अररिया में सिलसिलेवार बलात्कार की कई वारदातों को अंज़ाम देने के बाद भी मोहम्मद मेजर लगातार पुलिस की नजरों से बचता रहा था। उसके आतंक से पूरे गांव में दहशत थी। पिछले दिनों ‘मैं मीडिया’ ने मौके पर पहुंच कर उसके खिलाफ कई ग्राउंड रिपोर्ट की थी, जिसका असर अब दिखा है।
इन ग्राउंड रिपोर्ट्स के बाद पुलिसिया दबाव बना और पुलिस ने मजबूत सबूत कोर्ट में पेश किया जिसके आधार पर अब कोर्ट ने उसे बलात्कार का दोषी करार देते हुए फांसी की सजा सुनाई है।
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स्पेशल पोक्सो जज शशिकांत राय ने फांसी की ये सजा महादलित समुदाय से आने वाली एक नाबालिग बच्ची से बलात्कार के मामले में सुनाई है।
श्यामलाल यादव, पोक्सो पीपी, अररिया कोर्ट, ने कहा कि महादलित बच्ची के बलात्कार की घटना के बाद जांच शुरू की गई तो मो. मेजर पर बलात्कार के मजबूत सबूत मिले, जिसके आधार पर कोर्ट ने उसे दोषी मानते हुए फांसी की सजा सुनाई।
उन्होंने कहा, “तमाम सबूत, छह गवाहों और जांच अधिकारी के बयान के आधार पर कोर्ट ने आईपीसी की धारा 376एबी के तहत फांसी की सजा सुनाई। मोहम्मद मेजर को पोस्को एक्ट का दोषी भी पाया गया और एससी एसटी अधिनियम के तहत उसे आजीवन कारावास और 10 हजार रुपए जुर्माना लगाया गया।”
गौरतलब हो कि पिछले साल दिसंबर में उसने पांच साल की एक बच्ची से बलात्कार किया था। इस घटना के बाद वो फरार बताया जा रहा था। ‘मैं मीडिया’ ने बलात्कार की सर्वाइवर से मुलाकात की थी और एक विस्तृत ग्राउंड रिपोर्ट कर बताया था कि बच्ची अभी किस मानसिक सदमे में थी रही है। ये रिपोर्ट आप यहां पढ़ सकते हैं।
इस रिपोर्ट को करते हुए मैं मीडिया को पता चला कि बलात्कार की एक और घटना को वह पहले भी अंजाम दे चुका है, तो हमारी टीम उस पीड़िता तक पहुंची और उससे बात कर एक और ग्राउंड रिपोर्ट की। उक्त पीड़िता ने बताया था कि उससे इस कदर दरिंदगी की गई थी कि अब भी बीमार है और दवा चल रही है। उससे बलात्कार की घटना के बाद पति ने उसका साथ छोड़ दिया और अभी वह अपने माता-पिता के साथ रहती है और मुफलिसी में जीवन बिता रही है। ये रिपोर्ट आप यहां पढ़ सकते हैं।
इसके बाद तीसरी रिपोर्ट मैं मीडिया ने मो. मेजर के आपराधिक इतिहास पर की थी जिसमें हमने बताया था कि किस तरह उसके पिता वह अन्य सदस्य अपराध में लिप्त थे लेकिन पुलिस के साथ सांठगांठ के चलते पुलिस की कार्रवाई नहीं होती थी।
इस रिपोर्ट में हमने ये भी बताया था कि पूर्व में मेजर के खिलाफ कई केस दर्ज थे। ये रिपोर्ट करते हुए स्थानीय लोगों ने बताया था कि उसने बलात्कार की कई घटनाओं को अंजाम दिया, लेकिन खौफ के चलते दो-चार मामलों में ही थाने में शिकायत दर्ज हो पाई। पीड़ितों ने या तो गांव छोड़ देना मुनासिब समझा या फिर पंचायत के फैसले में कुछ पैसे लेकर मामले को रफा-दफा करने पर राजी हो गये। ये रिपोर्ट आप यहां पढ़ सकते हैं।
इस सारी रिपोर्ट्स के बाद पुलिस का कामकाज भी संदेह के घेरे में आ गया था। बताया जाता है कि इस दबाव के चलते ही पुलिस ने मजबूत केस बनाया और सारे सबूत कोर्ट में पेश किये जिसके चलते मो. मेजर पर आरोप साबित हो पाया।
एसपी अशोक कुमार सिंह ने कहा कि इस घटना को बेहद गंभीरता से लिया गया था और एक टीम गठित कर जांच शुरू की गई थी। महज 41 दिनों में ही पुलिस ने चार्जशीट दाखिल कर दी और 56वें दिन दोषी को फांसी की सजा सुनाई गई।
इधर, मो. मेजर को फांसी की सजा मिलने से गांव के लोगों में खुशी का माहौल है। लोगों ने अब राहत की सांस ली है।
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