के ही निवासियों का हक़ छीनकर पूरे देश में बांट देना बहुत ही अन्यायपूर्ण व्यवहार है। मौजूदा समय में यदि आंकलन किया जाए, तो लगभग सभी राज्यों में डोमेसाइल सिस्टम को मजबूती से लागू किया जा रहा है।
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शिक्षक अभ्यर्थियों ने कहा कि अन्य राज्यों के विपरीत बिहार में बेरोजगार स्थानीय बिहारियों को उनके हिस्से के रोज़गार से वंचित कर राजनीतिक उद्देश्यों की पूर्ति के लिए डोमेसाइल सिस्टम को समाप्त कर एक बहुत ही अन्यायपूर्ण व्यवस्था लागू की गयी है।
बिहार राज्य स्कूल अध्यापक नियुक्ति नियमावली में संशोधन के पत्र की प्रतियां जलाकर विरोध प्रकट करते हुए शिक्षक अभ्यर्थियों ने डोमेसाइल सिस्टम लागू करने की मांग की है, अन्यथा लोकतांत्रिक तरीके से चरणबद्ध आंदोलन का अल्टिमेटम दिया है।इस मौके पर शिक्षक अभ्यर्थियों में गणेश कुमार, अकमल हुसैन, राहिल रेजा, जीतेन्द्र कुमार, मोईन बाबा, अम्मार हुसैन, आलिया, पूजा सहित सैकड़ों शिक्षक अभ्यर्थी उपस्थित थे।
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