भारत जोड़ो यात्रा’ पूरी होने के बाद आगामी लोकसभा चुनाव से पहले अब कांग्रेस नेता राहुल गाँधी नई पदयात्रा पर निकलने वाले हैं। 14 जनवरी 2024 से ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ शुरू होने वाली है जिसमें राहुल गाँधी 67 दिनों के भीतर 6700 किलोमीटर की दूरी तय करेंगे।
बता दें कि इस दौरान राहुल गाँधी 15 राज्यों के 110 ज़िलों से होकर गुजरने वाले हैं। बिहार में उनकी यात्रा सात ज़िलों से होकर जाएगी जिसमे से चार ज़िले केवल सीमांचल क्षेत्र के हैं।
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क्या बोले सांसद डॉ. मोहम्मद जावेद
किशनगंज सांसद डॉ. मोहम्मद जावेद आज़ाद ने बताया कि ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ के दौरान राहुल गाँधी सीमांचल के चारों ज़िलों किशनगंज, अररिया, कटिहार और पूर्णिया से होकर गुजरने वाले हैं। उन्होंने कहा, “हमारे लिए फ़ख्र की बात है कि हमारे नेता राहुल गाँधी बिहार के सात ज़िलों में से चार ज़िले केवल सीमांचल क्षेत्र के कवर करने वाले हैं, उससे भी ज़्यादा ख़ुशी की बात है कि लगभग 70 किलोमीटर का जो रास्ता है वो बंगाल से हमारे लोकसभा क्षेत्र (किशनगंज) से होते हुए अररिया में जाएगा, फिर पूर्णिया व कटिहार होते हुए बिहार के बाक़ी हिस्सों में जाएगा।”
डॉ. जावेद आज़ाद ने आगे बताया कि यह यात्रा पूरी तरह पैदल यात्रा नहीं होगी, क्योंकि समय काफी कम है और यात्रा का क्षेत्र बड़ा है इसीलिए गाड़ी का इस्तेमाल होगा। बीच बीच में लोगो से मिलते हुए पैदल भी चलेंगे और थोड़ी थोड़ी दूरी पर राहुल गाँधी की नुक्कड़ सभाएं भी होंगी।
वह कहते हैं, “यह मौका हमारे लिए काफी अच्छा है क्योंकि हमारे यहां एजुकेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर, हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर और नदी कटाव का बहुत बड़ा मसला है। खेती में हमारी ज़मीन उपजाऊ होने के बाद भी हमारी फसल कम ही होती है, इसी तरह की बहुत सारी मुश्किलें हैं हमारे इलाक़े में, अगर जनता अपनी तरफ से राहुल गाँधी जी को ये सारी समस्याएं बताएगी, तो उनके ज़हन में ज़रूर रहेगा।”
‘लाखों की तादाद में पहुंचें’
सांसद ने लोगो से इस यात्रा में जुड़ने की अपील की। उन्होंने कहा कि ये इसलिए भी ज़रूरी है क्योंकि ये सिर्फ मिलने का अवसर नहीं है, बल्कि जैसा की पिछली यात्रा के दौरान देखा गया है कि राहुल गांधी लोगों से बातचीत कर उनकी समस्याओं को सुनते हैं और जहां जहां कांग्रेस की सरकार है या महागठबंधन की सरकार है जिसमें कांग्रेस शामिल है, वहां वे उन समस्याओं का ज़िक्र करते हैं और सुधार की तरफ पहल करते हैं।”
तेलंगाना और कर्नाटक का उदहारण देते हुए डॉ जावेद आज़ाद ने बताया कि वहां यात्रा के दौरान जो उन्होंने महसूस किया, उसी पर मशवरा दिया और फिर पार्टी ने निर्णय लिया की सरकार बनने के बाद हम किन मुद्दों पर काम करेंगे। उन्होंने आगे बताया कि राहुल गाँधी के मशविरे के बाद एक्सपर्ट्स से ओपिनियन लिया जाता है कि इन वादों को सरकार पूरा कर पाएगी या नहीं। इसके बाद ही चीज़ों की घोषणा की जाती है।
इसी कड़ी में जावेद आज़ाद कहते हैं, “जहाँ जहाँ हमारी सरकार बनी है वहां हमने इसी तरह अपने सारे वादे पूरे किए हैं और यही फ़र्क़ हैं राहुल गाँधी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी में। जब जब इलेक्शन होता है वो हर तरह का वादा करके चले जाते हैं पर जैसे ही उनकी सरकार बनती है वो सारे वादे भूल जाते हैं”
उल्लेखनीय है कि कि राहुल गाँधी की ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ 14 जनवरी को मणिपुर की राजधानी इम्फाल से दोपहर 12 बजे से आरंभ होगी और 20 मार्च 2024 को महाराष्ट्र के मुंबई में संपन्न होगी, हालांकि वह बिहार किन तारीख़ों में आएंगे, इसकी अभी स्पष्ट जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गयी है।
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