बिहार में आप रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म पर पानी की बोतल खरीद रहे हैं, तो सावधान हो जाइए! हो सकता है भारतीय रेल आपकी जान के साथ खिलवाड़ कर रही हो। दरअसल, किशनगंज रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म पर पिछले कई महीनों से एक ऐसी कंपनी का पानी बेचा जा रहा है, जिसका BIS प्रमाणपत्र 30 जून, 2023 को एक्सपायर हो चुका है।
BIS यानी Bureau of Indian Standards या भारतीय मानक ब्यूरो, देश में बिकने वाले किसी भी प्रोडक्ट की गुणवत्ता, सुरक्षा और विश्वसनीयता को प्रमाणित करता है। आम जन की सेहत और सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए भारत सरकार की ओर से भारतीय मानक ब्यूरो के अंतर्गत पंजीकरण अनिवार्य है। बीआईएस सर्टिफिकेट हासिल करने वाली कंपनियां अपने प्रोडक्ट पर ISI का निशान लगाती हैं। उस निशान के नीचे एक लाइसेंस नंबर होता है। BIS Care App डाउनलोड कर कोई भी उपभोक्ता BIS प्रामणित प्रोडक्ट का लाइसेंस डिटेल चेक कर सकता है।
किशनगंज रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म पर Jeevan ब्रांड की पानी की बोतलें बिक रही हैं। ये पानी की बोतलें पूर्णिया के खुश्की बाग़ की भगत इंटरनेशनल नाम की एक कंपनी बना रही है, जिसका BIS प्रमाणपत्र महीनों पहले एक्सपायर हो गया है। लेकिन अब भी प्लेटफार्म के स्टालों पर बोतलबंद पानी के नाम पर इससे धड़ल्ले से बेचा जा रहा है। जांच को लेकर रेलवे प्रशासन भी सवालों के घेरे में है।
यात्रियों के मुताबिक, रेलवे प्रशासन के संरक्षण में ये सब हो रहा है। यात्रियों की शिकायत पर जब मैं मीडिया के द्वारा किशनगंज रेलवे स्टेशन की प्लेटफॉर्म संख्या एक और दो के स्टालों में रियलिटी टेस्ट किया गया तो बीआईएस प्रमाणपत्र डेट एक्सपायरी वाले बोतलबंद पानी बिकते नजर आये। यहां तक कि रेलवे पटरियों के आसपास भी बोतलबंद पानी स्टॉक कर रखा मिला।
यात्रियों ने बताया कि इसकी जानकारी रेलवे के उच्च अधिकारी से लेकर सभी पदाधिकारियों व आरपीएफ को भी है, लेकिन इसके बावजूद दोनों प्लेटफॉर्म पर धड़ल्ले से यह पानी बिक रहा है, जो जांच का विषय है। वहीं, बगैर मानक के बोतलबंद पानी बेचने वाले स्टॉल संचालक से पूछने पर उन्होंने कहा कि रेलवे स्टेशन की सभी दुकानों में ये पानी बिक रहा है। उन्होंने बताया कि रेलवे प्रशासन के द्वारा इस तरह का पानी बेचने पर कोई रोकटोक नहीं की जाती है।
वहीं, कटिहार रेल प्रमंडल के रेलवे कमर्शियल मैनेजमेंट इंस्पेक्टर पुष्पेंद्र कुमार से पूछने पर पहले तो वह भागते नजर आए, फ़िर उन्होंने कहा कि जीवन पानी को रेलवे के स्टॉल में भेजने की स्वीकृति दी गयी है, लेकिन बीआईएस प्रमाणपत्र फेल होने की उन्हें जानकारी नहीं है। जब मामले को लेकर किशनगंज रेलवे स्टेशन के स्टेशन मैनेजर दीपक कुमार से संपर्क साधने का कोशिश की गयी, तो उनके चेंबर के बाहर ताला लटका मिला।
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