पेशे से सर्जन डॉ. एजाज़ अली आल इंडिया यूनाइटेड मुस्लिम मोर्चा के संस्थापक हैं और 2008 से 2010 के बीच जदयू कोटे से राज्यसभा सांसद भी रहे हैं। हमने उनके पटना स्थित आवास पर एक इंटरव्यू किया, जिसमें दलित मुस्लिम, अनुच्छेद 341, नीतीश कुमार, लालू यादव, बिहार जातीय गणना और पूर्व सांसद व पसमांदा मुस्लिम महाज़ के संस्थापक अली अनवर से उनके मतभेद समेत अन्य मुद्दों पर विस्तार से बातचीत की गई।
बीडीओ सह कार्यपालक पदाधिकारी किशोर कुणाल ने बताया कि 30 दिसंबर को 9 समिति सदस्यों ने प्रखंड प्रमुख यास्मीन प्रवीण और उप प्रमुख अंजरी बेगम पर पंचायत समिति सदस्यों के साथ भेदभाव व दो वर्ष के कार्यकाल में बैठक में मनमानी सहित कई गंभीर आरोप लगाते थे।
अपने संबोधन के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार सरकार ने 10 लाख नौकरी और 10 लाख युवाओं को रोज़गार देने का लक्ष्य रखा था, जिसमें से 5 लाख युवाओं को रोज़गार मिल चुका है और क़रीब 5 लाख युवाओं को नौकरी भी मिल चुकी है।
किशनगंज लोकसभा क्षेत्र में किशनगंज, बहादुरगंज, ठाकुरगंज, कोचाधामन, बायसी और अमौर विधानसभा शामिल हैं, जिनमें से बायसी और अमौर पूर्णिया जिले में आते हैं। बहादुरगंज, कोचाधामन, ठाकुरगंज और बायसी में राजद के विधायक हैं, जबकि किशनगंज में कांग्रेस और अमौर में एआईएमआई के विधायक हैं।
बिहार में लोकसभा की 40 सीटें हैं, जिसपर INDIA गठबंधन में शामिल राष्ट्रीय जनता दल, जनता दल यूनाइटेड, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस और वामदल एक साथ मिलकर केंद्र की सत्ता पर क़ाबिज भारतीय जनता पार्टी के ख़िलाफ चुनाव लड़ेंगे।
इंतख़ाब आलम ने आगे कहा, “हमारे प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश सिंह ने मज़बूती से (10 सीटों का) डिमांड किया है। इस पर निर्णय सेंट्रल कमेटी लेती है। गठबंधन के बड़े नेता हैं हमारे लोकप्रिय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी और आदरणीय लालू प्रसाद यादव जी और गठबंधन के वामदलों के साथ मिलकर हम एक साथ चुनाव लड़ेंगे।”
पिछले कुछ सालों में नीतीश कुमार अपनी पार्टी जदयू के कई बड़े नेताओं को बाहर का रास्ता दिखा चुके हैं। इनमें शरद यादव, आरसीपी सिंह, प्रशांत किशोर, जीतनराम मांझी शामिल हैं। शरद यादव जनता दल में थे। साल 2003 में जनता दल का समता पार्टी में विलय हो गया और नई पार्टी जदयू अस्तित्व में आई और इसका पहला अध्यक्ष शरद यादव बने। वह साल 2016 तक पार्टी के अध्यक्ष पद पर बने रहे।
इसराइल मंसूरी ने कहा कि महागठबंधन की सरकार बनने के बाद से बिहार लगातार आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार ने खेल आयोग का गठन किया है, ताकि बिहार खेल के क्षेत्र में आगे बढ़ सके। साथ-साथ सरकार पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए भी कार्य कर रही है, जिससे बेरोजगारों को रोजगार मिल सकेगा।
शरद यादव ने अपने राजनीतिक पारी की शुरुआत मध्य प्रदेश के जबलपुर लोकसभा क्षेत्र से उपचुनाव जीत कर की थी। दरअसल, 1974 में जबलपुर सीट के वर्तमान सांसद सेठ गोविंद दास की मृत्यु के बाद वहां उपचुनाव कराना पड़ा था।
राहुल गांधी की यात्रा पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी से होते हुए किशनगंज में दाखिल होगी। इसको लेकर अखिलेश सिंह ने कहा, "लाखों की भीड़ चलेगी राहुल जी के साथ। यह इलाका कांग्रेस का परंपरागत गढ़ रहा है। राहुल जी यहां खुद आ रहे हैं, तो लाखों लोग पीछे पीछे चलेंगे।"
यात्रा में दो रथ हैं, जिनमें हवन कुंड भी शामिल है। रथ पर सवार यात्रियों ने बताया कि दो जनवरी को भाजपा बिहार प्रदेश कार्यालय पटना से प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने हरी झंडी दिखाकर रथ को रवाना किया था।
प्रदर्शन में शामिल भाकपा माले के नेता कुंदन यादव ने बताया कि बाढ़ पीड़ित परिवारों को मिलने वाली बाढ़ सहायता राशि में अंचल कर्मियों द्वारा जमकर धांधली कर हजारों राशन कार्डधारी लोगों को राशि से वंचित कर दिया है, जो बाढ़ पीड़ित परिवार के साथ सरासर अन्याय है।
धरने पर बैठे पार्टी के जिला अध्यक्ष नासिक नादिर ने कहा कि सीमांचल, कोशी और मिथिलांचल के लोगों के साथ आजादी से लेकर आज तक बिहार और केंद्र सरकार विकास के नाम पर छल करते आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज किशनगंज जिले के आम नागरिक किसान और छात्र परेशान हैं, लेकिन सरकार बेख़बर है।
सभा में मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने बताया कि महानंदा बेसिन प्रोजेक्ट का ये दूसरा फेज है, जिसके निर्माण कार्य के लिए बांध बनाए जा रहे हैं।
भारत जोड़ो यात्रा' पूरी होने के बाद आगामी लोकसभा चुनाव से पहले अब कांग्रेस नेता राहुल गाँधी नई पदयात्रा पर निकलने वाले हैं।