मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तबीयत खराब बताई जा रही है। कहा जा रहा है कि बिहार के मुख्यमंत्री पिछले कुछ दिनों से अस्वस्थ हैं जिस कारण वह सार्वजानिक कार्यक्रमों में नज़र नहीं आ रहे हैं। एनडीए के नेताओं ने नीतीश कुमार के स्वास्थ को लेकर चिंता जताई है और वे उनकी तबीयत पर बिहार सरकार से अपडेट की मांग कर रहे हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने सोशल मीडिया के माध्यम से नीतीश कुमार की तबीयत पर सवाल उठाए और कहा कि उनकी तबियत खराब है या उनके साथ कोई साज़िश हो रही है।
उन्होंने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा, “पिछले 10 दिनों से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तबीयत खराब है। उनको कुछ हुआ भी है या फिर सिर्फ उनके साथ राजनैतिक साजिश चल रही है? नीतीश कुमार का हेल्थ बुलेटिन जारी होना चाहिए, जिससे पता चले कि उनकी स्थिति कैसी है?”
केंद्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह ने मांझी के इस पोस्ट को री-पोस्ट कर लिखा, “नीतीश कुमार जी केवल एक गठबंधन के मुख्यमंत्री नहीं बल्कि पूरे बिहार के मुख्यमंत्री हैं। इसलिए जीतनराम मांझी जी की चिंता जायज़ है और इसकी हमें भी चिंता हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी का हेल्थ बुलेटिन जारी होना चाहिए।”
इसके जवाब में, जदयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने एनडीए के नेताओं के प्रश्नों पर आपत्ति ज़ाहिर करते हुए इसे निचले स्तर की राजनीति बताया। उन्होंने कहा कि यह सब निचले स्तर की राजनीति का प्रमाण है कि एनडीए के नेता मुख्यमंत्री के स्वास्थ्य को लेकर इस तरह की अनर्गल टिप्पणी कर रहे है।
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4 में से 3 राज्यों में हार कर ‘इंडिया’ गठबंधन में कमज़ोर हुई कांग्रेस?
बिहार में जदयू के अलग होने के बाद भाजपा ने सभी 40 लोकसभा क्षेत्रों के लिए तैयारी शुरू कर दी है। 3 दिसंबर को मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में स्पष्ट बहुमत लेने के बाद प्रदेश भाजपा को बल मिला है।
मध्य प्रदेश में कांग्रेस के अलावा जदयू के उम्मीदवारों को भी हार का सामना करना पड़ा। जदयू के प्रदेश महासचिव निखिल मंडल ने एक्स पर लिखा कि अब ‘इंडिया’ गठबंधन को नीतीश कुमार के दिशानिर्देश पर चलना चाहिए।
उन्होंने कहा कि पिछले कुछ समय से कांग्रेस पांच राज्यों के चुनावों में व्यस्त रही, इसी कारण ‘इंडिया’ गठबंधन पर उसका ध्यान कम था। अब कांग्रेस ने चुनाव लड़ लिया और नतीजा सबके सामने आ चुका है। नीतीश कुमार ‘इंडिया’ गठबंधन के सूत्रधार हैं और अब वही इस नैया को पार लगा सकते हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि चार में से तीन राज्यों में कांग्रेस की हार से गठबंधन में देश की सबसे पुरानी रजनीतिक पार्टी की स्थिति कमजोर हुई है। कांग्रेस की हार पर बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष अखिलेश सिंह ने कहा कि इस हार की उम्मीद नहीं थी, इस पर समीक्षा की जाएगी।
(आईएएनएस इनपुट के साथ)
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