पटना में शुक्रवार को विपक्षी दलों की बैठक हुई, जिसमें बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस बैठक की मेज़बानी की। करीब 15 विपक्षी दलों के इस बैठक का उद्देश्य था कि 2024 लोकसभा चुनाव से पहले विपक्ष को एकजुट कर भाजपा के मुकाबले पर लाया जाए। बैठक में राहुल गाँधी, मल्लिकार्जुन खड़गे, ममता बनर्जी, लालू प्रसाद यादव, अरविंद केजरीवाल, शरद पवार, अखिलेश यादव, एमके स्टालिन सहित विपक्ष के कई बड़े नेता मौजूद रहे।
‘वह’ देश की आज़ादी की लड़ाई भी भुलवा देंगे – नीतीश कुमार
बैठक के बाद नीतीश कुमार ने नेताओं के साथ एक साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस की। बैठक की जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि विपक्षी दलों की मीटिंग सफलतापूर्वक आयोजित की गई और सभी पार्टी के नेताओं ने एकजुट होकर लड़ने पर सहमति बनाई है। उन्होंने यह भी बताया कि अगले महीने मल्लिकार्जुन विपक्षी दलों की एक और बैठक करने वाले हैं, जिसमें 2024 लोकसभा चुनाव में विपक्ष की चुनावी रणनीतियों को अंतिम आकर दिया जाएगा।
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“सब लोगों ने माना है कि हमलोग मिलकर चलेंगे और यह देश के हित में है। अभी जो शासन में हैं, वह देश के हित में काम नहीं कर रहे हैं। वह सारे इतिहास को बदल रहे हैं, आज़ादी की लड़ाई को भी भुलवा देंगे। आज बहुत अच्छे ढंग से बात हो गई है। हम सब लोगों को धन्यवाद करेंगे,” नीतीश कुमार ने कहा।
12 जुलाई को शिमला में हो सकती है अगली बैठक
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बताया कि संभवतः 12 जुलाई को शिमला में विपक्ष को फिर से एकजुट कर एक बैठक का आयोजन होगा, जिसमें सभी पार्टियों की सहमति से चुनावी एजेंडा तैयार किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि एक रणनीति हर जगह नहीं चलती, इसलिए हर राज्य के लिए अलग अलग नीतियां बनाकर उस पर काम किया जाएगा।
राहुल, ममता, और अखिलेश ने क्या कहा
कांग्रेस नेता राहुल गाँधी ने कहा कि भारत की नींव पर आक्रमण किया जा रहा है। भारत के संविधान और संस्थाओं पर भाजपा और आरएसएस आक्रमण कर रही है। “यह विचारधारा की लड़ाई है और इसमें हम सब एक साथ खड़े हैं। हम में ज़रूर थोड़ी थोड़ी मतभेद होगी, मगर हमने निर्णय लिया है कि एक साथ काम करेंगे। जिस विचारधारा को हम सब साझा करते हैं, उसकी हम रक्षा करेंगे,” राहुल ने कहा।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि दिल्ली में बहुत बैठक हुई, लेकिन कोई परिणाम नहीं निकला, इसलिए पटना से इसकी शुरुआत की गई है। क्योंकि पटना से जिस काम की शुरुआत होती है, वो एक जन आंदोलन का रूप लेता है। ममता ने आगे कहा कि बैठक में तीन चीज़ें निकल कर आई हैं। पहला यह कि हम सब एक हैं। दूसरा यह कि हम सब मिलकर लड़ेंगे और तीसरा यह कि हमको विपक्ष न कहा जाए, हम देश के पक्ष में हैं। “हमलोग भी देश प्रेमी हैं। हम भी भारत माता की जय कहते हैं। हमने तय किया कि बीजेपी का जो तानाशाही चला रहा है, उसको रोकना है,” ममता ने कहा।
उत्तरप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि पटना नये राजनीतिक नवजागरण का गवाह बन रहा है। आज के कर्यक्रम का संदेश यही है कि देश को बचाने के लिए और देश कैसे आगे बढ़े इस के लिए हम सब मिल कर काम करेंगे।
वहीं, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा, “देश में जो भी तानाशाही लाना चाहते हैं हम सब ज़रूर उनके विरोध में रहेंगे। आज अच्छी शुरुआत हुई है और मुझे भरोसा है कि जब शुरुआत अच्छी होती है तो आगे सबकुछ अच्छा होता है।”
उमर अब्दुल्लाह ने जम्मू-कश्मीर मुद्दे पर सरकार को घेरा
जम्मू और कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्लाह ने नीतीश कुमार को विपक्षी दलों को एकजुट करने का श्रेय दिया। उन्होंने कहा कि इस बैठक का मकसद सत्ता हासिल करना नहीं है, बल्कि इसका मकसद है कि देश के कानून को बचाने के लिए मिलकर लड़ा जाए। जम्मू कश्मीर के हालात पर उन्होंने कहा कि भाजपा की सरकार ने मनमाने तौर पर जम्मू कश्मीर पर राष्ट्रपति शासन थोंप दिया है। अपने बयान में उन्होंने जम्मू और कश्मीर को फिर से राज्य का दर्जा देने की मांग की। उमर अब्दुल्लाह के अलावा जम्मू-कश्मीर से महबूबा मुफ़्ती भी बैठक में मौजूद रहीं।
सीपीआईएम महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि देश के धर्मनिरपेक्ष जनतांत्रिक जनराज के चरित्र को बचाना है। भाजपा फासिस्टवादी हिंदुत्व के रूप में देश के इस चरित्र को बदलना चाहती है। उन्होंने आगे कहा कि विपक्ष मिलकर सामूहिक तौर पर जनता की समस्याओं पर जन आंदोलन करेगी और सभी दल मिलकर रणनीति बनाएंगे ताकि वोटों के बंटवारे का लाभ भाजपा को न पहुंचे।
झारखण्ड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि लोकतंत्र पर प्रहार किया जा रहा है और किसान, मज़दूर और पढ़े लिखे बेरोजगार नौजवानों की क्या मनोस्थिति बन रही है, यह सब जानते हैं। देश की जो अनेकता में एकता की छवि रही है, उसमें दरारें पड़ने लगी हैं। उन्होंने आगे कहा कि यह बैठक पहली झलक है और आने वाले दिनों में और भी दल इस समूह से मिलेंगे।
लालू यादव बोले- ‘अब मोदी जी को फिट करना है’
बीमारी और फिर इलाज के कारण लंबे समय से राजनीतिक गतिविधियों में अनुपस्थित रहने वाले बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव भी इस बैठक में मौजूद रहे। उन्होंने कहा, “अब हम पूरी तरह से फिट हो गए हैं और अब बढ़िया से फिट कर देना है नरेंद्र मोदी और भाजपा को। आज जो बैठक हुई उसमें सभी लोगों ने खुल कर अपनी बात रखी। यह तय हुआ है कि आगे जो शिमला में बैठक होगी उसमें हम लोग आगे के कार्यक्रम तय करेंगे। हमको एकजुट होकर रहना है।”
गौरतलब है कि बैठक में आम आदमी पार्टी के अरविंद केजरीवाल, भगवंत मान और राघव चड्डा ने भी हिस्सा लिया। हालांकि, बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में आम आदमी पार्टी के नेता मौजूद नहीं रहे।
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