Main Media

Seemanchal News, Kishanganj News, Katihar News, Araria News, Purnea News in Hindi

Support Us

गेस्ट फ़ैकल्टी की बहाली में पूर्णिया यूनिवर्सिटी क्यों है राज्य में सबसे पीछे ?

लंबे समय से पूर्णिया विश्वविद्यालय (पीयू) में रिक्त पदों पर गेस्ट प्रोफेसर की नियुक्तियों की मांग उठती रही है।

syed jaffer imam Reported By Syed Jaffer Imam |
Published On :

लंबे समय से पूर्णिया विश्वविद्यालय (पीयू) में रिक्त पदों पर गेस्ट प्रोफेसर की नियुक्तियों की मांग उठती रही है। पिछले कुछ महीनों में पटना विश्वविद्यालय, ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय दरभंगा और पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय ने गेस्ट प्रोफेसर की बहाली कर ली है। इसके अलावा करीब आधा दर्जन ऐसे विश्वविद्यालय हैं जहां या तो आवेदन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है या आवेदन निकाले जा चुके हैं।

मगर, पूर्णिया विश्वविद्यालय में गेस्ट प्रोफेसर की बहाली के लिए अब तक कोई कदम नहीं उठाया जा सका है। इस मामले में पूर्णिया विश्वविद्यालय के सिंडिकेट सदस्य एमपी सिंह ने ‘मैं मीडिया’ से कहा, “अभी कुछ साफ़ नहीं है। 13 मार्च को पूर्णिया यूनिवर्सिटी के सिंडिकेट सदस्यों की मीटिंग है। आशा है उसमें कुछ बात बनेगी।”

Also Read Story

सक्षमता परीक्षा-2 के लिये 26 अप्रैल से आवेदन, पहले चरण में सफल शिक्षक भी ले सकेंगे भाग

बिहार के स्कूलों में शुरू नहीं हुई मॉर्निंग शिफ्ट में पढ़ाई, ना बदला टाइम-टेबल, आपदा प्रबंधन विभाग ने भी दी थी सलाह

Bihar Board 10th के Topper पूर्णिया के लाल शिवांकर से मिलिए

मैट्रिक में 82.91% विधार्थी सफल, पूर्णिया के शिवांकार कुमार बने बिहार टॉपर

31 मार्च को आयेगा मैट्रिक परीक्षा का रिज़ल्ट, इस वेबसाइट पर होगा जारी

सक्षमता परीक्षा का रिज़ल्ट जारी, 93.39% शिक्षक सफल, ऐसे चेक करें रिज़ल्ट

बिहार के सरकारी स्कूलों में होली की नहीं मिली छुट्टी, बच्चे नदारद, शिक्षकों में मायूसी

अररिया की साक्षी कुमारी ने पूरे राज्य में प्राप्त किया चौथा रैंक

Bihar Board 12th Result: इंटर परीक्षा में 87.54% विद्यार्थी सफल, http://bsebinter.org/ पर चेक करें अपना रिज़ल्ट

स्थानीय पीएचडी होल्डरों को बहाली का इंतज़ार

अररिया के रहने वाले डॉ आफताब आलम ने 2020 में पीएचडी की डिग्री ली थी। वह उन सैकड़ों आकांक्षियों में से एक हैं, जो कॉलेज में खाली पड़े पदों की नियुकितयों की प्रतीक्षा कर रहे हैं। आफताब ने ‘मैं मीडिया’ से बताया कि सीमांचल में लगभग सभी कॉलेजों में शिक्षकों की अनेक सीटें खाली हैं।


आफताब कहते हैं, “राजभवन के आर्डर के अनुसार, सभी विश्वविद्यालयों को गेस्ट फ़ैकल्टी की वैकेंसी निकालनी थी। 2019 में एक बार निकला और 2020-22 से लगातार निकल रहा है। बिहार के लगभग सभी विश्वविद्यालयों ने निकाल लिया है। 31 मार्च से आवेदन देने की बात है लेकिन पूर्णिया यूनिवर्सिटी में अब तक वैकेंसी नहीं निकाली गई है।”

“हमलोग चाहते हैं कि 13 मार्च को सिंडिकेट की मीटिंग में इस मुद्दे का हल निकले। हम लोग भी पीएचडी कर के बैठे हैं, और इंतेज़ार में हैं कि यूनिवर्सिटी वैकेंसी निकाले। मेरी तरह यहां कई पीएचडी होल्डर हैं जो बहाली के इंतज़ार में बैठे हैं। यहां के कॉलेजों में बहुत सारी सीटें खाली हैं। पूर्णिया यूनिवर्सिटी के अंतर्गत जितने कॉलेज हैं, सब में यही हाल है,” उन्होंने कहा।

आफताब ने आगे कहा कि बहाली होगी तो छात्रों की पढ़ाई हो सकेगी। अभी तो कई क्लासों में पढ़ाने वाला कोई नहीं है।

उन्होंने बताया कि 2020 में बिहार स्टेट यूनिवर्सिटी कमीशन ने वैकेंसी लाई थी जिसके अंतर्गत बिहार के अलग अलग विश्वविद्यालयों में बहाली की जा रही है।

पूर्णिया यूनिवर्सिटी के अंतर्गत कॉलेजों में इंटर से स्नातकोत्तर (पोस्ट ग्रेज्युट) की पढ़ाई कराई जाती है लेकिन आधे से अधिक विभागों में शिक्षकों की कमी है। आफताब ने यह भी कहा कि कुछ कॉलेजों में कई विषयों के तो एक भी शिक्षक नहीं हैं और लंबे समय से वहां पढ़ाई हो ही नहीं रही है।

डॉ श्वेता शारण की ससुराल अररिया और मायका सहरसा है और वह इस समय आरएम कॉलेज सहरसा के समाजशास्त्र विभाग में पढ़ा रही हैं। श्वेता ने 2015 पीएचडी की डिग्री हासिल की थी। उन्होंने बताया कि 2019 में वह गेस्ट प्रोफेसर की नौकरी के लिए पूर्णिया विश्वविद्यालय गई थीं। उस समय उन्हें वहाँ नौकरी नहीं मिली थी। उन्हें कहा गया था कि अगली बार जब बहाली की जाएगी, तो उन्हें नियुक्त किया जाएगा।

श्वेता कहती हैं, “मैं पहली बार जब पूर्णिया गई थी इंटरव्यू के लिए, तब राजेश सिंह वीसी थे। उन्होंने मुझसे कहा था कि मैं दोबारा वैकेंसी निकालूंगा तो आप लोग को ले लूंगा, लेकिन वह खुद चले गए, तो उसके बाद वैकेंसी नहीं निकली। तब से कई सीटें खाली हैं।”

“उस समय जिन लोगों की बहाली हुई थी उन्होंने भी छोड़ दिया था। मुझे लगता है कि अब सारी सीटें खाली ही होंगी। हमारी तो मांग यही है कि पूर्णिया विश्वविद्यालय में बहाली हो। बहाली होने से उस क्षेत्र के जो बेरोज़गार हैं उन्हें नौकरी मिल जाएगी और जो लोग दूर दूर जाकर काम कर रहे हैं, उनको बहुत सुविधा होगी,” उन्होंने बताया।

पूर्णिया विश्वविद्यालय में गेस्ट प्रोफेसर की बहाली में देरी होने पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े दीपक कुमार मंडल ने कहा कि यह विश्वविद्यालय पूरी तरह से सुस्त हो गया है। उन्होंने कहा, “पूर्णिया विश्वविद्यालय समय पर न सेनेट की बैठक करवाता है न सिंडिकेट की। जब तक यह सिंडिकेट की बैठक में पास नहीं होगा, तब तक वे बहाली नहीं निकालेंगे। सरकार को इसका संज्ञान लेना चाहिए, हर यूनिवर्सिटी में बहाली हो रही है पर यहाँ नहीं हो रही है।”

पूर्णिया विश्वविद्यालय में 13 मार्च को होने वाली बैठक को लेकर दीपक कुमार ने कहा कि बीते साल दिसम्बर में ही सिंडिकेट की बैठक होनी थी, जो आज तक नहीं हुई।

उन्होंने यह भी बताया कि 2018 में पूर्णिया विश्वविद्यालय की स्थापना के बाद एक बार शिक्षकों की बहाली हुई थी। उसके बाद कुछ गेस्ट प्रोफेसर ने वेतन व्यवस्था सही न होने के कारण नौकरी छोड़ दी थी, वे सीटें भी अभी खाली पड़ी हैं।

दीपक ने बताया, “देखिये, यह 13 मार्च वाली बैठक होती भी है या नहीं। यह बैठक दिसंबर से ही कैंसिल हो रही है। हम लोग सेनेट का भी घेराव करने वाले थे। सारी तैयारी के बावजूद बैठक कैंसिल हो जा रही है।”

पीयू के वाइस चांसलर ने क्या कहा

इस मामले में हमने पूर्णिया विश्वविद्यालय के कुलपति (वाइस चांसलर) आर एन यादव से बात की। उन्होंने बताया कि रिक्त पदों पर बहाली एक प्रक्रिया के तहत होती है जिसके लिए लंबे समय से पूर्णिया यूनिवर्सिटी प्रयासरत है।

वाइस चांसलर आरएन यादव ने कहा, “गेस्ट फ़ैकल्टी की बहाली का प्रोसीजर है। कमिश्नर के यहां से रोस्टर क्लीयरेंस होता है। जो भी पद विश्वविद्यालय में बिहार सरकार द्वारा स्वीकृत होता है, उन्हीं पदों के लिए गेस्ट फ़ैकल्टी होती है। हम तो बहाली करने का प्रयास कर ही रहे हैं। कायदे कानून के साथ अभी कमिश्नर के यहाँ भेजा गया है। आदेश आने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। गेस्ट फ़ैकल्टी की बहाली तो की ही जाएगी।”

हमने उनसे पूर्णिया विश्वविद्यालय के रिक्त पदों के आंकड़ों के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि इसका विवरण लिस्ट आने के बाद दे पाएंगे।

“डिटेल सॉर्ट आउट करने के बाद बताया जाएगा। जो भी पद रिक्त होंगे उनके लिए गेस्ट फ़ैकल्टी की बहाली की जाती है। विश्वविद्यालय तो बहुत पहले से प्रयासरत है, उसमें प्रक्रिया है। मेरा प्रयास रहेगा कि जल्दी से जल्दी बहाली हो जाए।”

सीमांचल की ज़मीनी ख़बरें सामने लाने में सहभागी बनें। ‘मैं मीडिया’ की सदस्यता लेने के लिए Support Us बटन पर क्लिक करें।

Support Us

सैयद जाफ़र इमाम किशनगंज से तालुक़ रखते हैं। इन्होंने हिमालयन यूनिवर्सिटी से जन संचार एवं पत्रकारिता में ग्रैजूएशन करने के बाद जामिया मिलिया इस्लामिया से हिंदी पत्रकारिता (पीजी) की पढ़ाई की। 'मैं मीडिया' के लिए सीमांचल के खेल-कूद और ऐतिहासिक इतिवृत्त पर खबरें लिख रहे हैं। इससे पहले इन्होंने Opoyi, Scribblers India, Swantree Foundation, Public Vichar जैसे संस्थानों में काम किया है। इनकी पुस्तक "A Panic Attack on The Subway" जुलाई 2021 में प्रकाशित हुई थी। यह जाफ़र के तखल्लूस के साथ 'हिंदुस्तानी' भाषा में ग़ज़ल कहते हैं और समय मिलने पर इंटरनेट पर शॉर्ट फिल्में बनाना पसंद करते हैं।

Related News

BSEB Intermediate Result 2024: आज आएगा बिहार इंटरमीडिएट परीक्षा का परिणाम, छात्र ऐसे देखें अपने अंक

मधुबनी डीईओ राजेश कुमार निलंबित, काम में लापरवाही बरतने का आरोप

बिहार में डीएलएड प्रवेश परीक्षा 30 मार्च से, परीक्षा केंद्र में जूता-मोज़ा पहन कर जाने पर रोक

बिहार के कॉलेजों में सत्र 2023-25 में जारी रहेगी इंटर की पढ़ाई, छात्रों के विरोध के बाद विभाग ने लिया फैसला

बिहार के कॉलेजों में इंटर की पढ़ाई खत्म करने पर छात्रों का प्रदर्शन

बिहार बोर्ड द्वारा जारी सक्षमता परीक्षा की उत्तरकुंजी में कई उत्तर गलत

BPSC TRE-3 की 15 मार्च की परीक्षा रद्द करने की मांग तेज़, “रद्द नहीं हुई परीक्षा तो कट-ऑफ बहुत हाई होगा”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Latest Posts

Ground Report

किशनगंज: दशकों से पुल के इंतज़ार में जन प्रतिनिधियों से मायूस ग्रामीण

मूल सुविधाओं से वंचित सहरसा का गाँव, वोटिंग का किया बहिष्कार

सुपौल: देश के पूर्व रेल मंत्री और बिहार के मुख्यमंत्री के गांव में विकास क्यों नहीं पहुंच पा रहा?

सुपौल पुल हादसे पर ग्राउंड रिपोर्ट – ‘पलटू राम का पुल भी पलट रहा है’

बीपी मंडल के गांव के दलितों तक कब पहुंचेगा सामाजिक न्याय?