रविवार को किशनगंज के कुल 34 वार्डों में नगर निकाय चुनाव सम्पन्न हुए। अधिकतर इलाकों में चुनाव की प्रक्रिया शांतिपूर्वक अंदाज़ में समाप्त हुई, मगर कुछ ऐसे वार्ड थे जिनमें हंगामा देखने को मिला। किशनगंज की नेपालगढ़ कॉलोनी स्थित मतदान केंद्र संख्या 7 में वोटरों ने बीएलओ पर मतदान सूची में जानबूझ कर गड़बड़ी करने का आरोप लगाया जिसके बाद अनुमंडल पदाधिकारी और अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी ने मौके पर पहुँच कर लोगों को शांत करवाया।
रविवार को किशनगंज के वार्ड संख्या 16 में वोटिंग प्रक्रिया पूरी होने के बाद ज़बरदस्त मारपीट का मामल सामने आया। शाम को करीब 7 बजे वार्ड के दो प्रत्याशियों के समर्थकों के बीच झड़प हो गई। मारपीट इतनी बढ़ गई कि कई लोगों को सदर अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। वार्ड प्रत्याशी अंज़ार आलम को भी सदर अस्पताल ले जाया गया, जहां से उन्हें सिलीगुड़ी रेफर किया गया।
वार्ड संख्या 16 में वर्तमान पार्षद शम्सुज़्ज़्मां ‘पप्पू’ और अंज़ार आलम आमने सामने हैं। चुनाव के दौरान कुछ वोटरों ने शम्सुज़्ज़्मां के समर्थकों द्वारा धमकाने के आरोप लगाए। बारहवीं के छात्र असीक ने मैं मीडिया से बताया कि वह कल पहली बार वोट देने बूथ पर गया था लेकिन शम्सुज़्ज़्मां के समर्थकों द्वारा उसे डराया धमकाया गया और उससे मार पीट की गई। उसने ढोलक छाप (शम्सुज़्ज़्मां का चुनावी निशान) पर जाली वोट डलवाने का भी आरोप लगाया है। खानका चौक निवासी मोहम्मद इस्माईल ने भी शम्सुज़्ज़्मां के कार्यकर्ताओं पर उनके साथ गाली तौर गलौज करने का आरोप लगाया है।
इस पूरे मामले पर मैं मीडया ने वार्ड के मौजूदा पार्षद शम्सुज़्ज़्मां ‘पप्पू’ से बात की। उन्होंने वोटिंग के दौरान अपने समर्थकों द्वारा स्थनीय वोटरों को धमकाने के आरोप को झूठ बताया और कहा, “सबसे पहली बात, चुनाव के दौरान कोई मामले नहीं हुआ, चुनाव संपन्न हुआ तो पदाधिकारी ईवीएम लेकर चले गए तो हम लोग अपने आवास पर आकर चाय पीने लगे। थोड़ी देर में हमें झगडे की खबर मिली। हमलोगों ने झगड़ा छुड़वाने का काम किया लेकिन षड्यंत के तहत अंज़ार और उसके आदमियों ने एक भीड़ इकट्ठा कर हमारे घर की तरफ पथराव करवाया। यह सबकुछ एक षड्यंत्र के तौर पर किया गया ताकि मेरी इज़्ज़त को धूमिल किया जा सके। हम चार बार से पार्षद हैं। हमें यहाँ के लोग प्यार और सम्मान करते हैं। ये लोग हमारी प्रतिष्ठा को खराब करना चाहते हैं। चुनाव के दौरान जो हमारे समर्थकों के द्वारा धमकियां देने के आरोप लगाए जा रहे हैं, वे सरासर झूठ हैं। प्रशासन वहां मौजूद था। आप उनसे पूछ सकते हैं ऐसा कुछ नहीं हुआ।”
शम्सुज़्ज़्मां ने आगे कहा, “पुलिस आई तो हमारे घर परिवार की जान बची उनलोगो ने उग्र भीड़ को शराब और स्मैक पिलाकर हमारे घर को लुटवाया, अगर पुलिस नहीं आती तो और ज़्यादा मामला बढ़ता।”
चुनाव के नतीजे को लेकर उन्होंने कहा, “ईवीएम में नतीजे कैद हो चुके हैं। जो नतीजा हो हम जनता के सेवा करते आये हैं और आगे भी करते रहेंगे। हम हमेशा आपसी सौहार्द बनाने की कोशिश करते हैं।”
रविवार शाम हुए झड़प के बाद वार्ड प्रत्याशी अंज़ार आलम को चोटिल हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया था। सिलीगुड़ी से इलाज करवाकर वापस लौटे कलम दवात चुनावी निशान के प्रत्याशी अंज़ार आलम ने ‘मैं मिडिया’ से बातचीत में कहा कि उनपर और उनके समर्थकों पर एक उग्र भीड़ ने हमला कर दिया जिसके बाद उन्हें दाएं बाज़ू और छाती के नीचे चोटें आई हैं। “मैं अभी सिलीगुड़ी से आ रहा हूँ। कई तरह के टेस्ट हुए हैं। मेरी पसली और छाती के निचले हिस्से में चोट आई है।
“(शम्सुज़्ज़्मां) पप्पू के बेटे और परिजन ने कुछ लोगों के साथ मिलकर हम पर हमला कर दिया, ये सब तब हुआ जब वोटिंग प्रक्रिया ख़त्म हो चुकी थी और पुलिस फोर्स लौट चुकी थी। ये एकदम सोची समझी साज़िश थी और रणनीति के तहत भीड़ ने हम पर हमला किया। उनके पास हर तरह के हथियार थे। वे लोग पंच, राॅड, डंडा और यहाँ तक कि कट्टा भी लेकर आये थे,” उन्होंने कहा।
“मुझपर मोटे पाइप से हमला किया गया। CCTV में उनकी सब गुंडागर्दी क़ैद हुई है। मैं अभी तुरंत ही सिलीगुड़ी से लौटा हूँ, हमलोग जल्द इस सारे मामले को लेकर प्रशासन को शिकायत दर्ज कराएंगे। मारपीट की खबर मिलने के बाद पुलिस प्रशासन ने बहुत सकारात्मक तरीके से पूरे मामले को संभाला इसके लिए मैं एसएचओ साहब की तारीफ करूँगा” अंज़ार आलम ने कहा।
शम्सुज़्ज़्मां ‘पप्पू’ के घर पर पथराव करवाने के खुद पर लगे आरोप से इनकार करते हुए अंज़ार ने कहा, “उनके लोगों ने ही सारी हकरतें की हैं और आरोप हमपर लगा रहे हैं। असल बात यह है कि पप्पू और उनके लोगों ने इस वार्ड को अपना इलाका समझ लिया है। वो लोग कहते हैं कि हम किसी और को यहाँ से लड़ने नहीं देंगे कोई आया तो उसको छोड़ेंगे नहीं।”
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