Main Media

Seemanchal News, Kishanganj News, Katihar News, Araria News, Purnea News in Hindi

Support Us

सक्षमता परीक्षा में पास करने के लिये नियोजित शिक्षकों को मिलेंगे पांच मौक़े

शिक्षा मंत्री ने बताया कि उन्होंने पहले ही शिक्षकों से कहा था कि उन्हें हड़बड़ी नहीं दिखानी चाहिये और अध्यापन में रूचि लेनी चाहिये। उन्होंने कहा कि पूरे बिहार में शिक्षा का माहौल बन गया है और अब ग्रामीण क्षेत्रों में भी शिक्षा व्यवस्था में सुधार स्पष्ट रूप से दिख रहा है।

Nawazish Purnea Reported By Nawazish Alam |
Published On :

बिहार में नियोजित शिक्षकों के विरोध के बाद शिक्षा विभाग ने फैसला लिया है कि सक्षमता परीक्षा में पास करने के लिये शिक्षकों को पांच मौक़े दिये जायेंगे। बिहार के शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने प्रेस कांफ्रेंस के माध्यम से यह जानकारी दी।

उन्होंने ने कहा कि तीन ऑनलाइन परीक्षा के अलावा नियोजित शिक्षकों को दो ऑफलाइन मोड की परीक्षा में भी बैठने का मौक़ा दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सहमति से यह निर्णय लिया गया है।

Also Read Story

BSEB सक्षमता परीक्षा के आवेदन की अंतिम तिथि बढ़ी, कॉमर्स को वैकल्पिक विषय समूह में किया शामिल

अदालत ने ही दी नौकरी, अदालत ने ही ली नौकरी, अब क्या करे अनामिका?

सक्षमता परीक्षा-2 के लिये 26 अप्रैल से आवेदन, पहले चरण में सफल शिक्षक भी ले सकेंगे भाग

बिहार के स्कूलों में शुरू नहीं हुई मॉर्निंग शिफ्ट में पढ़ाई, ना बदला टाइम-टेबल, आपदा प्रबंधन विभाग ने भी दी थी सलाह

Bihar Board 10th के Topper पूर्णिया के लाल शिवांकर से मिलिए

मैट्रिक में 82.91% विधार्थी सफल, पूर्णिया के शिवांकार कुमार बने बिहार टॉपर

31 मार्च को आयेगा मैट्रिक परीक्षा का रिज़ल्ट, इस वेबसाइट पर होगा जारी

सक्षमता परीक्षा का रिज़ल्ट जारी, 93.39% शिक्षक सफल, ऐसे चेक करें रिज़ल्ट

बिहार के सरकारी स्कूलों में होली की नहीं मिली छुट्टी, बच्चे नदारद, शिक्षकों में मायूसी

“अब दो अतिरिक्त ऑफलाइन लिखित परीक्षाएं होंगी। दोनों की मान्यता बराबर है और मक़सद तो एक ही है। जो नियोजित शिक्षक हैं, उनकी सेवा सरकारी हो जायेगी। मुख्यमंत्री जी ने भी घोषणा की थी कि एक एग्ज़ाम लेकर इनलोगों (नियोजित शिक्षकों) को सरकारी बना दिया जायेगा,” उन्होंने कहा।


शिक्षा मंत्री ने आगे बताया, “जब परीक्षा की तिथि घोषित हुई तो शिक्षकों की तरफ से एक कठिनाई बताई गई थी कि ऑनलाइन परीक्षा देने में उन्हें दिक़्क़त है। हमें प्रसन्नता है यह बताते हुए कि सरकार ने मुख्यमंत्री की सहमति से यह निर्णय लिया है।”

शिक्षा मंत्री ने बताया कि उन्होंने पहले ही शिक्षकों से कहा था कि उन्हें हड़बड़ी नहीं दिखानी चाहिये और अध्यापन में रूचि लेनी चाहिये। उन्होंने कहा कि पूरे बिहार में शिक्षा का माहौल बन गया है और अब ग्रामीण क्षेत्रों में भी शिक्षा व्यवस्था में सुधार स्पष्ट रूप से दिख रहा है।

बताते चलें कि सक्षमता परीक्षा में पास करने के लिये नियोजित शिक्षकों को पहले तीन मौक़े ही दिये गये थे। विभाग के इस फैसले के विरोध में नियोजित शिक्षकों ने मशाल जुलूस निकालने के साथ-साथ बिहार विधानसभा का घेराव भी किया था। इस क्रम में पुलिस ने आंदोलनकारी शिक्षकों पर लाठीचार्ज भी किया। उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी के शिक्षकों के साथ बातचीत के आश्वासन के बाद शिक्षकों का आंदोलन ख़त्म हुआ था।

सीमांचल की ज़मीनी ख़बरें सामने लाने में सहभागी बनें। ‘मैं मीडिया’ की सदस्यता लेने के लिए Support Us बटन पर क्लिक करें।

Support Us

नवाजिश आलम को बिहार की राजनीति, शिक्षा जगत और इतिहास से संबधित खबरों में गहरी रूचि है। वह बिहार के रहने वाले हैं। उन्होंने नई दिल्ली स्थित जामिया मिल्लिया इस्लामिया के मास कम्यूनिकेशन तथा रिसर्च सेंटर से मास्टर्स इन कंवर्ज़ेन्ट जर्नलिज़्म और जामिया मिल्लिया से ही बैचलर इन मास मीडिया की पढ़ाई की है।

Related News

अररिया की साक्षी कुमारी ने पूरे राज्य में प्राप्त किया चौथा रैंक

Bihar Board 12th Result: इंटर परीक्षा में 87.54% विद्यार्थी सफल, http://bsebinter.org/ पर चेक करें अपना रिज़ल्ट

BSEB Intermediate Result 2024: आज आएगा बिहार इंटरमीडिएट परीक्षा का परिणाम, छात्र ऐसे देखें अपने अंक

मधुबनी डीईओ राजेश कुमार निलंबित, काम में लापरवाही बरतने का आरोप

बिहार में डीएलएड प्रवेश परीक्षा 30 मार्च से, परीक्षा केंद्र में जूता-मोज़ा पहन कर जाने पर रोक

बिहार के कॉलेजों में सत्र 2023-25 में जारी रहेगी इंटर की पढ़ाई, छात्रों के विरोध के बाद विभाग ने लिया फैसला

बिहार के कॉलेजों में इंटर की पढ़ाई खत्म करने पर छात्रों का प्रदर्शन

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Latest Posts

Ground Report

बिहार-बंगाल सीमा पर वर्षों से पुल का इंतज़ार, चचरी भरोसे रायगंज-बारसोई

अररिया में पुल न बनने पर ग्रामीण बोले, “सांसद कहते हैं अल्पसंख्यकों के गांव का पुल नहीं बनाएंगे”

किशनगंज: दशकों से पुल के इंतज़ार में जन प्रतिनिधियों से मायूस ग्रामीण

मूल सुविधाओं से वंचित सहरसा का गाँव, वोटिंग का किया बहिष्कार

सुपौल: देश के पूर्व रेल मंत्री और बिहार के मुख्यमंत्री के गांव में विकास क्यों नहीं पहुंच पा रहा?