बिहार के किशनगंज जिले से सटे इस्लामपुर में पुलिस प्रशासन पर बिहार के लोगों के साथ पक्षपात करने का आरोप लगा है। किशनगंज की सीमा से सटे इस्लामपुर बाजार आने-जाने वाले लोगों के लिए ई-रिक्शा या टोटो सवारी परिवहन का एक अच्छा साधन है। लेकिन ऐसा लग रहा है कि इस्लामपुर प्रशासन ने बिहार की तरफ से आने वाले टोटो पर प्रतिबंध लगा दिया है। हालांकि सरकार की तरफ से कोई सूचना जारी नहीं की गई है। लेकिन टोटो चालकों का आरोप है कि पुलिस आधार कार्ड चेक करती है। यदि चालक बिहार का होता है, तो टोटो सीज कर RTO ऑफिस या थाने में ले जाया जाता है। यहां से गाड़ी छुड़ाने के लिए चालकों को 5-5 हजार रुपये चुकाना पड़ता है।
आपको बता दें बिहार-बंगाल सीमा पर स्थित इस्लामपुर बाजार पश्चिम बंगाल स्थित उत्तर दिनाजपुर जिले के अंतर्गत आता है। रोज़ाना हजारों की संख्या में बिहार के लोग जूट, धान, राशन, फर्नीचर, सब्जी खरीदने से लेकर इलाज करवाने तक इस्लामपुर बाजार आते हैं। एक बड़ी आबादी के लिए यह बाजार एक मात्र साधन है, जहां से लोग अपनी जरूरतें पूरी करते हैं। लेकिन बंगाल पुलिस के इस पक्षपाती रवैये से टोटो चालक खासे नाराज़ हैं। बल्दी हाट के मनोज कुमार टोटो चलाते हैं और रोजाना मुश्किल से 250-300 रुपये कमाकर अपना घर चलाते हैं। मनोज भी बंगाल पुलिस के इस पक्षपाती रवैये का शिकार हो गए। वह बताते हैं कि उनके टोटो को बंगाल पुलिस ने पकड़ कर थाने में दो दिन तक रखा। मनोज को अपना टोटो छुड़वाने के लिए 5000 रुपये पुलिस को देने पड़े। इस पैसे को देने के लिए मनोज को ब्याज़ पर पैसे लेने पड़े।
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इन तमाम बातों को लेकर लगभग 300 से ज्यादा टोटो चालक इस्लामपुर के करीब बिहार के उदगाड़ा मजार चौक पर इकट्ठा हुए और इस पक्षपातपूर्ण फैसले का विरोध किया। टोटो चालकों के लिए सबसे बड़ी परेशानी की बात यह है कि उनको बताया ही नहीं जाता है कि उनकी गाड़ी को क्यों पकड़ा जा रहा है। आखिर उन्होंने कौन से कानून का उल्लंघन किया है। क्या भारत के एक राज्य के निवासी दूसरे राज्य में रोजगार और नौकरी के लिए नहीं जाते हैं। सथानीय विधायक प्रत्याशी तसीर उद्दीन कहते हैं कि वे लोग इस्लामपुर प्रशासन से बात करेंगे। वह कहते हैं कि अगर इस्लामपुर प्रशासन ने उनकी बात नहीं मानी तो वे लोग बिहार सरकार से गुहार लगाएंगे।
यह कोई पहला मौका नहीं है जब बंगाल पुलिस द्वारा बिहार के लोगों के साथ पक्षपात करने का मामला सामने आया है। लोग बताते हैं कि इस्लामपुर के चौरंगी मोड़ से गुजरने वाले सभी दुपहिया वाहनों को रोका जाता है। अगर बंगाल की गाड़ी होती है तो उनको छोड़ दिया जाता है, भले ही चालक ने हैलमेट न पहना हो। उनके पास काग़ज़ात तक न हो, ड्राइविंग लाइसेंस न हो तब भी बंगाल की गाड़ी को कुछ नहीं कहा जाता है। लेकिन अगर गाड़ी के नंबर प्लेट पर बिहार का नंबर दिख जाये तो पुलिस बिना वजह परेशान करने लगती है।
बंगाल पुलिस के इस रवैये को बंगाल के लोग भी विरोध कर रहे हैं। वे कहते हैं कि बिहार और बंगाल के लोगों के बीच रिश्ता बहुत पुराना है। इस्लामपुर रजा कमेटी के सदस्य मंसूर आलम कहते हैं कि हो सकता है कि सड़क पर टोटो चालकों की बढ़ती भीड़ की वजह से ऐसा किया जा रहा है। वह कहते हैं कि वजह चाहे जो भी हो, वे लोग इस्लामपुर के एसडीओ से मुलाकात कर इस समस्या को उन तक पहुंचायेंगे।
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