असम के तिनसुकिया जिला अंतर्गत कोलाबाड़ी में एक मस्जिद के इमाम की हत्या कर दी गई। मस्जिद के इमाम मौलाना मोहम्मद तहज़ीब बिहार के पूर्णिया जिला के रहने वाले थे। उनका घर बायसी अंतर्गत बनगामा पंचायत के पोखरिया गांव में है। मिली जानकारी के अनुसार रविवार सुबह असम के तिनसुकिया जिला के माकुम थाना अंतर्गत कोलाबाड़ी की एक मस्जिद में मौलाना तहज़ीब ‘फज्र’ की अज़ान ख़त्म दे कर बैठे ही थे कि उन पर एक शख्स ने तेज़ धार हत्यार से हमला कर दिया।
आरोपी शख्श का नाम इब्राहिम अहमद है। इब्राहिम कोलाबाड़ी का रहने वाला है और असम पुलिस की तरफ से दिए गए बयान में गिरफ्तारी के बाद उसने जुर्म कबूल कर लिया। तिनसुकिया के सहायक पुलिस अधीक्षक ने कहा कि मामले का आरोपी इब्राहिम अहमद ने अपना जुर्म कबूल लिया है और उस पर हत्या के मामले के तहत आईपीसी की धारा 302 दर्ज की गई है।
Also Read Story
रविवार को मामले की खबर मिलने पर पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर हत्या में उपयोग होने वाले हत्यार को बरामद किया और लाश को पोस्टमॉर्टेम के लिए भेज दिया। ‘मैं मीडिया’ को मिले पोस्टमर्टम रिपोर्ट में मृत्यु का कारण सर की चोट और हैमरेज लिखा गया है। पुलिस के अनुसार हत्यारे ने मृतक इमाम पर पीछे से हमला किया जिसमें मौके पर ही उनकी मौत हो गई।
स्थानीय नेताओं ने मौलाना तहज़ीब की हत्या पर दुःख जताया
मौलाना तहज़ीब की लाश को असम के तिनसुकिया से पूर्णिया स्थित उनके गांव पोखरिया लाया जा रहा है। कोचाधामन के पूर्व विधायक मास्टर मुजाहिद ने ‘मैं मीडिया’ को बताया कि रविवार सुबह मौलाना तहज़ीब की हत्या हुई जिसका आरोपी इब्राहिम गिरफ्तार हो गया है।
“मस्जिद में ही मौलाना तहज़ीब की एक धारदार हत्यार से हत्या कर दी गई। जो आदमी मारा उसका नाम इब्राहिम है वह मस्जिद के सेक्रेटरी का भांजा है। लाश आ रही है आज शाम को (पोखरिया गांव में) जनाज़े की नमाज़ रखी गई है।” मास्टर मुजाहिद बोले।
हत्या का कारण पूछने पर उन्होंने कहा कि इस पर पुलिस कार्रवाई कर रही है इस पर जांच के बाद मामला साफ़ होगा। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि वहां के कुछ लोग कह रहे हैं कि हत्या के आरोपी ने मौलाना तहज़ीब से किसी लड़की के लिए तावीज़ मांगी थी, मना करने पर गुस्साए लड़के ने रविवार की सुबह ऐसा किया।
“यह मैं लोगों की बात मैं बता रहा हूँ। पुलिस का नंबर है अभी उनको कॉल करके हमलोग पूछेंगे। कल जिस वक्त हमारी बात हुई थी उस वक्त उनकी पूछताछ चल रही थी।” उन्होंने कहा।
पूर्व विधायक ने आगे बताया कि मृतक की लाश लाने की प्रक्रिया में उन्होंने असम के धुबरी सीट से सांसद बदरुद्दीन अजमल की मदद ली। “हम बदरुद्दीन अजमल साहब से हम लोग बात किए थे, फिर वह अपने लोगों से बोले। मस्जिद वाले पहुंचे और कुछ कमेटी वाले भी चंदा कर दिए। एम्बुलेंस का खर्चा हम और बदरुद्दीन साहब गछ लिए थे वहां जो अतिरिक्त चंदा हुआ वह उनके घर वालों को दिया जायेगा। अभी जाएंगे उनके घर हमलोग तो 25-30 हज़ार उनके परिवार को देंगे।”
ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहाद ए मुस्लिमीन बिहार के प्रदेश अध्यक्ष और अमौर विधायक अख्तरुल ईमान ने सोशल मीडिया के माध्यम से मौलाना तहज़ीब की हत्या पर दुःख जताया और उनके घर वालों के लिए दुआ की। उन्होंने लिखा, ”अपराधियों (अपराधी) की गिरफ्तारी हो चुकी है और अपना जुर्म कुबूल भी कर लिया है। इस पूरे प्रकरण में स्थानीय अधिकारियों सहित पूर्णिया के जिला अधिकारी से भी मैं संपर्क में हूँ। अल्लाह मरहूम की मग़फ़िरत फरमाएं और घर वालों को सब्र ए जमील अता फरमाएं।”
हत्या के पीछे क्या था कारण?
मृतक मौलाना तहज़ीब की पोस्टमर्टम रिपोर्ट आने के बाद रविवार रात लाश को एम्बुलेंस से पूर्णिया के लिए रवाना किया गया। एम्बुलेंस में लाश लाने वालों में तौसीफ आलम भी हैं जो मृतक के गांव के ही रहने वाले हैं और अभी तिनसुकिया के पाखुरी जाड़ में रहते हैं। तौसीफ आलम ने बताया कि खबर सुनकर वह पाखुरी जाड़ से 12 किलोमीटर दूर कोलाबाड़ी पहुंचे।
उन्होंने कहा कि मस्जिद के सेक्रेटरी का भांजा इब्राहिम अहमद अपनी पत्नी को तलाक दे चुका है। घटना से कुछ दिनों पहले वह मौलाना मोहम्मद तहज़ीब के पास आया और उसने अपना निकाह अपनी पूर्व पत्नी से करने को कहा जिसके लिए मौलाना तहज़ीब ने मना कर दिया।
“वह बोला कि हमारे साथ हमारी बीवी का दुबारा निकाह पढ़ा दो। मौलाना साहब बोले यह दुरुस्त नहीं है हम से नहीं होगा तुम किसी और से पढ़वा लो। दो चार दिन पहले इसी बात पर बहस हुई है, सेक्रेटरी के सामने। 5 तारिख को फज्र की अज़ान देने के बाद मौलाना दुआ मांगे उसी पर उनपर वार कर दिया। चीख की आवाज़ सुनकर पड़ोस के घर में रहने वाला एक लड़का इब्राहिम को रंगे हाथ पकड़ा।” तौसीफ आलम कहते हैं।
“वह लड़का इब्राहिम का हाथ पकड़ा तो यह बोला छोड़ते हो कि नहीं, उसके हाथ में दऊला था। उस लड़के ने डर से हाथ छोड़ दिया और इब्राहिम वहां से भाग गया। घर इब्राहिम कपडा बदला और आकर कहने लगा कि कोई इंसान मौलाना साहब को मार कर चला गया। पुलिस पहले इब्राहिम को गिरफ्तार नहीं कर रही थी फिर लोगों ने हंगामा किया कि जब तक मुजरिम को नहीं पकड़ोगे तब तक मस्जिद से जनाज़ा नहीं उठेगा। फिर पुलिस आरोपी को पकड़ लिया।” उन्होंने आगे कहा।
तौसीफ की मानें तो आरोपी शख्स के रिश्तेदारों ने यह झूठी बात फैलाने की कोशिश की कि आरोपी इब्राहिम अहमद मौलाना तहज़ीब से तावीज़ मांगने गया था और उन्होंने इंकार कर दिया।
“तावीज़ वग़ैरा की कोई बात नहीं थी। यह निकाह पढ़ाने का मामला था। मस्जिद के बगल वाले घर जहां का एक लड़का गवाही दिया था वहां जाकर हम पूछे तो घर की औरतों ने भी यही बताया कि मामला यही है। मस्जिद से मौलाना साहब की चीख सुनाई दी थी। हत्यार भी इब्राहिम के घर से मिला है उसमें खून लगा था।” तौसीफ आलम ने कहा।
पीड़ित के गांव पोखरिया में मातम का माहौल है। मृत मौलाना मोहममद तहज़ीब के छोटे भाई तारिक अनवर ने कहा कि इस घटना से वह और उनका घर सदमे में है। मौलाना तहज़ीब घर में सबसे बड़े थे और गांव में उन्होंने एक ख़ानक़ा भी खोला था जिसमें वह बच्चों को पढ़ाया करते थे। वह कुछ दिनों पहले ही उन्हें असम के तिनसुकिया स्थित कोलाबारी की एक मस्जिद में इमाम के तौर रखा गया। वह कुछ सालों पहले भी वहां इमाम रह चुके थे।
तारिक ने आगे बताया कि उन्हें रविवार को सुबह उनके भाई की मौत की खबर मिली। वह कहते हैं, “अभी तो हम लोग भाई के सोग में हैं हमलोगों को उतना पता नहीं है कि पूरा मामला क्या है। मेरे भाई 3 साल पहले वहीं रहते थे लेकिन फिर एक साल के लिए वह गांव आकर खानका चला रहे थे। वहां से (असम से) फ़ोन पर फ़ोन कर के बुलाया तो वह वहां चले गए और एक महीना 5 दिन हुआ कि उनका हत्या करा दिया। हम यह मांग करते हैं कि मेरे भाई के हत्यारे को फांसी हो।”
सीमांचल की ज़मीनी ख़बरें सामने लाने में सहभागी बनें। ‘मैं मीडिया’ की सदस्यता लेने के लिए Support Us बटन पर क्लिक करें।