समस्तीपुर में अपराधियों की गोलियों से शहीद होने वाले दरोगा नंद किशोर यादव को अररिया स्थित उनके पैतृक गांव दिघली में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। शहीद दरोगा को उनके बड़े पुत्र हर्ष आनंद ने मुखाग्नि दी। समस्तीपुर जिले के मोहनपुर ओपी अध्यक्ष नंद किशोर यादव को देर रात बंदूकधारी अपराधियों ने गोली मार कर हत्या कर दी थी।
अररिया के प्लासी प्रखंड स्थित दिघली गांव में दरोगा नंद किशोर यादव के अंतिम संस्कार में भारी भीड़ उमड़ी। लोगों ने ‘वन्दे मातरम’ और ‘नंद किशोर यादव अमर रहे’ के नारे लगाए।
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मौके पर मौजूद एसपी अशोक कुमार सिंह ने भी दरोगा नंद किशोर को श्रद्धांजलि दी और उन्हें जांबाज पुलिस अधिकारी बताया। उन्होंने कहा कि वह सरकारी प्रावधानों के अनुसार नंद किशोर यादव के परिवार को हर सुविधा दिलाने की सार्थक पहल करेंगे।
एसपी ने आगे कहा कि चूंकि दरोगा नंद किशोर समस्तीपुर में कार्यरत थे, इसलिए उनके अंतिम संस्कार के बाद अररिया पुलिस कुछ आवश्यक कागज़ात लेकर समस्तीपुर जाएगी। ”उनके हित में आगे जो भी पुलिस विभाग में कार्रवाइयाँ होंगी, वो सारी कार्रवाई हम एक महीने के अंदर कर लेंगे,” उन्होंने कहा।
”यह सरकार संवेदनहीन है”
दरोगा नंद किशोर यादव के परिवार को सांत्वना देने पहुंचे अररिया से भाजपा सांसद प्रदीप कुमार सिंह ने पीड़ित परिवार के लिए सरकार से मुआवज़े के तौर पर 1 करोड़ रुपये और बच्चों की शिक्षा की व्यवस्था करने की मांग की। उन्होंने कहा, ”कल एक तरफ जब सब लोग आज़ादी की ख़ुशी मना रहे थे, उसी वक्त खबर आई कि समस्तीपुर में पदस्थापित दरोगा नंद किशोर यादव जी अपराधियों को पकड़ने गए और अपराधियों ने ताबड़ तोड़ गोलियां चलाकर उनकी हत्या कर दी। यह खबर हृदय विदारक और दुःखदाई है। सरकार कितनी संवेदनहीन है कि माननीय मुख्यमंत्री जी ने अभी तक संवेदना व्यक्त नहीं की है।”
”मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, दोनों में से किसी का एक ट्वीट तक नहीं आया है। यह संवेदनहीन और विफल सरकार है। जिस राज्य में दरोगा को गोली मारी जाती हो तो वहां की आम जनता का क्या होगा। नीतीश कुमार जी आपको जवाबदेही और जिम्मेवारी लेनी चाहिए,” उन्होंने आगे कहा।
भाजपा सांसद ने दिवंगत नंद किशोर यादव के बच्चों के भरण पोषण और शिक्षा के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मदद की मांग की। उन्होंने कहा, ”नंद किशोर यादव जी हमारे बीच नहीं रहे। उनके छोटे छोटे बच्चे हैं। उनके बच्चों के भरण पोषण, पढ़ाई लिखाई की समुचित व्यवस्था (मुख्यमंत्री) करें और 1 करोड़ रुपये उनके परिवार को मुआवज़ा दें और बिहार के लोगों से मुख्यमंत्री माफ़ी मांगें कि इस घटना के ज़िम्मेदार माननीय नीतीश कुमार हैं। शासन प्रशासन कुछ है नहीं, बस सरकार चल रही है। ”
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