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पंच सरपंच संघ ने दिया एक दिवसीय धरना

मौके पर मौजूद अन्य सरपंचों ने कहा कि चुनाव से पहले सरकार के द्वारा आश्वासन दिया गया था और मानदेय में बढ़ोतरी की बात की गयी थी, लेकिन ढाई वर्ष बीतने के बाद मात्र 2500 रुपये के हिसाब से एक वर्ष का मानदेय ही मिला है। सरपंचों ने राज्य सरकार से उन्हें सुरक्षा देने की मांग भी की है।

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किशनगंज : 11 सूत्रीय मांगों को लेकर किशनगंज प्रखंड मुख्यालय के समक्ष स्थानीय पंचों और सरपंचों ने एक दिवसीय धरना दिया। इस धरने का आयोजन बिहार पंच सरपंच संघ के बैनर तले किया गया।

आंदोलन कर रहे पंच सरपंच संघ के जिला अध्यक्ष जफर आलम ने कहा कि आज बिहार में पंच सरपंच के मान सम्मान के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पंच, सरपंच और उपसरपंच रात दिन मेहनत कर समाज से जुड़ी समस्याओं को निपटारा करने का काम कर रहे हैं, लेकिन उनकी मांगों पर सरकार विचार नहीं कर रही है। उन्होंने बताया कि उत्कृष्ट कार्य करने वाले पंचों और सरपंचों को सरकार के द्वारा मान सम्मान देना तो दूर की बात, मानदेय बढ़ाने की घोषणा भी महज खानापूर्ति साबित हुई। ग्राम कचहरी के जनप्रतिनिधियो को सुविधा देने के बजाय उनके अधिकारों में सरकार द्वारा कटौती की जा रही है। सरपंच द्वारा निर्गत वंशावली को अमान्य करार दिया गया है।

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मौके पर मौजूद अन्य सरपंचों ने कहा कि चुनाव से पहले सरकार के द्वारा आश्वासन दिया गया था और मानदेय में बढ़ोतरी की बात की गयी थी, लेकिन ढाई वर्ष बीतने के बाद मात्र 2500 रुपये के हिसाब से एक वर्ष का मानदेय ही मिला है। सरपंचों ने राज्य सरकार से उन्हें सुरक्षा देने की मांग भी की है।


वहीं, संघ के किशनगंज प्रखंड अध्यक्ष ने सरकार को ललकारते हुए कहा कि अगर उनकी मांगों पर सरकार ने विचार नहीं किया तो आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनाव में सरकार का विरोध कर वोट बहिष्कार करने का निर्णय लिया जायेगा, साथ ही गांधी जयंती के मौके पर बिहार के सभी पंच, सरपंच और उपसरपंच सामूहिक इस्तीफा देंगे।

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