पांच साल की निशा (बदला हुआ नाम) की अभी खिलौनों से खेलने, खिलखिलाने की उम्र थी, लेकिन उसके चेहरे पर पिछले 12 दिनों से एक अजीब उदासी पसरी हुई है। वो आजकल गुमसुम और डरी हुई रहती है। जिन खिलौनों से वो खेलती थी, वो बेजान पड़े हुए हैं, जैसे निशा की उदासी से वे भी उदास हों।
अररिया जिले के भरगामा थाना क्षेत्र की बीरनगर पश्चिम पंचायत की रहने वाली निशा से 12 दिनों पहले बलात्कार की घटना हुई थी। इस खौफनाक घटना ने पीड़िता को सदमे में डाल दिया है।
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बताया जाता है कि आरोपित मोहम्मद मेजर लड़की के घर के पास ही ट्रैक्टर से खेत जोत रहा था। उसने लड़की से पानी मांगा। वह पानी लेकर गई, तो आरोपित ने उसे अगवा कर लिया और घर से 500 मीटर दूर लेकर रेप किया और लगभग तीन घंटे के बाद लड़की को छोड़ दिया। आरोप है कि उसने लड़की परिजनों को धमकी दी कि अगर वे लोग मामला उजागर करेंगे, उनकी हत्या कर दी जाएगी।
पीड़िता दलित समुदाय से आती है आर्थिक तोर पर ये परिवार बहुत कमजोर है। उसके पिता मजदूरी करते हैं।
पीड़िता बताती है, “मेजर उधर से आया और हम से पानी मांगा। हम पानी दिए तो उसने कहा कि उधर क्यों जाती हो, चलो मेरे साथ। मैं जाने को तैयार नहीं हुई, तो पानी का डिब्बा फेंक दिया और मेरा मुंह बंद कर पिस्तौल से डराया और अगवा कर ले गया।”
“हम चिल्लाते थे, तो हम को मारने लगा। दूसरी जगह ले जाकर भी मारा। जब मैं रोने लगी, तो उसने फिर मारा और तीन घंटे बाद रात करीब 10 बजे घर लाकर छोड़ दिया,” पीड़िता ने बताया।
आरोपित मोहम्मद मेजर का आपराधिक इतिहास रहा है और स्थानीय लोगों का कहना है कि उससे हिन्दू मुसलमान सभी त्रस्त हैं।
इस घटना का सदमा पीड़िता के जेहन पर इतना गहरा था कि घर लौटते ही उसने अपनी मां से नहीं रोने को कहा क्योंकि उसे डर था कि रोने की आवाज सुनकर मेजर उन्हें गोली मार देगा।
पीड़िता की मां कहती हैं – “बुधवार की शाम बेटी दरवाजे पर खेल रही थी, तभी उसे मेजर उठाकर ले गया।”
पीड़िता की मां के मुताबिक, मेजर पहले भी क्षेत्र में आता-जाता रहता था। पंचायत चुनाव के समय वोट मांगने के लिए भी आया था। उसने पहले भी बदमाशियां की हैं।
उन्होंने कहा- “वो हिंदू-मुसलमान सबके साथ ज्यादती करता है। गांव में सबको परेशान करता है।”
पीड़िता के परिजन दोषी की फांसी चाहते हैं।
“जब तक उसे फांसी नहीं दी जाती है, तब तक शांति नहीं मिलेगी,” पीड़िता की मां ने आगे कहा।
इस मामले को कुछ टीवी चैनलों ने साम्प्रदायिक रंग देने की कोशिश भी की, लेकिन स्थानीय लोगों और पीड़िता के परिजनों का कहना है कि ऐसा कुछ नहीं है। मीडिया चीजों को तोड़ मरोड़ कर पेश कर रही है।
“सब साथ हैं। यहां पूरा गांव मदद कर रहा है। हमलोग पढ़े लिखे नहीं हैं। कोई बात होता है, तो सब साथ देता है। हमलोग बस उसको फांसी दिलाना चाहते हैं,” पीड़िता के चचेरे दादा ने कहा।
स्थानीय सरपंच मो. नज़मुद्दीन कहते हैं, “बहुत सारे मीडिया वाले मामले को डाइवर्ट कर रहे हैं। इस मामले में हिन्दू-मुस्लिम नहीं होना चाहिए। ऐसा करने से पीड़िता को न्याय नहीं मिल पायेगा। जो रेपिस्ट है, उससे हिन्दू मुसलमान सभी आजिज हैं।”
वे आगे कहते हैं, “आरोपित इस मामले में भी सुलह करना चाहता था, लेकिन हम लोगों ने हमलोगों को जब पता चला, तो हमने प्रशासन को बताया। फिर पीड़िता को महिला थाना अररिया ले गये।”
उक्त चैनल द्वारा गाँव से हिन्दू परिवारों के पलायन का दावा भी किया गया था, जिसे अररिया एसपी हृदयकांत ने सिरे से खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा – “ये अफवाह है। अररिया से पलायन की कई वजहें हैं, जिनमें आर्थिक कारण सबसे प्रमुख हैं। रोजगार के लिए भी पलायन होता है।”
पुलिस के अनुसार छापेमारी दल द्वारा आरोपित मेजर के ठिकानों पर दिल्ली, नोएडा, मेरठ, गुड़गांव आदि जगहों पर लगातार छापेमारी और पुलिसिया दबाव के बाद वो बिहार आ गया था। रविवार की शाम 8 बजे उसे अररिया शहर के चांदनी चौक से गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस के अनुसार, वो नेपाल भागने वाला था।
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