गृह मंत्री अमित शाह इस समय 2 दिन के सीमांचल दौरे पर हैं। शुक्रवार दोपहर उन्होंने पूर्णिया के रंगभूमि मैदान में एक जनसभा को संबोधित किया जबकि शाम को किशनगंज में राज्य में भाजपा के कद्दावर नेताओं से सजी कोर समिति बैठक में हिस्सा लिया।
इस मीटिंग का ज़िक्र करते हुए बिहार बीजेपी प्रमुख संजय जायसवाल ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट फेसबुक पर लिखा, “आज किशनगंज में माननीय केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जी की उपस्थिति में बिहार बीजेपी के सभी सम्मानित सांसद और विधानमंडल दल के बैठक में सम्मिलित हुआ। इस दौरान विभिन्न विषयों पर विस्तारपूर्वक चर्चा भी की।”
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कोर कमेटी की बैठक में गृह मंत्री सहित बिहार के कई बड़े नेताओं ने शिरकत की। पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, पूर्व केंद्र मंत्री शाहनवाज हुसैन, मौजूदा सांसद गिरिराज सिंह सहित बीजेपी के अन्य नेताओं ने शिरकत की।
बूढ़ी काली मंदिर में पूजा
अगली सुबह यानी शनिवार को 9. 30 बजे गृह मंत्री का काफिला किशनगंज के सुभाषपल्ली स्थित बूढ़ी काली मंदिर पहुंचा जहां गृह मंत्री अमित शाह ने दर्शन और इसके बाद पूजा अर्चना की।
कहा जाता है कि किशनगंज के इस बूढ़ी काली मंदिर के निर्माण के लिए नवाब असद रजा उर्फ ‘पगला राजा’ ने उन्नीसवीं सदी में जमीन भेंट की थी। माना जाता है कि इस मंदिर में मांगी गई हर मनोकामना पूरी होती है, खासकर महिलाएं अधिक तादाद में इस मंदिर में मन्नत मांगने पहुंचती हैं। यही नहीं मंदिर में मूर्ति दान करने की एक पुरानी परंपरा है जिसके लिए बुकिंग करनी पड़ती है।
आपको बताते चलें कि अगले 20 वर्षों तक मूर्ति दान करने की बुकिंग पहले ही कर दी गई है, यानी अगर आज कोई श्रद्धालु बुकिंग करे, तो उसका नंबर 20 साल बाद ही आएगा। मंदिर के पुजारी बताते हैं के मंदिर का निर्माण 1902 में हुआ था और तब से अब तक यह पहला मौका है, जब देश का गृह मंत्री मंदिर में पूजा अर्चना करने आया है।
फतेहपुर बीओपी का दौरा
मंदिर में दर्शन करने के बाद अमित शाह ने भारत नेपाल सीमा की फतेहपुर बीओपी का दौरा किया, जहां उन्होंने बीएसएफ, एसएसबी और पैरा मिलिट्री के जवानों से मुलाकात की और उन्हें संबोधित किया। अमित शाह ने सशस्त्र सीमा बल के फतेहपुर, पेकटोल, बेरिया, आमगाछी और रानीगंज की सीमा चौकियों का भी उद्घाटन किया।
इसकी जानकारी देते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो और कुछ तस्वीरें साझा कीं, जिनमें वह एसएसबी हैट लगाये दूरबीन से सीमाओं का जायजा लेते दिख रहे हैं।
इस समारोह में जवानों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, “जब से बीजेपी की सरकार केंद्र में आई है, हम ने यह सुनिश्चित किया है कि जवानों और उनके परिवारों के रहने और बाकी सुविधाओं को और बेहतर किया जा सके। नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार का हमेशा यह प्रयास रहा है कि जो जवान अपने जीवन के स्वर्णिम सालों को देश की सेवा में लगाते हैं, उन्हें अच्छी से अच्छी सुविधा मिल सके।”‘
उन्होंने सिलीगुड़ी कॉरिडोर के बारे में कहा, “सीमांचल का यह इलाका इसलिए भी बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें नेपाल, भूटान, चीन, बांग्लादेश, म्यांमार जैसे देशों की सीमा लगती है। सिलीगुड़ी गलियारा से गुज़रने वाला ये पूरा इलाक़ा बहुत संवेदनशील है, इसलिए आप जवानों को बहुत सतर्क रहना होगा, जिसके लिए आप पूरी तरह से तैयार हैं।”
गृह मंत्री ने फतेहपुर, पेकटोल, बेरिया, आमगाछी और रानीगंज की सीमा चौकियों में भवनों के निर्माण शुरू होने पर कहा, “देश के इस हिस्से की सीमाओं को कोई खतरा नहीं है। लगभग 25 करोड़ की लागत से बनने वाले इन भवनों से आप सैनिक बहनों और भाईयों को कठिन काम को करते हुए थोड़ा आराम मिलेगा, इस बात की अश्वस्ति होती है।”
गृहमंत्री ने देश की सुरक्षा पर खर्च बढ़ाने पर अपनी सरकार की पीठ थपथपाते हुए कहा, “नरेंद्र मोदी सरकार ने सीमा के बुनियादी ढांचे के सुधार में कोई कसर नहीं छोड़ी है। साल 2008 से 2014 तक सीमाओं पर 23,400 करोड़ रुपए खर्च किये गए, जबकि हमने इस बजट को बढ़ाकर 43,600 करोड़ रुपए कर दिया। अब प्रति वर्ष हम 4000 की जगह 6000 करोड़ रुपए खर्च कर रहे हैं।”
शनिवार शाम गृह मंत्री अमित शाह किशनगंज के माता गुजरी विश्वविद्यालय में आजादी महोत्सव के सुंदर सुभूमि कार्यक्रम में शिरकत करेंगे।
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