पिछले दिनों अररिया (Araria) जिले के भरगामा (Bhargama) थाना क्षेत्र की बीरनगर (Birnagar) पश्चिम पंचायत की रहने वाली पांच साल की एक मासूम से बलात्कार के आरोप में गिरफ्तार हुआ मो. मेजर (Md Major) अपराध की दुनिया में नया किरदार नहीं है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि उसका आपराधिक इतिहास बहुत पुराना और इसकी जड़ें उसके पिता तक जाती हैं। स्थानीय लोगों में उसका खौफ भी है और गुस्सा भी। यही वजह है कि जब पांच साल की बच्ची से बलात्कार की खबर सामने आई और मो. मेजर (Md Major) का नाम उछला तो स्थानीय हिन्दु-मुस्लिम समुदाय ने साथ मिलकर उसके खिलाफ आवाज बुलंद कर दी। स्थानीय मुस्लिम युवकों ने पीड़िता के परिजनों से थाने में शिकायत दर्ज कराने को कहा और हर तरह की मदद दी।
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स्थानीय लोग बताते हैं कि उसने बलात्कार की कई घटनाओं को अंजाम दिया, लेकिन खौफ के चलते दो-चार मामलों में ही थाने में शिकायत दर्ज हो पाई। पीड़ितों ने या तो गांव छोड़ देना मुनासिब समझा या फिर पंचायत के फैसले में कुछ पैसे लेकर मामले को रफा-दफा करने पर राजी हो गये।
ऐसी ही एक बलात्कार पीड़िता की कहानी मैं मीडिया (Main Media) ने पिछले दिनों बताई थी। पीड़िता ने मैं मीडिया को बताया था कि मो. मेजर (Md Major) और अन्य ने उससे गैंगरेप किया था और इस तरह पीटा था कि अब भी उसके मुंह से खून निकल आता है। वो अब भी दर्द से उबर नहीं पाई है और दवाइयां ले रही हैं। इस घटना के बाद पति ने भी उसे छोड़ दिया। फिलहाल वह मां के साथ रहती हैं।
साल 2015 में भी उस पर बलात्कार का आरोप लगा था और उसके खिलाफ जानकीनगर थाने में एफआईआर भी दर्ज की गई थी। इसी तरह साल 2018 में उस पर छेड़छाड़ और मारपीट का आरोप लगा था। मामले को लेकर उसके खिलाफ अररिया के एससी/एसटी थाने में शिकायत दर्ज कराई गई थी। हैरानी की बात है उसके खिलाफ दर्ज हुए सभी मामले अब भी लंबित हैं।
अत्याचार से उकताए लोगों ने की थी पिता की हत्या
स्थानीय लोग बताते हैं कि मो. मेजर (Md Major) का पिता शमशेर अली भी एक जमाने में आपराधिक गतिविधियों में लिप्त था और उसके खौफ से लोग दुबके रहते थे। लेकिन एक दिन स्थानीय लोग उसके अत्याचार से आजिज आ गये और उसे जान से मार दिया।
पूर्व पत्रकार व समाजसेवी असलम बेग बताते हैं, “उसका पिता अंतरराष्ट्रीय पशु तस्कर था और हथियारों की अवैध खरीद फरोख्त करता था। हमलोगों ने बुज़ुर्गों से सुना कि साल 1978-80 में वो मुखिया बना था। लोग उससे इतना परेशान रहते थे कि वे एकदिन झुंड बनाकर उसके घर पहुंच गये और उसकी हत्या कर दी।”

शमशेर अली को चार बेटे हैं। मेजर इनमें सबसे छोटा है। शमशेर के अन्य बेटे भी आपराधिक गतिविधियों में लिप्त रहे हैं। शमशेर के सबसे बड़े बेटे मो. सत्तार पर साल 1994 से 2005 के बीच कम से कम 6 आपराधिक मामले दर्ज किये गये। इनमें से दो मामले हत्या से जुड़े हैं। आरोप है इन दोनों मामलों में सत्तार ने दो लोगों की हत्या कर उनके शव के टुकड़े टुकड़े कर दिये थे। शमशेर के दूसरे बेटे मो. आजाद और तीसरे बेटे चंगेज के खिलाफ भी आपराधिक मामले दर्ज हैं।
मो. मेजर का उभार
इसके बाद ही मो. मेजर का उभार हुआ। साल 2011 में जब उसके परिवार का सदस्य मुखिया बना, तो मेजर का वर्चस्व भी बढ़ने लगा।
बताया जाता है कि पदों का दुरुपयोग वह अपने खिलाफ लगे आपराधिक आरोपों को कमजोर बनाने में करता था। इस बार मेजर के घर के सदस्यों ने वार्ड मेंबर से लेकर जिला परिषद तक के लिए चुनाव में खड़े हुए थे, लेकिन किसी भी पद पर उनकी जीत नहीं हुई।
स्थानीय लोग बताते हैं कि उसने दर्जनों आपराधिक घटनाओं को अंजाम दिया, लेकिन कुछ मामलों में ही केस दर्ज किया जा सका।
“साल 2006 में जब मेरी पत्नी सरपंच बनी, तो मेरे घर पर भी मेजर ने हमला करवाया था,” असलम बेग बताते हैं। वे आगे कहते हैं, “स्थानीय लोग उससे डरे रहते थे। मैं उस वक्त अखबार से जुड़ा था और उसकी आपराधिक गतिविधियों को उजागर करता रहता था।”
स्थानीय लोग ये भी बताते हैं कि पुलिस के साथ सांठगांठ कर मेजर हर आपराधिक घटना को अंज़ाम देकर भी बच निकलता था। बल्कि जो भी उसके खिलाफ बोलता, पुलिस प्रशासन के साथ मिलकर वो उसी आदमी को अपराधी बना देता था।
असलम बेग कहते हैं, “मेरे खिलाफ भी उसने कई आरोप लगाये लेकिन चूंकि मैं पत्रकार था और पुलिस भी जानती थी कि मैंने कोई अपराध नहीं किया है, मेरे खिलाफ पुलिस ने कार्रवाई नहीं की।”
लगभग सालभर पहले गैंगरेप का शिकार हुई स्थानीय युवती भी पुलिस के साथ मेजर की सांठगांठ की पुष्टि करती हैं। पीड़िता कहती हैं, “मुझसे गैंगरेप होने के बाद भी आरोपित मो. मेजर (Md Major) खुलेआम इलाके में घूमता रहा, ब्लॉक थाने में आता जाता था। पुलिस वालों से मिलता था। लेकिन, कोई कार्रवाई नहीं हुई। क्योंकि वो पैसा खिला देता था।”

पिछले दिनों जब उसके खिलाफ लोगों में जनाक्रोश बढ़ा, तो आखिरकार पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। उसकी गिरफ्तारी के बाद लोग थोड़े चैन में हैं। स्थानीय लोग चाहते हैं कि मेजर को कड़ी सजा मिले ताकि वो फिर इलाके में ऐसा आतंक न मचा सके और लोग सुकून से जिंदगी गुजार सकें।
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