ऑल इंडिया मजलिसे इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के बिहार प्रदेश अध्यक्ष अख़्तरुल ईमान ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा पर निशाना साधते हुए कहा कि सीमांचल के मुद्दे का पता न तो किशनगंज के एमपी को है न उनके नेता राहुल गांधी को है।
थोड़े दिन पहले बिहार के सीमांचल इलाक़े से गुज़री राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा पर बोलते हुए अख़्तरुल ईमान ने कहा कि राहुल गांधी न्याय की बात करते हैं, लेकिन उन्होंने अपने भाषण के दौरान सीमांचल की समस्याओं के बारे में चर्चा तक नहीं की, जो बड़े अफसोस की बात है।
ईमान ने कहा कि भारत जोड़ो का मतलब है कि देश के बहुत सारे क्षेत्र जो विकास से कट गये हैं उन क्षेत्रों को विकास के माध्यम से जोड़ना, लेकिन राहुल गांधी के भाषण में ऐसा कुछ सुनने को नहीं मिला।
“बिहार का सबसे ज्यादा पिछड़ा इलाका सीमांचल का इलाका है। यहां के अधिकतर लोग गरीब हैं, मजदूरों का पलायन सबसे अधिक इसी इलाके से होता है, बाढ़ की समस्या से लोग परेशान हैं, साक्षरता दर सबसे कम है, इन सभी मुद्दों पर राहुल गांधी के द्वारा अपने भाषण के दौरान चर्चा तक नहीं की गयी,” उन्होंने कहा।
अपने शासनकाल में कांग्रेस द्वारा किशनगंज के अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी कैंपस का काम पूरा नहीं करने को लेकर भी अख्तरूल ईमान ने कांग्रेस से सवाल पूछा। उन्होंने कहा कि 2011 में जमीन दे दी गई थी और 2014 तक उनकी सरकार रही, लेकिन वो एएमयू किशनगंज का काम पूरा नहीं करा सके।
“राहुल गांधी की माता श्रीमती (सोनिया गांधी) आई थीं और उस जमाने में 2014 में उन्होंने इलेक्शन के खातिर यहां पर लोग दिखावन (लोगों को दिखाने के लिये) ले आउट (आधारशिला रखना) किया था एएमयू कैंपस किशनगंज का और आज तक वो कैंपस वीरान पड़ा हुआ है,” उन्होंने कहा।
ईमान ने आगे कहा “कैंपस के लिये ज़मीन दे दी गई थी अवामी तहरीक के जरिये से 2011 के दिसंबर में। 2014 के अप्रैल तक उनकी हुकूमत रही। फिर भी एएमयू का काम आगे नहीं बढ़ सका। उसपर वह (राहुल गांधी) एक शब्द नहीं बोल सके।”
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देश के अलग-अलग हिस्सों में मुस्लिमों की मॉब लिंचिंग पर कांग्रेस की खामोशी की भी ईमान ने आलोचना की। उन्होंने कहा कि पूरे देश में मुसलमानों के साथ हिंसा हुई और कांग्रेस चुप रही, लेकिन मणिपुर में हुई हिंसा पर कांग्रेस आंसू बहाते दिख रही है।
ईमान ने साफ तौर पर कहा कि कांग्रेस को सीमांचल के मुसलमानों का वोट चाहिए, लेकिन यहां के मुसलमानों की समस्याओं से उन्हे कोई मतलब नहीं है। किशनगंज से कांग्रेस के वर्तमान सांसद डॉ. जावेद आज़ाद पर भी उन्होंने निशाना साधा।
“मुसलमानों के वोट इनको प्यारे हैं। सीमांचल के वोट की इनको जरूरत है। सीमांचल की समस्याओं का समाधान उनका मसला नहीं है। अफसोस तो इस बात पर है कि जो यहां के परजेंट एमपी है वो एमपी भी अपने नेता को फीड नहीं कर सका कि सीमांचल के क्या क्या मुद्दे हैं,” उन्होंने कहा।
पूर्णिया के अमौर से विधायक ईमान ने आगे कहा, “जब यहां का एमपी ही यहां के लोगों के मसायल (समस्याएं) नहीं जानता…इनको अवामी समस्याओं से कोई ताल्लुक़ नहीं है। यहां के नेता की जिम्मेदारी थी कि राहुल साहब जैसे बड़े लीडर आये थे तो सीमांचल के मुद्दों को हाईलाइट करना था। लेकिन, समस्याओं के बारे में न यहां के एमपी को पता है न उनके नेता को पता है।”
बिहार के सीएम नीतीश कुमार के महागठबंधन को छोड़कर भाजपा का दामन थामने पर अख्तरुल ईमान ने कहा कि नीतीश कुमार के डीएनए में आरएसएस है, यह व्यक्ति आरएसएस का एजेंट है और यह कभी सेक्युलर नहीं हो सकता है।
एआईएमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष ईमान ने जदयू में शामिल अल्पसंख्यक नेताओं पर तंज कसते हुए कहा कि अगर उन अल्पसंख्यक नेताओं के जमीर जिंदा हैं और अल्पसंख्यक समुदाय के मुद्दे से उन्हें ताल्लुक है तो उनको फौरन जदयू से इस्तीफा देना चाहिए।
इस दौरान पार्टी ने सदस्यता अभियान चलाकर नये लोगों को पार्टी से जोड़ा। पार्टी और संगठन को लेकर ईमान ने कहा कि बिहार के अधिकतर जिलों में उन्होंने अपना संगठन तैयार कर लिया है, सर्वे जारी है और जहां-जहां उन्हें संभावना नजर आयेगी वहां से AIMIM लोकसभा का चुनाव लड़ेगी।
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