बिहार प्रदेश किसान सलाहकार संघ के बैनर तले जिला इकाई अररिया के किसान सलाहकारों ने गुरुवार को जिला कृषि कार्यालय के प्रांगण में अपनी मांगों को लेकर एक दिवसीय धरना दिया।
धरने पर बैठे किसान सलाहकारों की मांग है कि उन्हें जनसेवक के पद पर समायोजित किया जाए।
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धरने का नेतृत्व कर रहे जिला किसान सलाहकार संघ के कार्यकारी अध्यक्ष कंचन कुमार ने बताया, “हम सभी सलाहकार पिछले 13 वर्षों से जिले में कार्यरत हैं और क्षेत्र में हमारे कार्य के कारण किसानों को काफी लाभ पहुंच रहा है।”
“किसान सलाहकार, किसानों और कृषि विभाग के बीच रीढ़ के रूप में कार्य करते हैं। समय समय पर जिला प्रशासन हमसे चुनावों, किसानों के बीच बीज वितरण, खेतों की मिट्टी जांच के साथ कई महत्वपूर्ण कार्य भी करवाती है। किसान सलाहकार जिम्मेदारी पूर्वक इन कामों को करते हैं। जबकि ये हमारा कार्य नहीं है। इसके बावजूद सरकार हमारे साथ सौतेला व्यवहार कर रही है।”
धरने में अररिया ज़िले के विभिन्न प्रखण्डों से किसान सलाहकारों ने हिस्सा लिया। इस प्रदर्शन में सैकड़ों किसान सलाहकारों ने सरकार के विरोध में नारेबाजी भी की।
किसान सलाहकार संघ, अररिया के जिला उपाध्यक्ष शंभु कुमार ने बताया, “13 वर्ष पूर्व हमारी बहाली वीएलडब्लू की कमी को देखकर की गई थी, लेकिन इतने वर्ष बीत जाने के बावजूद हमें वीएलडब्लू के पद पर समायोजन नहीं किया गया। इतने दिनों तक कार्य करवाने के बाद हमें सरकार ‘प्रगतिशील किसान’ कहती है।”
उन्होंने कहा कि यह सरासर नियम के विरुद्ध है।
धरने में शामिल किसान सलाहकारों का मानना है कि कृषि विभाग में कार्यरत होने के बावजूद उन्हें सरकारी कर्मी नहीं माना जाता है और सरकार उनके साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। किसान सलाहाकर सरकार से उचित वेतन की मांग कर रहे हैं।
किसान सलाहकार संघ के जिला प्रवक्ता अबु सालेह आजम खान ने बताया कि कृषि समन्वयक और किसान सलाहकारों की बहाली एक साथ हुई थी, लेकिन कृषि समन्वयकों को आज सारी सरकारी सुविधाएं मिल रही है जबकि किसान सलाहकारों को सरकार ने ठगने का काम किया है।
“सरकार, कृषि समन्यवकों का कार्य हमलोगों से कराने के बावजूद हमारे खिलाफ दोहरी नीति अपना रही है। कृषि समन्यवक तो दफ्तर भी नहीं जाते हैं। बीज वितरण, पीएम किसान भौतिक सत्यापन, दुधारू गाय गणना, ताड़ खजूर पेड़ गणना जैसी योजना का कार्य सरकार किसान सलाहकारों से ही करवाती है, लेकिन विभाग द्वारा हमारे काम को सराहा नहीं जाता है,” उन्होंने कहा।
इस धरना में किसान सलाहकार संघ के जिला सचिव नईम अख्तर, जिला कोषाध्यक्ष मुरली मनोहर के अलावा राजेश रंजन, संजीत कुमार यादव, रघुनंदन पासवान, घनश्याम ऋषिदेव, अरुण कुमार शर्मा, निखिल भारती, मो.मेराज शमीम, विकास कुमार झा व अन्य शामिल थे।
प्रदर्शन कर रहे किसान सलाहकारों ने कहा कि सरकार जबतक किसान सलाहकार को जनसेवक के पद पर समायोजन नहीं करता है तब तक चरणबद्ध तरीके से उनका आंदोलन जारी रहेगा।
कृषि सलाहकारों ने सरकार को चुनौती देते हुए कहा है कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो चार जून को बिहार के सभी जिले से किसान सलाहकार अपनी मांगों को लेकर विधानसभा का घेराव करेंगे।
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