राजद विधायक मोहम्मद इज़हार असफ़ी की एक कॉल रिकॉर्डिंग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल करने की जुर्म में बिहार पुलिस ने शनिवार देर रात किशनगंज के 27 वर्षीय युवा नुरूल अमीन उर्फ़ प्रिंस ख़ान सूरजापूरी को गिरफ्तार कर लिया।
प्रिंस दवा की एक दुकान चलाते हैं और ख़ुद को यूट्यूबर बताते हैं। वह ‘सीमांचल एक्सप्रेस’ नामक YouTube चैनल, Facebook पेज और WhatsApp ग्रुप चलाते हैं।
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FIR में क्या लिखा है?
बिहार के किशनगंज ज़िला अंतर्गत कोचाधामन विधानसभा क्षेत्र के विधायक मोहम्मद इज़हार असफ़ी ने 1 अक्टूबर को FIR दर्ज कराया था। उन्होंने थाने में दिए आवेदन में लिखा, “आपराधिक षड्यंत्र के तहत मेरे जान माल पर आक्रमण के लिए जनता को उकसाने की नियत से फ़ोन पर बातचीत का ऑडियो क्लिप जारी किया गया है, जो बेहद गंभीर और ख़तरनाक है। ऑडियो में मेरी दाढ़ी और टोपी को केंद्र बनाकर बेहद उग्र, भद्दी और सांप्रदायिक टिप्पणी की गई है। इस कारण मेरे साथ साथ समाज के अनेकों लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं और समाज में भारी रोष है और सामाजिक एवं सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़ने का खतरा है।”
कॉल रिकॉर्डिंग में क्या है?
क़रीब 5 मिनट की उक्त ऑडियो रिकॉर्डिंग ‘मैं मीडिया’ के पास उपलब्ध है। इसमें विधायक असफ़ी को कॉल करने वाला ख़ुद को बरारो आसजा निवासी वोटर कह अपना परिचय देता है और उनसे AIMIM छोड़ कर RJD जाने को लेकर नाराज़गी व्यक्त करता है। विधायक असफ़ी सफ़ाई देने की कोशिश करते हैं, लेकिन कॉल करने वाला कहता है, “लोग कह रहे हैं कि 25 करोड़ लिए हैं। राजद मुस्लिम लीडरशिप ख़त्म करना चाहती है, सीमांचल को बदनाम देखना चाहती है, आप AIMIM की वजह से जीते।”
आगे बहस तीखी हो जाती है और विधायक कहते हैं, “आपको झगड़ा करना है तो जहाँ आने बोलिएगा वहाँ आते हैं। कहाँ आना है बोलिये।” इस पर कॉल करने वाला शख़्स जवाब देता है – “आप गुंडे की तरह हैं। आपको क्या आने बोलेंगे। आपको एड्रेस बताएंगे तो आप गुंडा भेज देंगे। क़ौम को लूट कर खा रहे हैं। समाज को बेच खाने वाले। हाजी और दाढ़ी के नाम पर लूटने वाले। शर्म आनी चाहिए आप जैसे हाजी साहब लोगों को। क़ौम के ग़द्दार, मक्कार, मीर जाफ़र हो तुम।”
प्रिंस ख़ान सुरजापुरी पर भारतीय दंड संहिता की धारा 499 (अपमानजनक कथन), 504 (उकसाने के इरादे से अपमान), 120(B) (आपराधिक षड्यंत्र) और 67 IT एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।
बरारो आसजा कोचाधमान प्रखंड की पिछला पंचायत का एक गाँव है। प्रिंस ने ‘मैं मीडिया’ को फ़ोन पर बताया, “वह कॉल करने वाले को नहीं जानता है और विधायक असफ़ी की कॉल रिकॉर्डिंग उसे 28 सितंबर को एक WhatsApp ग्रुप पर मिली थी। उसी को उसने अपने ‘सीमांचल एक्सप्रेस’ के प्लेटफॉर्म्स पर वीडियो की शक्ल में डाल दिया। आगे उसने बताया कि Facebook पर उस वीडियो को क़रीब 2 लाख व्यूज़ मिले, लेकिन अभी उक्त रिकॉर्डिंग को सारे प्लेटफार्म से डिलीट कर दिया गया है।”
ये पूछने पर कि क्या उन्हें लगता है कि उस रिकॉर्डिंग में कुछ आपत्तिजनक था, प्रिंस ने बताया, “दाढ़ी टोपी वाली बात कहीं न कहीं आपत्तिजनक थी, लेकिन मुझे लगा उसे हटाने में ऐसा लगता कि ऑडियो के साथ छेड़छाड़ की गई है।”
ये पूछने पर कि जिसने कॉल किया था, क्या उसका पता नहीं चल पाया, विधायक इज़हार असफ़ी ने ‘मैं मीडिया’ को बताया, “ये कॉल प्रिंस ने ही दूसरे मोबाइल से किया है। बरारो आसजा गाँव में ऐसा कोई लड़का नहीं है। इन्हीं लोगों की मिलीभगत है। अगर कोई और कॉल किया था तो वो (प्रिंस) बता दे। दूसरा आदमी किया है तो वह दोषी बन जाएगा, ये निर्दोष हो जाएगा।”
उधर प्रिंस का कहना है – “विधायक जी के दिल को ठेस पहुँचाना मेरा मकसद नहीं, सोचा जनता की बात है तो जनता तक पहुँचाऊँ।”
गिरफ़्तारी और रिहाई
प्रिंस के अनुसार, शनिवार की रात क़रीब 2 बजे भारी संख्या में पुलिस बल उसे उसके ठाकुरगंज स्थित घर से गिरफ़्तार कर ले गई और सुबह 8 बजे तक कोचाधामन थाने के हाजत में रखा, जहाँ उसे माफ़ीनामा लिख कर देने को कहा गया, लेकिन उसने ऐसा करने से इनकार कर दिया। उसके बाद कोचाधामन के पूर्व विधायक व जदयू नेता मुजाहिद आलम और उनके समर्थक थाने पहुँचे। प्रिंस को 41(1) के तहत बंध-पत्र लेकर रविवार को ही जेल से रिहा कर दिया गया। “मुझे छुड़ाने में मुजाहिद आलम और एडवोकेट इंतेशार आलम का बहुत बड़ा रोल रहा।”
प्रिंस के एडवोकेट और मुजाहिद आलम के करीबी इंतेशार आलम ने ‘मैं मीडिया’ को बताया, “पुलिस गिरफ़्तारी से बचने के लिए 41(1) का लाभ मिला है। कोर्ट से नोटिस आने के बाद उसे ज़मानत लेनी होगी।”
मुजाहिद आलम कहते हैं, “हमने प्रशासन से कहा कि अगर विधायक जी को केस ही करना था, तो जो फ़ोन किया था उसपर करते। अगर कॉल करने वाले का पता नहीं चला, जिस नंबर से कॉल आया उसपर केस करते। विधायक जी कितने लोगों को बेवक़ूफ़ बनायेंगे।”
प्रिंस के जेल से छूटने पर विधायक असफ़ी कहते हैं – “जदयू के लोगों को साथ लेकर मास्टर मुजाहिद आलम ड्रामा कर दिया रविवार को। हम थे नहीं, नहीं तो हम भी वहाँ ड्रामा करते।”
उधर मुजाहिद आलम कहते हैं – “विधायक जी का सोच बड़ा होता तो ये हरकत वह नहीं करते। एक मामूली पत्रकार, गरीब आदमी के घर पर दस गाड़ी पुलिस भेज देना, क्या था यह?”
राजद के खुला अधिवेशन में शामिल होने के लिए विधायक इज़हार असफ़ी रविवार को दिल्ली में थे।
महागठबंधन में टकराव
बिहार में महागठबंधन सरकार के मुख्य घटक दल राजद और जदयू के किशनगंज में ऐसे टकराव पर असफ़ी कहते हैं – “हमलोगों के हिसाब से गठबंधन ठीक से नहीं चल रहा है।”
इस बारे में पूछने पर मुजाहिद कहते हैं, – “MLA वह हैं, उनको सभी पार्टियों को लेकर चलना है। मैं तो जदयू का पदाधिकारी हूँ। हमारा दायित्व गठबंधन का नहीं है।“
कौन हैं इज़हार असफ़ी?
मोहम्मद इज़हार असफ़ी 2020 में पहली बार कोचाधामन विधानसभा से विधायक बने हैं। यह चुनाव उन्होंने AIMIM टिकट पर लड़ा था और जदयू प्रत्याशी मुजाहिद आलम को मात दी थी। लेकिन, इसी साल जुलाई के अंत में वह AIMIM के अन्य तीन विधायकों के साथ राजद में शामिल हो गए। उसके बाद अगस्त में बिहार में राजद-जदयू की सरकार बन गई।
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