[vc_row][vc_column][vc_column_text]बिहार में विधानसभा का चुनावी बिगुल बजने के बाद से ही राजनीतिक सरगर्मियां तेज हैं। पॉलिटिकल पार्टियां एक दूसरे पर हमलावर हैं। बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव भी अब सरकार पर तेज हमला बोल रहे हैं। आज पटना में एक प्रेस कांफ्रेंस करते हुए तेजस्वी यादव बिहार के सीएम नीतीश कुमार पर हमलावर हुए। तेजस्वी यादव ने रोजगार के मुद्दे पर नीतीश कुमार पर जमकर हमला बोला और कई तीखे सवाल भी किए। इस दौरान तेजस्वी यादव ने इस बात की भी घोषणा की कि अगर बिहार में राजद गठबंधन की सरकार बनती है तो पहली कैबिनेट में ही बिहार के युवाओं के लिए 10 लाख नौकरियां दी जाएंगी।
इस प्रेस कांफ्रेंस में तेजस्वी यादव ने बिहार सरकार के विभिन्न विभागों में खाली पड़े पदों की जानकारी देते हुए सरकार पर हमला बोला और 10 लाख सरकारी नौकरियां सरकार बनने के तुरंद बाद देने की घोषणा की, हमने बेरोजगारों को अपने साथ जोड़ने की मुहिम चलाई थी। जिसे लोगों का जबरदस्त सपोर्ट मिला। यादव ने नीतीश सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि हमारा वादा झूठा नहीं है क्योंकि इससे पहले ही सरकार सिर्फ झूठ बोलते आ रही है।
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तेजस्वी यादव ने अपने बेरोजगारी पोर्टल और टोल फ्री नम्बर का जिक्र करते हुए बताया कि हमारे पोर्टल पर 9 लाख 47 हजार 324 युवाओं अपने बायोडाटा के साथ रजिस्टर किया है। वहीं मिस्ड कॉल नम्बर 13 लाख 11 हजार 626 मिस्ड कॉल आए। यानि कुल 22 लाख 58 हजार से अधिक युवाओं ने हमारे पोर्टल से रजिस्ट्रेशन किया है। तेजस्वी ने कहा कि 5 सितंबर को हमने पोर्टल और मिस्ड कॉल नम्बर जारी किया था और महज 23 दिन में इतने बेरोजगार युवा हमसे जुड़े हैं।
तेजस्वी ने नीतीश कुमार से सवाल करते हुए कहा कि उन्हें जवाब देना चाहिए कि बिहार के युवाओं को रोजगार क्यों नहीं दिया गया। नौकरी मांगने पर उनपर लाठीचार्ज क्यों किया गया? घोटाला पर घोटाला क्यों हुआ? नेता प्रतिपक्ष ने सरकार पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि दस लाख स्थायी नौकरियां दी जा सकती थीं जो इस सरकार ने नहीं दी। लेकिन हम पहली कैबिनेट के दो माह के अंदर इन खाली पदों को भरेंगे।
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प्रेस कांफ्रेंस में तेजस्वी ने स्वास्थ्य का भी मुद्दा उठाया और WHO के द्वारा तय मानकों के अधार पर अपनी सरकार में नौकरी देंने की बात कही। उन्होंने कहा कि 1 हजार मरीजों पर 1 डॉक्टर होना चाहिए इस हिसाब से 1 लाख डॉक्टरों की आवश्यकता है। इस हिसाब से स्वास्थ्य विभाग में सहयोगी स्टाफों को जोड़ें तो ढाई लाख स्टाफ की जरूरत है। तेजस्वी ने कहा कि बिहार में 50 हजार पुलिसकर्मियों का पद रिक्त पड़ा है। 1 लाख की आबादी पर अभी बिहार में 77 पुलिसकर्मी हैं जो कि मणिपुर जैसे छोटे राज्य से भी कम है। उन्होंने बिहार सरकार पर आरोप लगाया कि वो इन पदों को भरने में फिसड्डी साबित हुई है।
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