[vc_row][vc_column][vc_column_text]बिहार चुनावों को लेकर तरीखों की घोषणा हो चुकी है। चुनाव में ज्यादा समय नहीं है। ऐसे में दोनों ओर के गठबंधन अपने अंदर सबकुछ सही करने में जुटे हुए है। इस मामले में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन एनडीए सबसे आगे दिख रही है। खबरें आ रही हैं कि सत्ताधारी एनडीए में अब सब कुछ फिर पटरी पर लौट आया है। बता दें कि बीते कुछ दिनों में गठबंधन में विरोध के शुरू देखने को मिल रहे थे। गठबंधन में लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान जो विद्रोह का झंडा थामे हुए दिखाई दे रहे थे, उनके तेवर में नरमी देखने को मिली है।
चिराग के तेवर में आई इस नरमी के कारण एनडीए में टूट की जो कयासें लग रही थी उनपर अब विराम लगता हुआ दिख रहा है। लेकिन ऐसे में यहां सवाल उठ रहा है कि चिराग के रुख में यह नरमी क्यों आई? क्या वो मान गए हैं? या एनडीए से बाहर जाना उन्हें घाटे का सौदा लग रहा है? वहीं एक सवाल चिराग के नरम रुख से और उठ रहा है कि क्या तीसरा मोर्चा बनाने की जो बात हो रही थी उसकी संभावना अब खत्म हो गई है क्या? हालांकि बता दें कि इस पूरे प्रकरण को लेकर एलजेपी की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
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एनडीए के बीच सबकुछ ठीक होने की बात को लेकर जो जानकारी आ रही है उसके अनुसार चिराग पासवान और बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व के बीच बात सकारात्मक रही है। यही कारण है कि चिराग का रुख नरम है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि चिराग की नाराजगी के दो मुख्य कारण रहे हैं। पहला एनडीए में सीटों के सम्मानजनक बंटवारे का है और दूसरा मुद्दा बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार से उनके मतभेद का है। हालांकि यह मतभेद भी विधानसभा चुनाव में सीटों के बंटवारे से ही जुड़ा है।
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दरअसल नीतीश कुमार की पार्टी बीते विधानसभा चुनाव में विपक्षी महागठबंधन का हिस्सा रहते हुए एलजेपी के खिलाफ चुनाव लड़ी थी। इस बार के चुनाव में कई सीटों पर दोनों दलों की ओर से दावे किए जा रहे हैं। 2015 के विधानसभा चुनाव में एलजेपी को 42 सीटें दी गई थीं, जिनमें उसने दो पर जीत दर्ज की थी। एलजेपी बीते चुनाव से अधिक सीटें चाहती है, जिसमें जेडीयू बड़ी बाधा है।
सीटों पर बन गई है बात
हालांकि, अब ऐसी खबरें हैं कि बीजेपी ने गठबंधन के अंदर हो रहे इस झगड़े को सुलझाने के लिए बीच का रास्ता निकाला है। एलजेपी को एनडीए में अब विधानसभा की 28 तथा विधान परिषद की दो सीटें देने की बात कही हे। एलजेपी अभी इसके लिए राजी बताई जा रही है। अगर ऐसा है तो चिराग जेडीयू के खिलाफ 143 उम्मीदवार उतारने के फैसले पर भी नरम पड़ चुके हैं। हाल ही में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी में आस्था भी व्यक्त की है।
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