केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए नए हिट एंड रन कानून के विरोध में देश के कई राज्यों में प्रदर्शन किये जा रहे हैं। इसी कड़ी में सोमवार 1 जनवरी से बिहार के पूर्णिया में भी बस और ट्रक एसोसिएशन की तीन दिवसीय हड़ताल जारी है।
हड़ताल के दूसरे दिन, मंगलवार 2 जनवरी को प्रदर्शनकारियों ने टायर जलाकर रोड जाम किया। पूर्णिया के अंतर्राज्यीय बस स्टैंड पर सभी बसें पूरा दिन खाली खड़ी रहीं और यात्री परेशान होकर वापस लौटते रहे। इसके आलावा ट्रक चालकों की हड़ताल के चलते राज्य में हर तरह के माल की ढुलाई भी बंद रही।
क्या है हिट एंड रन?
हिट एंड रन का मतलब है सड़क दुर्घटना या एक्सीडेंट के बाद गाड़ी के ड्राइवर का बिना पुलिस को सूचना दिए मौके से फरार हो जाना। आंकड़े बताते हैं की हिट एंड रन के चलते हर साल देश में 50 हजार लोगों की मौत हो जाती है। अभी तक हिट एंड रन मामलों में आईपीसी की धारा 279 (लापरवाही से गाड़ी चलाना), 304ए (लापरवाही से मौत का कारण बनना) और 338 (जीवन को खतरे में डालना) के तहत मामला दर्ज किया जाता था। इस कानून में दोषियों को दो साल तक की सजा का प्रावधान था। इसके अलावा किसी विशेष मामले में आईपीसी की धारा 302 भी जोड़ी जाती थी।
हिट एंड रन कानून के मुताबिक ड्राइवर को अधिकतम 2 साल की सजा का प्रावधान था और ड्राइवर को ज़मानत भी मिल सकती थी।
क्या है नया हिट एंड रन क़ानून?
नयी भारतीय न्याय संहिता में हिट एंड रन के केसों में अगर गाड़ी ड्राइवर हादसे के बाद पुलिस को सूचना दिए बिना फरार होता है तो उसे 10 साल तक की सजा हो सकती है। इसके अलावा ड्राइवर पर सात लाख रुपये तक का जुर्माना भी लग सकता है।
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सरकार ने हाल ही में भारतीय न्याय संहिता को संसद से मंजूरी दे दी है और ये नया क़ानून बन चुका है। आने वाले समय में इसके नए प्रावधान भारतीय दंड संहिता (IPC) के पुराने प्रावधानों की जगह ले लेंगे।
ड्राइवरों का क्या कहना है?
पूर्णिया बस एसोसिएशन के अध्यक्ष बिक्की सिंह ने कहा कि इस नए हिट एंड रन कानून के चलते कई ड्राइवर गाड़ी चलाना छोड़ देंगे क्योंकि कोई भी ड्राइवर जान बूझ कर एक्सीडेंट नहीं करता है। वह पूछते हैं कि अगर ड्राइवर से एक्सीडेंट होता है और वो गाड़ी रोक देता है तो क्या पब्लिक उसको छोड़ देगी?
बिक्की सिंह ने आगे कहा कि हम ड्राइवरों के पास इतना पैसा कहां से आएगा कि 10 लाख रुपये का जुर्माना भर सकें, ये सरासर नाइंसाफी है। वह सरकार को चेतावनी देते हुए कहते हैं कि अगर इस कानून को वापस नहीं लिया गया, तो हमलोग अपने लाइसेंस फाड़ कर फ़ेंक देंगे और आगे भी पूरे देश में यह हड़ताल जारी रहेगी।
मुकेश कुमार राय पेशे से एक ड्राइवर हैं और नए क़ानून के विरोध प्रदर्शन में शामिल हैं। वह कहते हैं कि अबतक ड्राइवर बीजेपी का ही सपोर्टर था, लेकिन इस क़ानून का ड्राइवर लोग मुंहतोड़ जवाब देंगे और बीजेपी इस बार सत्ता से जा रही है। वह कहते हैं, “सरकार ने ये नए क़ानून लाकर अपने पैर में ही कुल्हाड़ी मारी है। हम ड्राइवर पूरे देश में घूमते हैं। हम इस बार सुनिश्चित करेंगे की बीजेपी का अंत हो।”
प्रदर्शन में मौजूद एक अन्य ड्राइवर ने कहा कि देश में 20 करोड़ ड्राइवर हैं। केंद्र सरकार ने आज तक उनके लिए कुछ नहीं किया, बल्कि उल्टा ड्राईवरों पर जुर्माना बढ़ाये जा रही है।
एक दूसरे ड्राइवर कहते हैं कि अगर हम नए क़ानून के अनुसार घायल को अस्पताल पहुँचाने की बात मान लें तो घटनास्थल पर मौजूद भीड़ ही हमे मार डालेगी।
ड्राइवर मनीष कुमार ने कहा कि अगर किसी ड्राइवर के पास 7 लाख रुपये होंगे, तो वो ड्राइवरी करेगा ही नहीं। “नए क़ानून के विरोध में हमलोग यहां चक्का जाम किये हुए हैं जोकि तीन दिनों के लिए है। आज इसका दूसरा दिन है,” उन्होंने कहा।
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