किशनगंज जिले की युवा पीढ़ी इन दिनों स्मैक की गिरफ्त में है। स्मैक का आदी हो चुके युवा नशा करने के लिए अपने जिस्म के खून तक का सौदा कर लेते हैं।
यानी अपने शरीर का खून बेचकर, उस पैसे से स्मैक का नशा करते हैं। खून के सौदागर ऐसे युवाओं की तलाश करते हैं, जिन्हें स्मैक पीने की लत है, लेकिन उनके पास पैसे नहीं हैं।
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यह सनसनीखेज खुलासा किशनगंज पुलिस ने किया है।
किशनगंज टाउन थाने के एएसआई संजय यादव को गुप्त सूचना मिली थी कि एक गिरोह इस काम में लगा हुआ है। सूचना के आधार पर उन्होंने 22 वर्षीय कृष्णा पोद्दार नामक युवक को धर दबोचा जो स्मैक के नशे के दलदल में पूरी तरह से फंसा हुआ था।
युवक ने पुलिस को बताया कि वह खून बेचकर नशा किया करता है। इसके बाद युवक की निशानदेही पर किशनगंज टाउन थाने के थानाध्यक्ष अमर प्रसाद और एएसआई संजय यादव ने खून निकाल कर डेलिवरी के लिए ले जाते पैथोलॉजी से जुड़े रुस्तम नामक एजेंट को नाटकीय ढंग से गिरफ्तार किया। वहीं, रुस्तम से खून रिसीव करने के लिए शहर के पश्चिमपाली में खड़े दूसरे लैब एजेंट मोहम्मद शहबाज आलम को भी रुस्तम की पहचान पर गिरफ्तार किया गया।
खून के खेल के मास्टरमाइंड मोहम्मद बाबर को भी पुलिस ने शहर के चुड़ीपट्टी स्थित उसके पैथलॉजी से गिरफ्तार किया है।
रुस्तम ने बताया कि उसे एक यूनिट ब्लड की कीमत बाबर से 1500 रुपये मिलती थी, जिसमें से एक हजार से बारह सौ रुपये डोनर को दे देता था। इस तरह उसे तीन से पांच सौ रुपये की कमाई होती थी। साथ ही उसने खुलासा किया कि व वह उन युवाओं के शरीर से खून निकाल कर बेचता था जिन्हें नशे के लिए पैसे की जरूरत होती है।
जांच में पता चला है कि बाबर ने अपने दर्जनों एजेंट को इसके लिए काम पर लगाया हुआ था। वह अपने दो एजेंट मुहम्मद शहबाज आलम और रुस्तम का इंतजार अपने चूड़ीपट्टी स्थित लैब में कर रहा था।
पुलिस के मुताबिक, मोहम्मद बाबर का खून का कारोबार सीमांचल सहित पूरे पश्चिम बंगाल में फैला हुआ है। वह ऊंची कीमतों पर खून बंगाल और बिहार में बेचा करता था।
एएसआई संजय यादव ने कहा कि लैब एजेंट रुस्तम स्मैकर्स को फुलबाड़ी गांव के किनारे घने जंगलों में बुलाकर उसके जिस्म से खून निकाला करता था और मोहम्मद बाबर को बेचा करता था। मोहम्मद बाबर पैथोलॉजी लैब की आड़ में खून का काला कारोबार किया करता था।
बंगाल तक जुड़ा है गिरोह का नेटवर्क
किशनगंज टाउन थानाध्यक्ष अमर प्रसाद ने कहा कि एसपी के निर्देश पर छापेमारी कर एक नशेड़ी सहित खून के चार सौदागरों को गिरफ्तार किया गया है। इनके पास से खून निकालने का उपकरण और एक यूनिट ब्लड भी बरामद किया गया है। उन्होंने कहा कि इस गिरोह का नेटवर्क बंगाल तक जुड़ा हुआ है।
गिरफ्तार सभी लोगों से पूछताछ की जा रही है। इस धंधे में और जो भी लोग शामिल हैं, उन्हें भी जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
क्या होता है स्मैक?
स्मैक एक अवैद्य ओपियोड ड्रग है, जिसको “ब्लैक तार हेरोइन” भी कहा जाता है। स्मैक अफीम का एक प्रकार है। इसका नाम ब्लैक तार हेरोइन, इसके रंग रूप की वजह से रख गया है। यह चिपचिपा या पत्थर जैसा होता है। नशा करने वाले इसे धुएं के रूप में या फिर पिघला कर नस में लेते हैं। यह अफीम खसखस के पौधे से प्राप्त होता है, जिसके बीज को पोस्ता दाना भी कहते हैं।
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