पूर्णिया नगर क्षेत्र स्थित लाइन बाज़ार के एक निजी प्रसूता अस्पताल में महिला ने जुड़वा बच्चों को जन्म दिया। प्रसव के बाद 22 वर्षीय महिला मालती देवी की मौत हो गई। परिजनों ने समर्पण नामक निजी अस्पताल पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है। परिवार वालों का कहना है कि समर्पण अस्पताल में ग़ैर मौजूद महिला डॉक्टर और अस्पताल की संचालक सीमा भारती ने वीडियो कॉल के ज़रिये नर्स से ऑपरेशन करवाया जिसमें कुछ गड़बड़ी हुई और नस कट जाने से महिला का अधिक खून बह गया जिससे उसकी मौत हो गई।
परिवार का आरोप है कि अस्पताल में महिला डॉक्टर मौजूद नहीं थी, इसके बावजूद मरीज को भर्ती कराया गया। मृतका की सास ज्ञांती देवी ने बताया कि जब वह अपनी बहु को अस्पताल में भर्ती कराने आई तो किसी परुष डॉक्टर या कम्पाउंडर ने उन्हें भर्ती किया और कहा कि डॉ सीमा पटना गई हैं अस्पताल में और भी डॉक्टर हैं वह ऑपेरशन कर देंगे।
ज्ञांती देवी ने आगे कहा कि ऑपरेशन के बाद उनकी बहु मालती देवी का खून लगातार बह रहा था। “ऑपरेशन के बाद मेरी बहु मुझसे बात की, तो वह बोली कि खून बंद नहीं हो रहा है और वह फिर पानी मांगी। फिर हम उससे बात किये तो बोली हम ठीक हैं। रात 2-3 बजे तक वह बात कर रही थी। उसका खून नहीं रुक रहा था। दोनों बच्चा अभी शीशा में है,” ज्ञांती देवी बोलीं।
परिजनों ने किया सड़क जाम
महिला की मौत के बाद परिजन लाइन बाज़ार की सड़क जाम कर प्रदर्शन करने लगे। हंगामा बढ़ता देख स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची और लोगों को शांत करने की कोशिश में जुट गई । मृतका के ममेरे ससुर राजेश मिश्रा ने कहा कि उनके सड़क जाम कर प्रदर्शन करने का कारण यह है कि वे चाहते हैं कि डॉ सीमा कुमारी आकर उनसे बात करें। वे लोग अस्पताल से इस पूरे मामले में जवाब चाहते हैं।
मिली जानकारी के अनुसार मृतका मालती देवी की शादी 2 वर्ष पूर्व ही हुई थी। परिजनों ने बताया कि महिला को दर्द उठने के बाद देर शाम घर से डिलीवरी के लिए लाइन बाजार स्थित समर्पण मेटरनिटी व शिशु रोग अस्पताल लाया गया था। पूनम देवी नामक एक महिला जो खुद को आशा कार्यकर्ता बता रही थीं, गर्वती महिला को अस्पताल तक लेकर आई थीं। प्रसव की तारीख एक सप्ताह बाद की तय हुई थी लेकिन इससे पहले ही सोमवार दोपहर करीब 3 बजे प्रसूता को प्रसव कक्ष में ले जाया गया। रात करीब 10 बजे जब उन्होंने प्रसव कक्ष से निकल रहे स्टाफ से पूछा तो ऑपरेशन के दौरान नस कट जाने की बात बताई गई।
इसके बाद परिवार के कुछ लोग अंदर गए तो महिला मृत पड़ी हुई थी जबकि मृतका के दोनों नवजात सलामत थे। परिवार वालों का कहना है कि उन्हें बाद में मालूम हुआ कि प्रसूता का ऑपरेशन वीडियो कांफ्रेंसिंग पर पटना में बैठी अस्पताल संचालिका डॉक्टर सीमा भारती ने नर्स और कंपाउंडर द्वारा करवाया था। इस घटना के बाद से अस्पताल के सारे स्टाफ मौके से फरार हैं।
मौके पर पहुंचे पप्पू यादव क्या बोले
मामले की खबर सुन जन अधिकार पार्टी प्रमुख पप्पू यादव भी अस्पताल पहुंचे और परिजनों से मुलाकात की। उन्होंने सिविल सर्जन से अविलंब कार्यवाही के लिए कहा है । “यह जो ऑपरेशन हुआ है, वीडियो पर हुआ है। कोई महिला डॉक्टर है समर्पण हॉस्पिटल में। मैंने सीएस से कहा है कि समर्पण हॉस्पिटल को बंद कीजिए। खजांची हाट (थाना) को मैंने कहा है कि उसपर अविलंब केस कर के गिरफ्तार कीजिए। पूरा न्याय मिलेगा।”
उन्होंने आगे कहा, “मैं पूरे बिहार के अस्पताल की बात कर रहा हूँ। बिहार में 10% छोड़ के पूरा अस्पताल ग़लत है, मेडिकल काउंसिल ऑफ़ इंडिया के नियम से नहीं चलता है। मैं बहुत क्लियर हूँ इस मामले में। अस्पाल पर एक जाँच बैठनी चाहिए। मैं स्वास्थ्य मंत्री से कहूंगा, एक कमेटी बनाई जाए, जो हर 3 महीने पर जाँच करे कि अस्पताल का आचरण क्या है। सिर्फ पैसे लूटने के लिए अस्पताल का निर्माण नहीं होना चाहिए।”
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इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने क्या कहा
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) की तरफ से घटनास्थल पर पहुंचे डॉ सुधांशु कुमार ने कहा कि वह इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना से दुखी हैं और इस मामले की पूरी जांच की जाएगी। उन्होंने आशंका जताई कि दिवंगत मालती देवी की मौत पोस्टपार्टम हैमरेज (PPH) के कारण हुई है। ऐसे मामलों में डेलिवेरी के समय बहुत अधिक खून बह जाता है और खून का बहना नहीं रुकता जिससे मौत हो सकती है।
डॉ सुधांशु ने आगे कहा कि हम परिवार वालों की बात भी सुन रहे हैं। पोस्टमार्टम की रिपोर्ट के बाद चीज़ों के बारे में पता चल सकेगा। अगर अस्पताल की गलती पाई गई तो कानूनी प्रक्रिया के तहत उचित कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि परिवार वाले जहां चाहें वहां नवजात बच्चों को विभाग की तरफ से बेहतर से बेहतर इलाज दी जाएगी।
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