पश्चिम बंगाल में आगामी लोकसभा चुनावों के लिये सात चरणों में मतदान होगा। पश्चिम बंगाल के अलावा दो अन्य राज्यों उत्तर प्रदेश और बिहार में भी 2019 की तरह इस बार भी सभी सात चरणों में मतदान होगा। बताते चलें कि पश्चिम बंगाल में 42, उत्तर प्रदेश में 80 और बिहार में 40 लोकसभा सीटें हैं।
पश्चिम बंगाल में पहले और दूसरे चरण में 19 अप्रैल और 26 अप्रैल को तीन-तीन निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान होगा। ये सभी लोकसभा क्षेत्र उत्तर बंगाल में हैं। कूच बिहार, अलीपुरद्वार और जलपाईगुड़ी में 19 अप्रैल को मतदान होगा। वहीं रायगंज, बालुरघाट और दार्जिलिंग में 26 अप्रैल को मतदान होगा।
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तीसरे चरण में 7 मई को चार निर्वाचन क्षेत्रों- मालदा (उत्तर), मालदा (दक्षिण), मुर्शिदाबाद और जंगीपुर में मतदान होगा। चूंकि सभी चार सीटें आसपास हैं, इसलिए मतदान क्षेत्रों में सीएपीएफ की भारी तैनाती सुनिश्चित की जा सकती है।
13 मई को चौथे चरण में आठ निर्वाचन क्षेत्रों- बहरामपुर, कृष्णानगर, राणाघाट, बोलपुर, बीरभूम, बर्धमान-पूर्व, बर्धमान-दुर्गापुर और आसनसोल सीट पर मतदान होगा, जो दक्षिण बंगाल के तीन जिलों को कवर करेंगे।
पाँचवें चरण में सात सीटों- श्रीरामपुर, बैरकपुर, हुगली, बनगांव, हावड़ा, उलुबेरिया और आरामबाग के लिये 20 मई को मतदान होगा, जिनमें हावड़ा और उत्तर 24 परगना जिलों में दो-दो लोकसभा क्षेत्र और तीन लोकसभा सीट हुगली जिले में हैं।
छठे चरण के मतदान में 25 मई को आठ निर्वाचन क्षेत्रों- पुरुलिया, बांकुरा, मेदिनीपुर, कांथी, तमलुक, घाटल, झाड़ग्राम और बिष्णुपुर में मतदान होगा, जो पूर्वी मिदनापुर, पश्चिम मिदनापुर, बांकुरा और पुरुलिया जिलों में फैले हैं।
सातवें और अंतिम चरण के मतदान में 1 जून को नौ निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान होगा, जिनमें कोलकाता (दक्षिण), कोलकाता (उत्तर), जादवपुर, जयनगर, बशीरहाट, बारासात, मथुरापुर, डायमंड हार्बर और दमदम लोकसभा सीट शामिल हैं।
राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय के सूत्रों ने कहा कि 1 जून को होने वाले मतदान के लिए कुछ संवेदनशील सीटों को एक साथ जोड़ दिया गया है, जिसमें बशीरहाट और डायमंड हार्बर भी शामिल हैं। अन्य हिस्सों में मतदान के बाद सीएपीएफ कर्मियों की कोई कमी नहीं होगी।
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