बालू माफ़िया के खिलाफ नारे लगा रहे ये लोग किशनगंज जिले के अर्राबाड़ी थाना अंतर्गत केशोझाड़ा गांव के रहने वाले हैं। डोंक नदी के पास हो रहे अवैध बालू खनन से ग्रामीण परेशान हैं। इनका कहना है कि बालू माफिया प्रतिबंधित जगहों से बालू निकाल कर पास के डिपो में स्टॉक करते हैं और ऊंची कीमतों पर बालू बेचते हैं जिसपर प्रशासन और खनन विभाग कार्रवाई करने से परहेज़ कर रहा है।
ग्रामीणों का आरोप है कि अवैध बालू खनन रोकने पर कंपनी के लोगों ने ग्रामीणों से मारपीट की जिसमें दो लोग घायल हो गए और अभी किशनगंज सदर अस्पताल में भर्ती हैं।
Also Read Story
स्थानीय ग्रामीण रिज़वान आलम ने कहा कि अवैध बालू खनन के कारण हर साल बरसात में कई लोगों के घर बाढ़ में बह जाते हैं। गांव में सैकड़ों लोग बेघर हो चुके हैं। उन्होंने आगे कहा कि खनन पदाधिकारी को कॉल करने के बावजूद वह समय पर नहीं आते हैं जिस कारण माफ़िया अब निडर हो कर अवैध रूप से बालू खनन कर रहा है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (National Green Tribunal) के आदेश के मुताबिक, इलाके में बालू खनन पर रोक है फिर भी बालू माफ़िया ट्रैक्टर भर-भर कर बालू चुरा रहे हैं। ग्रामीणों की मानें तो अवैध बालू खनन की खबर करने के दो, तीन घंटे बाद प्रशासन और खनन विभाग के अधिकारी पहुंचे। अर्राबाड़ी ओपी थाना पुलिस ने घटनास्थल से दो जेसीबी को ज़ब्त किया जबकि बालू से लदे 2 दर्जन ट्रैक्टर मौके से फरार हो गए।
स्थानीय ग्रामीण मोहम्मद नसरुद्दीन ने कहा कि गीता इंटरप्राइज़ेज़ नामक एक कंपनी ठेकेदारों के साथ मिलकर अवैध खनन करा रही है और मना करने पर कंपनी के ठेकेदार ग्रामीणों को डराते धमकाते हैं और मारपीट करते हैं।
गीता इंटरप्राइज़ेज़ के मैनेजर ने उनकी कंपनी पर लगे आरोपों को नकारते हुए कहा की कभी कभी बालू की चोरी होती है लेकिन चोरी करने वालों से उनका कोई नाता नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पकड़े गए जेसीबी उनके नहीं हैं और न अवैध खनन में उनके कंपनी का कोई लेना देना है।
इस मामले में खनन निरीक्षक उमा शंकर ने बताया कि ग्रामीणों की सूचना पर घटनास्थल पर पहुंच कर दो अर्थमूवर जब्त किया गया है। अवैध खनन को लेकर प्राथमिकी दर्ज कराई जा रही है। जांच में जो लोग दोषी पाए जाएंगे उनपर भी कार्रवाई की जायेगी।
सीमांचल की ज़मीनी ख़बरें सामने लाने में सहभागी बनें। ‘मैं मीडिया’ की सदस्यता लेने के लिए Support Us बटन पर क्लिक करें।