पश्चिम बंगाल का दूसरा सबसे गरीब ज़िला उत्तर दिनाजपूर है। यहां 21.65 प्रतिशत लोग गरीबी में जीवन व्यतीत कर रहे हैं। राज्य में बहुआयामी गरीबी के मामले में अव्वल नंबर पर पुरुलिया ज़िला है, जहां 26.84 प्रतिशत लोग गरीबी में जिंदगी गुज़ार रहे हैं। नीति आयोग की ताज़ा रिपोर्ट में इसका ख़ुलासा हुआ है।
नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी, सीईओ बी.वी.आर. सुब्रमण्यम तथा आयोग के सदस्यों डॉ. वी.के.पॉल और डॉ. अरविंद विरमानी की उपस्थिति में सोमवार को यह रिपोर्ट जारी की गई।
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आयोग ने राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे (NFHS) 2091-21 के आंकड़ों के आधार पर यह रिपोर्ट जारी की है। इसी सर्वे के 2015-16 के आंकड़े के अनुसार उत्तर दिनाजपूर में 42.84 फीसद लोग और पुरुलिया में 49.69 फीसद लोग गरीब थे।
रिपोर्ट के मुताबिक, पश्चिम बंगाल में 11.89 प्रतिशत लोग ही गरीब हैं। जबकि 2015-16 के आंकड़े के अनुसार 21.29 फीसद लोग बहुआयामी गरीबी में ज़िंदगी गुज़ार रहे थे। 2015-16 से 2019-21 के बीच 9.4 प्रतिशत लोग गरीबी से बाहर निकले।
राष्ट्रीय बहुआयामी गरीबी सूचकांक, स्वास्थ्य, शिक्षा और जीवन स्तर के तीन समान रूप से भारित आयामों में एक साथ अभावों को मापता है, जो 12 एसडीजी-संरेखित संकेतकों द्वारा दर्शाया गया है। इनमें पोषण, बाल और किशोर मृत्यु दर, मातृ स्वास्थ्य, स्कूली शिक्षा के वर्ष, स्कूल में उपस्थिति, रसोई गैस, स्वच्छता, पेयजल, बिजली, आवास, परिसंपत्ति और बैंक खाते शामिल हैं।
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