ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लमीन (AIMIM), 31 अक्टूबर को फिलिस्तीन के समर्थन में बिहार के किशनगंज में आक्रोश सभा का आयोजन करेगी। इसकी जानकारी AIMIM प्रदेश अध्यक्ष और अमौर विधायक अख्तरुल ईमान ने दी।
मीडिया कर्मियों से बातचीत में उन्होंने बताया कि मंगलवार 31 अक्टूबर को मुस्लिम धर्म गुरुओं और सामाजिक संगठनों के साथ मिलकर पार्टी आक्रोश व प्राथना सभा करने जा रही है। यह सभा किशनगंज के सुभाषपल्ली स्थित अंजुमन इस्लमिया परिसर में आयोजित होगी।
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अख्तरुल ईमान ने कहा कि सभा में फिलिस्तीन पर इज़राइल की बर्बरता और अत्याचार का विरोध किया जाएगा और इसके साथ ही शांति और सौहार्द के लिए प्राथना की जाएगी। ”किसी भी इंसान पर अत्याचार हो तो उसके लिए आवाज़ उठाना इंसानियत की ज़िम्मेदारी है। वह इंसान ही क्या है इंसानी लाशों पर, जिसकी आँखों में आंसू न आए। वह आँख नहीं पत्थर का सिल है,” अख्तरुल ईमान बोले।
कार्यक्रम की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा, ”31 तारिख को अंजुमन इस्लामिया में हमलोग दो मजलिस करने जा रहे हैं। एक एहतेजाजी, इज़राइल के खिलाफ एक आक्रोश सभा करने जा रहे हैं और एक दुआ के लिए महफ़िल कर रहे हैं उनलोगों की शांति और सौहार्द के लिए। यह दोनों काम में हमारे धार्मिक गुरु लोग होंगे, सामाजिक सरोकार से तालुक रखने वाले लोग होंगे। इसमें सारे अमन पसंद लोग होंगे, चाहे उनका धर्म और जात कोई भी हो। उन सभी को दावत दी जा रही है।”
अमौर विधायक ने आगे कहा कि हिंदुस्तान गांधी जी की धरती है और यहां हिंसा को कभी पसंद नहीं किया गया। अटल बिहारी वाजपेयी ने भी फिलिस्तीन का समर्थन किया था। आगे उन्होंने कहा कि अंग्रेज़ों ने साज़िश कर सन 1907 में फिलिस्तीन की ज़मीन पर इज़राइल को बसाया और सन 1948 को यूएनओ ने जितनी ज़मीन उन्हें दी थी उससे कई गुना तक अधिक इज़राइल ने कब्ज़ा कर लिया है।
”यूएनओ तमाशा देख रहा है”
अख्तरुल ईमान ने इज़राइल-फिलिस्तीन मसले पर कहा, ”ग़ज़ा के निहत्थे और मासूम लोगों पर यह जो बमबारी की है उन लोगों ने…यह तो उन्होंने प्रतिक्रिया के तौर पर हमला किया। 1980 में उन्होंने वहां 30,000 परिवारों को बर्बाद कर दिया। यूएनओ मूकदर्शक बना तमाशा देख रहा है और भारतीय जनता पार्टी ना जाने क्यों इस मामले को हिन्दू और मुसलमान के चश्मे से देखने लगी। देखना चाहिए इंसाफ और ज़ुल्म के एतेबार से।”
वह आगे कहते हैं, ”क्या देश की धरती हिन्दू मुस्लिम में बंट कर रहेगी क्या इन्साफ को दफना दिया जाएगा। अजीब तमाशा है यूपी में, वकील लोग इज़राइल के समर्थन में जुलूस निकालते हैं तो कोई बात नहीं और अलीगढ़ का स्टूडेंट विंग फिलिस्तीन के मज़लूम इंसानों के लिए जुलूस निकालता है तो वह गलत।”
”फिलिस्तीन पर प्रधानमंत्री मोदी का दोहरा किरदार”
AIMIM प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान ने कहा कि भारत हमेशा अंतराष्ट्रीय स्तर पर निष्पक्षता के साथ इन्साफ का साफ़ देते आया है। फिलिस्तीन मसले पर प्रधानमंत्री के ट्वीट पर सवाल उठाया और कहा कि उनका रवैया अल्पसंख्यक विरोधी है।
”’खुद प्रधानमंत्री ने 5 घंटे के अंदर इज़राइल के समर्थन में ट्वीट कर दिया और जब उनको मश्विरा देने वालों ने कहा कि आप ने गलत किया तो फिर वह वहां मदद भेज रहे हैं। यह दोहरा किरदार किसी भी देश के प्रधानमंत्री के लिए सही नहीं है। भारत ने हमेशा अंतराष्ट्रीय स्तर पर लड़ाई झगड़े को बंद कराने का काम किया, यूएनओ में इंसाफ की बात कही लेकिन न जाने प्रधानमंत्री मोदी जी का यह रवैया अल्पसंख्यक विरोधी क्यों है,” अख्तरुल ने कहा।।
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