जनता दल यूनाइटेड के नेता और मुंगेर से सांसद राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने विपक्षी नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा कि विपक्षी नेता कहते रहते हैं, कि उनके पास सीबीआई और ईडी आती रहती है। उन्होंने कहा जदयू भी डेढ़ साल एनडीए से अलग रही, लेकिन जदयू नेताओं के पास सीबीआई और ईडी क्यों नहीं आई।
सांसद राजीव सिंह रंजन ने केंद्र सरकार की तरफ से भारतीय अर्थव्यवस्था पर जारी श्वेत पत्र पर लोकसभा में बहस के दौरान ये बात कही। अपने संबोधन के दौरान राजीव रंजन सिंह ने कहा कि विपक्ष चाहती तो पिछले दस सालों के विकास की तुलना अपने दस साल के कार्यकाल से कर सकती थी, लेकिन नहीं कर रही है।
“अगर श्वेत पत्र में आंकड़े ग़लत हैं तो उन आंकड़ों का खंडन करना चाहिये। उसमें तो 2004-2014 और 2014-2024 तक का तुलनात्मक टेबल बना हुआ है। तो टेबल को आप कंड्राडिक्ट करते। एक-एक आंकड़े को आप कंट्राडिक्ट कर सकते थे, जो आप नहीं कर पा रहे हैं,” उन्होंने कहा।
मुंगेर के सांसद ने आगे कहा, “लेकिन आप घूम फिर कर आ जा रहे हैं सीबीआई और ईडी पर। सीबीआई ईडी पर बाहर जितना बोलना है, बोलिये। लेकिन आप एक बात बताइये मैं भी डेढ़ साल तक एनडीए से अलग रहा। एनडीए से जब मैं अलग रहा तो कहां मेरे पास सीबीआई और ईडी आई। मेरे यहां तो कोई सीबीआई ईडी नहीं पहुंची। नीतीश कुमार जी के यहां तो कोई सीबीआई ईडी नहीं पहुंची।”
उन्होंने “बोये पेड़ बबूल का तो आम कहां से आये” मुहावरा के जरिये कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर विपक्ष भ्रष्टाचार करेंगे तो उसका फल तो उनको मिलेगा। राजीव रंजन सिंह ने विपक्ष को राजनीतिक विलाप ना करने की सलाह दी।
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“तथ्यों के बजाये आप कह रहे हैं कि यह जो श्वेत पत्र आया यह हमारे पूर्ववर्ती सरकार के इमेज को टार्निश (छवि खराब) करने के लिये लाया गया है। काहे का किसी का इमेज टार्निश होगा। जो तथ्य है जो सही है जो आंकड़े हैं वह सदन और इस देश के सामने रखा गया है,” उन्होंने कहा।
राजीव रंजन सिंह ने आगे कहा, “इसमें इमेज कहां टार्निश (खराब) हो रहा है। अगर आपने कुकर्म किया है तो स्वाभाविक तौर पर आपको इमेज टार्निश (खराब) होने का लगेगा भ्रम। आप भ्रमित हैं तो इसका क्या किया जायेगा। इसलिये, आप भ्रष्टाचार कीजियेगा तो भुगतना तो पड़ेगा।”
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