उत्तराखंड के उत्तरकाशी में सिलक्यारा टनल हादसे में फंसे मज़दूर आज शाम तक बाहर निकल सकते हैं। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के पूर्व सलाहकार और उत्तरकाशी टनल रेस्क्यू साइट पर रेस्क्यू ऑपरेशन को लीड कर रहे भास्कर खुल्बे ने यह जानकारी दी है।
गुरुवार रात से सिलक्यारा टनल में ड्रिलिंग कर रही रेस्क्यू टीमों के आगे एक के बाद एक कई बाधाएं आईं। अब उन बाधाओं को दूर कर लिया गया है। अब उम्मीद की जा रही है कि शुक्रवार शाम तक रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा कर लिया जाएगा।
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उत्तरकाशी टनल रेस्क्यू साइट पर रेस्क्यू ऑपरेशन को लीड कर रहे अधिकारी भास्कर खुल्बे ने कहा कि आज शाम तक राहत और बचाव कार्य पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि 11.30 बजे से ड्रिलिंग शुरू कर दी गई है। अब सिलक्यारा टनल में 12 मीटर के करीब ड्रिलिंग बची है।
खुल्बे ने आगे बताया कि ग्राउंड पेनेट्रेशन रडार अध्ययन से पता चला है कि सुरंग के अंदर अगले 5 मीटर तक कोई अवरोध नहीं है। उम्मीद है कि वे आज शाम मजदूरों को सुरंग से सुरक्षित बाहर निकाल लेंगे।
साथ ही भास्कर खुल्बे ने कहा कि स्थिति अब पहले से काफी बेहतर है। गुरुवार रात दो चीजों पर काम करना था। पहला, उन्हें मशीन के प्लेटफॉर्म को नया रूप देना था।
दरअसल गुरुवार को अमेरिकन ऑगर मशीन का प्लेटफॉर्म ढह गया। अब इस प्लेटफॉर्म को नया रूप देकर काम के लिए तैयार कर लिया गया है।
“पार्सन्स कंपनी ने ग्राउंड पेनेट्रेशन रडार का काम किया था। इससे हमें पता चला कि अगले 5 मीटर तक सुरंग के रास्ते में कोई धातु अवरोध नहीं है। इसका मतलब है कि हमारी ड्रिलिंग सुचारू होनी चाहिए। जब हम मलबा निकाल रहे थे, तो हमें दो टूटे हुए पाइप मिले,” भास्कर खुल्बे ने कहा।
दरअसल, गुरुवार रात जब उत्तरकाशी टनल में रेस्क्यू कार्य अपने आखिरी चरण की ओर बढ़ रहा था तो अचानक बीच में स्टील पाइप आ गई। जिसके बाद ड्रिलिंग का काम रोक दिया गया। फिर उस पाइप को काटकर हटाना पड़ा।
वहीं, जनरल वीके सिंह गुरुवार से ही उत्तरकाशी में मौजूद हैं। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी बुधवार से रेस्क्यू स्थल पर ही डेरा जमाये हुए हैं।
सीएम समय-समय पर सुरंग के अंदर फंसे मजदूरों से बात भी कर रहे हैं। मुख्यमंत्री उनको आश्वस्त कर रहे हैं कि जल्द उनलोगों का सुरक्षित रेस्क्यू होने वाला है।
बताते चलें कि उत्तराखंड के उत्तरकाशी में सिलक्यारा टनल हादसे को हुए 13 दिन गुज़र गए हैं। टनल में फंसे 41 मजदूर अपनी जिंदगी और मौत से जंग लड़ रहे हैं।
फंसे हुए मज़दूरों को बाहर निकालने के लिए देश विदेश के वैज्ञानिक, विशेषज्ञ और एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, बीआरओ तमाम एजेंसियां युद्धस्तर पर रेस्क्यू ऑपरेशन में लगी हुई हैं।
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