शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक द्वारा शिक्षा सुधार मिशन के तहत सरकारी स्कूलों के निरीक्षण की जिम्मेदारी टोला सेवक व तालीमी मरकज के कर्मियों को दी गई है। लेकिन सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को ये आदेश हज़म नहीं रहा है। शिक्षक इस आदेश को अपमान के तौर पर देख रहे हैं। शिक्षकों का मानना है कि एक जूनियर कर्मी से सरकारी स्कूलों का निरीक्षण कराना हास्यास्पद और अपमानजनक है।
इसी कड़ी में किशनगंज जिले के टेढ़ागाछ प्रखंड अंतर्गत प्राथमिक विद्यालय देवरी के प्रधान शिक्षक कौशल किशोर यादव और सहायक शिक्षक मदन कुमार सिंह पर स्कूल निरीक्षण के लिए गए टोला सेवक के साथ हाथापाई का आरोप लगा है। पीड़ित टोला सेवक का नाम मिथिलेश कुमार मांझी है और वह टोला सेवक के तौर पर टेढ़ागाछ प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्याय सुहिया हाट में पदस्थापित हैं। मिथिलेश ने बताया कि उनके साथ स्कूल के प्रधान शिक्षक कौशल किशोर यादव और सहायक शिक्षक मदन कुमार सिंह द्वारा न सिर्फ धक्कामुक्की की गई बल्कि जातिसूचक शब्द भी कहे गये।
दोनों के बीच हुई धक्कामुक्की ग्रामीणों के हस्तक्षेप के बाद खत्म हुई। पीड़ित टोला सेवक ने बताया कि वह प्राथमिक विद्यालय देवरी का निरीक्षण कर लौट रहे थे, तभी आसपास के ग्रामीणों ने स्कूल संचालन समिति की बैठक को लेकर शिकायत की। जब टोला सेवक ने स्कूल के प्रधान शिक्षक से इस संबंध में पूछा तो प्रधान शिक्षक उग्र हो गए और हाथपाई पर उतर आए।
“उन्होंने (शिक्षकों) मेरे साथ धक्का-मुक्की और गाली-गलौज की। कहा कि तुमलोग नीच जाति का हो। छोटी जाति का आदमी नौकरी में आकर केके पाठक का पावर दिखाते हो। हमने बीईओ को इस संबंध में आवेदन दे दिया है। जिस तरह से अपमानित किया गया है, हम उसको सहन नहीं करेंगे। जब तक उन पर कार्रवाई नहीं होती है हम पीछे नहीं हटेंगे,” उन्होंने कहा।
पीड़ित टोला सेवक ने घटना की लिखित शिकायत जिला शिक्षा पदाधिकारी सुभाष कुमार से कर न्याय की गुहार लगाई है। सुभाष कुमार गुप्ता ने बताया कि इस संबंध में टेढ़ागाछ के प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को जांच कर प्रतिवेदन देने का निर्देश दिया गया है रिपोर्ट के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने शिक्षकों से स्कूल निरीक्षण के लिए जा रहे टोला सेवकों और तालीमी मरकज कर्मियों के साथ सम्मान से पेश आने की अपील की।
“कोई भी निरीक्षी पदाधिकारी के साथ सम्मानजनक व्यवहार होना चाहिए। यह विभागीय निर्देश के आलोक में हो रहा है, और यह विद्यालय के बेहतर संचालन के निमित्त हो रहा है। कहीं किसी पर दोषारोपण करने की बात नहीं है। विद्यालय की व्यवस्था कैसे बेहतर और समुन्नत हो, इसके लिए हर स्तर से प्रयास किए जा रहे हैं। इसलिए निरीक्षी पदाधिकारी के साथ किसी भी प्रकार का अगर गलत या दुर्व्यवहार का मामला आता है तो इसपर हमलोग संज्ञान लेंगे,” उन्होंने कहा।
आरोपी प्रधान शिक्षक कौशल किशोर यादव ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को झूठा और बेबुनियाद बताया है। उन्होंने कहा कि टोला सेवक एक बार निरीक्षण कर वापस चले गए थे। वह दोबारा शराब के नशे में धुत होकर आए और बदतमीजी करने लगे। उसे समझा बुझाकर भेज दिया गया।
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टोला सेवक और प्रधान शिक्षक के बीच हुए विवाद की तालीमी मरकज व टोला शिक्षा सेवक संघ के नेताओं ने निंदा की। संघ के किशनगंज जिला महासचिव मो. नासिर हुसैन ने दोषी प्रधान शिक्षक पर अविलंब कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कहा कि ऐसी घटना की पुनरावृत्ति नहीं हो, इसको लेकर प्रशासन को टोला सेवकों और तालीमी मरकज के कर्मियों की शिकायतों पर ध्यान देना चाहिए।
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