शुक्रवार को केन्द्रीय अनुसूचित जाति जनजाति आयोग की सदस्या डा. अंजु बाला ने किशनगंज के कोचाधामन अंतर्गत तेघरिया पहुँच कर ज़मीन विवाद में दलित परिवार के साथ मारपीट का आरोप लगाते हुए पीड़ित परिवार से मिलकर इंसाफ का भरोसा दिया था।
उधर, शनिवार को कोचाधामन के पूर्व विधायक मास्टर मुजाहिद आलम ने अपने आवास पर एक प्रेस वार्ता कर कथित पीड़ित श्याम लाल द्वारा तथ्यों को छुपाकर जांच टीम को गुमराह करने की कोशिश का आरोप लगाया है।
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जदयू प्रदेश उपाध्यक्ष आलम के अनुसार, मामले को गलत ढंग से केंद्रीय अनुसूचित जाति जनजाति आयोग के समक्ष साम्प्रदायिक रंग देकर पेश किया गया और सरकार तथा प्रशासन की छवि खराब करने की कोशिश की गई।
मामले की उच्च स्तरीय जांच करने की मांग
इसको लेकर मुजाहिद आलम के नेतृत्व में एक शिष्टमंडल ने किशनगंज जिला पदाधिकारी श्रीकांत शास्त्री से उनके कार्यालय में भेंट कर मामले की उच्च स्तरीय जांच कर दोषियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई व निर्दोष लोगों को बरी करने की मांग की है।
ग्रामीणों द्वारा आवेदन पत्र में कहा गया है कि मामला मौजा तेघरिया, थाना नंबर 382,खाता नंबर 153, खेसरा 1169, 1551 के सरकारी रास्ते व निज जमीन को श्याम लाल व उनके परिवार द्वारा अवैध ढंग से 4 मई 2022 को बंद कर दिया गया, जिससे ग्रामीणों के आवागमन का रास्ता बंद हो गया। इसकी शिकायत ग्रामीणों द्वारा 5 मई को किशनगंज पुलिस अधीक्षक डॉ इनामुल हक मेंगनू से की गई।
पुलिस अधीक्षक किशनगंज के निर्देश पर कोचाधामन थाना अध्यक्ष ने एएसआई वीर प्रताप को भेजकर रास्ता को खुलवाया। लेकिन श्याम लाल द्वारा दोबारा रास्ते को बंद कर दिया गया। इसकी सुनवाई अंचलाधिकारी कोचाधामन व थानाध्यक्ष कोचाधामन ने जनता दरबार में की।
श्याम लाल के आवेदन पर अंचलाधिकारी कोचाधामन ने विवादित भूमि की अंचल के अमीन नागमणि से मापी करवाई। मापी के क्रम में पाया गया कि श्याम लाल द्वारा सरकारी रासते को अवैध ढंग से बंद किया गया है और जब अमीन द्वारा अवैध कब्जा हटाने को कहा गया, तो शयाम लाल व उनके परिवार द्वारा अंचल अमीन से भी बदसलूकी की गई।
अंचल अमीन की मापी रिपोर्ट में यह दर्ज है। अंचल अमीन के जाने के बाद शयाम लाल व उनके परिवार द्वारा सीमांकन पीलर व लाल झंडा को उखार फेंक दिया।
रास्ते का विवाद पहली बार 2017 में उत्पन्न हुआ : आलम
आलम के अनुसार, उक्त रास्ते का विवाद पहली बार 2017 में उत्पन्न हुआ था, जब स्थानीय सलाहुद्दीन द्वारा उक्त रास्ते को अवरोधित कर दिया गया था। तब प्रशासन द्वारा जमीन की मापी कर रास्ता चालू किया गया था और पंचायत द्वारा 14वें वित्त आयोग की राशि से प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत शाहिद के घर तक ईंट सोलिंग कार्य कराया गया था।
8 अगस्त 2022 को जब ग्रामीण महशरी बेगम उसी रास्ते से अपना मवेशी लेकर जा रही थी, तब उनके मवेशी की रस्सी से श्याम लाल द्वारा लगाया गया टट्टी गिर गया था, जिस कारण दोनों पक्षों के बीच झड़प और मारपीट हो गई। इसमें महशरी बेगम, शाहिद, अली अकबर व श्याम लाल की बेटी सुधा कुमारी जख्मी हो गई। उनका सीएचसी कोचाधामन में इलाज किया गया और दोनों तरफ से थाने को सूचना दी गई।
पूर्व विधायक ने बताया, “क्योंकि प्रशासन को मालूम था कि मामला जमीन विवाद का है और प्रशासन 09 अगस्त को मोहर्रम होने के कारण उसमें व्यस्त था। जिस कारण मोहर्रम बाद दोनों पक्षों को उचित कार्रवाई का भरोसा दिलाया गया।”
“परंतु श्याम लाल द्वारा राजनीतिक दबाव बनाकर किशनगंज थाने में SC/ST थाना कांड संख्या 06/2022 दर्ज किया गया। मामले को गलत ढंग से केंद्रीय अनुसूचित जाति जनजाति आयोग के समक्ष साम्प्रदायिक ढंग से पेश कर सरकार और प्रशासन की छवि श्याम लाल द्वारा खराब करने की कोशिश की गई।”
मुजाहिद आलम के मुताबिक, उन्होंने जांच टीम के समक्ष कहा कि उन्हें कभी इंदिरा आवास या प्रधानमंत्री योजना का लाभ नहीं दिया गया है। जबकि सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार वो दो बार इंदिरा आवास का लाभ लिया है। इस संबंध में जिलाधिकारी किशनगंज से मामले की जांच कर उचित कार्रवाई की मांग की गई है। क्योंकि मामला जमीन विवाद का है, जो श्याम लाल द्वारा जबरन प्रशासन की रोक के बावजूद सरकारी रास्ते को बंद करने के कारण उत्पन्न हुआ है। इस संबंध में ग्रामीणों पर झूठा SC/ST मामला दर्ज किया गया है।
उन्होंने आगे ने बताया कि जिला पदाधिकारी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रखंड विकास पदाधिकारी, अंचलाधिकारी व थानाध्यक्ष कोचाधामन की तीन सदस्यीय टीम से मामले की जांच करवा कर उचित कार्रवाई का भरोसा दिलाया है।
शिष्टमंडल में कोचाधामन प्रमुख प्रतिनिधि जवादुल हक, तेघरिया सरपंच प्रतिनिधि मुबारक हुसैन, मुखिया नसीम अंसारी, पूर्व मुखिया मुजीबुर रहमान, राजद नेता रमीज राजा उर्फ सोनू, समाजसेवी अफरोज आलम, दबीर आलम सहित दर्जनों ग्रामीण उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री से मिलकर मामले से अवगत कराया जाएगा : आलम
आलम ने बताया कि उक्त मामले को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव तथा वरीय प्रशासनिक अधिकारियों से मिलकर मामले से अवगत कराया जाएगा और निर्दोष लोगों को बड़ी करने की मांग की जाएगी।
उनके अनुसार उक्त विवादित जमीन की 2017 से अब तक तीन बार प्रशासन द्वारा मापी करवाई गई है और तीनों बार मापी रिपोर्ट में सरकारी रास्ता आया है।
जमीन विवाद में दलित परिवार की पिटाई का आरोप, अनुसूचित आयोग ने दिये कार्रवाई के निर्देश
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