अररिया जिले के अररिया प्रखंड अंतर्गत पैकटोला गांव का रहने वाला 15 वर्षीय महफ़ूज़ आलम दिल्ली से लापता है। परिजनों ने महफ़ूज़ को ढूंढ कर लाने वाले को 50,000 रुपये इनाम की घोषणा की है।
महफ़ूज़ बीते 13 मई से दिल्ली के अबुल फज़ल एन्क्लेव इलाके से लापता है। जानकारी के अनुसार, महफ़ूज़ आलम जामिया मिल्लिया इस्लामिया में 11वीं की प्रवेश परिक्षा की तैयारी के लिए दिल्ली आया था।
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महफ़ूज़ आलम के बड़े भाई मसरूर आलम ने ‘मैं मीडिया’ को बताया कि महफ़ूज़ 10वीं की परीक्षा देकर अलीगढ़ निकल गया था। वहां वह एएमयू और जामिया की प्रवेश परीक्षा की तैयारी कर रहा था। मसरूर ने आगे बताया कि महफ़ूज़ ने जामिया में 11वीं कक्षा की प्रवेश परीक्षा दे दी थी, जिसके बाद 13 मई की दोपहर से वह लापता हो गया।
पुलिस पर छानबीन में ढिलाई का आरोप
गुमशुदगी के दो दिन बाद 15 मई को परिजनों ने शाहीनबाग पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज करायी। पुलिस ने महफ़ूज़ के मोबाइल नंबर को ट्रेस कर दिल्ली के सदर बाज़ार का लोकेशन निकाला। मसरूर आलम का आरोप है कि पुलिस इस मामले में ज़्यादा मदद नहीं कर रही है और लोकेशन निकालने के बाद उनसे ही बच्चे को ढूंढ लाने को कह रही है।
मसरूर ने कहा, “गुमशुदा होने के बाद मेरे भाई का मोबाइल देर रात 1 बजे ऑन हुआ था। लोकेशन निकला है सदर बाज़ार का। पुलिस इस पर ठीक से काम नहीं कर रही है। पुलिस लोकेशन हम लोग को दे रही है कि जाइये जाकर खोजिए। हम लोग कैसे जाकर खोजेंगे किसी के घर में भी।”
मसरूर ने आगे बताया कि 5 जून की रात को लापता महफ़ूज़ आलम के नंबर से किसी ने वाट्सऐप खोला है। उन्होंने उस नंबर पर वीडियो कॉल किया, कैमरा ऑन हुआ तो किसी और लड़के ने फ़ोन उठाया, जो उनके अनुसार बोलने के अंदाज़ से अररिया के आस पास का ही लग रहा था।
प्राथमिकी में महफ़ूज़ के बड़े भाई का बयान
एफआईआर कॉपी में लापता महफ़ूज़ के दूसरे भाई मरग़ूब आलम के बयान के अनुसार, 12 मई को महफ़ूज़ अलीगढ़ से अपने दोस्त ममनून के साथ दिल्ली आया था। वह दिल्ली में ममनून के भाई जूनून के घर, A-331 नई बस्ती में रुका था। महफ़ूज़ ने 13 मई को जामिया प्रवेश परीक्षा दी। परीक्षा के बाद उसने किसी और के नंबर से अपने पिता अशफ़ाक़ आलम को फ़ोन किया और कहा कि उसकी परीक्षा बहुत अच्छी हुई है।
परीक्षा के बाद महफ़ूज़ अपने दोस्त के भाई जूनून के कमरे में गया और अपना बैग उठाकर कहीं निकल गया और तब से उसका कोई पता नहीं चल सका। घर वालों ने अलीगढ़ भी पता करवाया, लेकिन महफ़ूज़ वहाँ भी नहीं पहुंचा था।
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