Main Media

Seemanchal News, Kishanganj News, Katihar News, Araria News, Purnea News in Hindi

Support Us

मदरसा बोर्ड की फौक़ानिया-मौलवी की परीक्षा अब 24 जनवरी से

बोर्ड की तरफ से जारी नये परीक्षा कार्यक्रम के अनुसार, 22 जनवरी को होने वाली परीक्षा अब 29 जनवरी को और 23 जनवरी को होने वाली परीक्षा अब 30 जनवरी को आयोजित होगी। बाकी के परीक्षा तिथियों में कोई बदलाव नहीं किया गया है।

Nawazish Purnea Reported By Nawazish Alam |
Published On :

बिहार राज्य मदरसा शिक्षा बोर्ड (BSMEB) ने इस साल होने वाली फौक़ानिया और मौलवी की परीक्षा तिथियों में बदलाव किया है। परीक्षाएं अब 24 जनवरी से शुरू होंगी।

बोर्ड की तरफ से जारी नये परीक्षा कार्यक्रम के अनुसार, 22 जनवरी को होने वाली परीक्षा अब 29 जनवरी को और 23 जनवरी को होने वाली परीक्षा अब 30 जनवरी को आयोजित होगी। बाकी के परीक्षा तिथियों में कोई बदलाव नहीं किया गया है।

Also Read Story

स्कूलों के नये टाइम-टेबल को बदलने की मांग कर रहे बिहार के शिक्षक, चलाया ट्विटर ट्रेंड #ReviseSchoolTime

CBSE ने जारी किया 10वीं का रिज़ल्ट, 93.6% छात्र सफल, पिछले साल से बेहतर रिज़ल्ट

BPSC हेडमास्टर पदों के लिये आयु सीमा में छूट मिलने वाले अभ्यर्थियों का 11 मई से आवेदन

BSEB सक्षमता परीक्षा के आवेदन की अंतिम तिथि बढ़ी, कॉमर्स को वैकल्पिक विषय समूह में किया शामिल

अदालत ने ही दी नौकरी, अदालत ने ही ली नौकरी, अब क्या करे अनामिका?

सक्षमता परीक्षा-2 के लिये 26 अप्रैल से आवेदन, पहले चरण में सफल शिक्षक भी ले सकेंगे भाग

बिहार के स्कूलों में शुरू नहीं हुई मॉर्निंग शिफ्ट में पढ़ाई, ना बदला टाइम-टेबल, आपदा प्रबंधन विभाग ने भी दी थी सलाह

Bihar Board 10th के Topper पूर्णिया के लाल शिवांकर से मिलिए

मैट्रिक में 82.91% विधार्थी सफल, पूर्णिया के शिवांकार कुमार बने बिहार टॉपर

मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को पत्र लिख कर फौक़ानिया और मौलवी की परीक्षाएं 24 जुलाई से आयोजित करने का निर्देश दिया है। पत्र में कहा गया है कि अपरिहार्य (जिसको टाला ना जा सके) कारणों से परीक्षा की तिथियों में परिवर्तन किया जा रहा है।


बताते चलें कि फौकानिया और मौलवी परीक्षा दो पालियों में आयोजित की जायेगी। पहली पाली की परीक्षा सुबह 8.45 बजे से दोपहर 12 बजे तक और दूसरी पाली की परीक्षा दोपहर 1.45 से शाम 5 बजे तक होगी।

उल्लेखनीय है कि फौकानिया के सभी विषय एक समान हैं, और प्रत्येक पेपर 100-100 अंकों का होगा। फौकानिया परीक्षा में कोई ऐच्छिक विषय नहीं है। केवल विज्ञान विषय में प्रैक्टिकल परीक्षा होगी, जिसमें 80 अंकों की थ्योरी और 20 अंकों की प्रैक्टिकल परीक्षा होगी।

ज्ञात हो कि बिहार राज्य मदरसा शिक्षा बोर्ड बिहार सरकार से एक मान्यता प्राप्त बोर्ड है। इस बोर्ड का प्रमाण-पत्र बिहार सरकार की नौकरियों तथा कॉलेजों में नामांकन के लिये एक वैध प्रमाण-पत्र है। मदरसा बोर्ड का फौकानिया बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की मैट्रिक परीक्षा और मौलवी इंटरमीडियट परीक्षा के समकक्ष है।

बोर्ड द्वारा जारी प्रमाण-पत्र बिहार सरकार के शिक्षण संस्थानों, केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड और कई राज्यों के कॉलेजों तथा विश्वविद्यालयों में नामांकन के लिये भी एक पात्र और वैध प्रमाण-पत्र है।

सीमांचल की ज़मीनी ख़बरें सामने लाने में सहभागी बनें। ‘मैं मीडिया’ की सदस्यता लेने के लिए Support Us बटन पर क्लिक करें।

Support Us

नवाजिश आलम को बिहार की राजनीति, शिक्षा जगत और इतिहास से संबधित खबरों में गहरी रूचि है। वह बिहार के रहने वाले हैं। उन्होंने नई दिल्ली स्थित जामिया मिल्लिया इस्लामिया के मास कम्यूनिकेशन तथा रिसर्च सेंटर से मास्टर्स इन कंवर्ज़ेन्ट जर्नलिज़्म और जामिया मिल्लिया से ही बैचलर इन मास मीडिया की पढ़ाई की है।

Related News

31 मार्च को आयेगा मैट्रिक परीक्षा का रिज़ल्ट, इस वेबसाइट पर होगा जारी

सक्षमता परीक्षा का रिज़ल्ट जारी, 93.39% शिक्षक सफल, ऐसे चेक करें रिज़ल्ट

बिहार के सरकारी स्कूलों में होली की नहीं मिली छुट्टी, बच्चे नदारद, शिक्षकों में मायूसी

अररिया की साक्षी कुमारी ने पूरे राज्य में प्राप्त किया चौथा रैंक

Bihar Board 12th Result: इंटर परीक्षा में 87.54% विद्यार्थी सफल, http://bsebinter.org/ पर चेक करें अपना रिज़ल्ट

BSEB Intermediate Result 2024: आज आएगा बिहार इंटरमीडिएट परीक्षा का परिणाम, छात्र ऐसे देखें अपने अंक

मधुबनी डीईओ राजेश कुमार निलंबित, काम में लापरवाही बरतने का आरोप

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Latest Posts

Ground Report

किशनगंज के इस गांव में बढ़ रही दिव्यांग बच्चों की तादाद

बिहार-बंगाल सीमा पर वर्षों से पुल का इंतज़ार, चचरी भरोसे रायगंज-बारसोई

अररिया में पुल न बनने पर ग्रामीण बोले, “सांसद कहते हैं अल्पसंख्यकों के गांव का पुल नहीं बनाएंगे”

किशनगंज: दशकों से पुल के इंतज़ार में जन प्रतिनिधियों से मायूस ग्रामीण

मूल सुविधाओं से वंचित सहरसा का गाँव, वोटिंग का किया बहिष्कार