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Seemanchal News, Kishanganj News, Katihar News, Araria News, Purnea News in Hindi

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सैयद जाफ़र इमाम किशनगंज से तालुक़ रखते हैं। इन्होंने हिमालयन यूनिवर्सिटी से जन संचार एवं पत्रकारिता में ग्रैजूएशन करने के बाद जामिया मिलिया इस्लामिया से हिंदी पत्रकारिता (पीजी) की पढ़ाई की। 'मैं मीडिया' के लिए सीमांचल के खेल-कूद और ऐतिहासिक इतिवृत्त पर खबरें लिख रहे हैं। इससे पहले इन्होंने Opoyi, Scribblers India, Swantree Foundation, Public Vichar जैसे संस्थानों में काम किया है। इनकी पुस्तक "A Panic Attack on The Subway" जुलाई 2021 में प्रकाशित हुई थी। यह जाफ़र के तखल्लूस के साथ 'हिंदुस्तानी' भाषा में ग़ज़ल कहते हैं और समय मिलने पर इंटरनेट पर शॉर्ट फिल्में बनाना पसंद करते हैं।

अमित शाह का किशनगंज दौरा: क्या हुआ दिन भर

गृह मंत्री अमित शाह इस समय 2 दिन के सीमांचल दौरे पर हैं। शुक्रवार दोपहर उन्होंने पूर्णिया के रंगभूमि मैदान में एक जनसभा को संबोधित किया जबकि शाम को किशनगंज में राज्य में…

भाजपा नेताओं की बैठक, गृह मंत्री अमित शाह के सीमांचल दौरे की तैयारी तेज

केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह 23 सितंबर को दो दिवसीय सीमांचल दौर पर आ रहे हैं। इस दौरे को लेकर सीमांचल के भाजपा कार्यकर्ता और नेताओं में उत्साह देखा जा रहा है। मंगलवार को…

पूर्णिया: अग्निवीर स्कीम से जुड़े FB पोस्ट पर कमेंट को लेकर ढाई महीने बाद गिरफ्तारी

2022 को केंद्रीय कैबिनेट द्वारा अग्निवीर योजना को हरी झंडी देने के बाद देश भर में इस योजना की आलोचना शुरू हो गई थी। देखते देखते यह नाराजगी हिंसक प्रदर्शन में बदल गई।…

किशनगंज: नशे के दलदल में फँसकर बर्बाद होती नौजवान पीढ़ी

महज 12 वर्ष की आयु में चिंटू (बदला हुआ नाम) स्मैक के नशे का शिकार हो चुका है। पेशे से दिहाड़ी मजदूर चिंटू के पिता इस बात से बहुत चिंतित हैं, लेकिन लोकलाज…

किशनगंज: इतिहास के पन्नों में खो गये महिनगांव और सिंघिया एस्टेट

महिनगांव एक एस्टेट के रूप में विकसित हुआ था। फिलहाल, करीब साढ़े चार हजार लोग यहां रह रहे हैं। महिनगांव एस्टेट को 18वीं सदी में बसाया गया था। तब पूर्णिया के नवाब शौकत…

किशनगंज: ऐतिहासिक चुरली एस्टेट खंडहर में तब्दील

कहते हैं कि जो समाज अपने इतिहास को सहेजना जानता है, वही समाज अपने भविष्य को सफलता के सांचे में ढाल पाता है। इंसान का इतिहास जीव-विज्ञान के किसी भी मामूली या ग़ैर…

किशनगंज: क्यों राष्ट्रीय स्तर से आगे नहीं जा पाते जिला के ‘सुपर टैलेंटेड’ शतरंज खिलाड़ी?

किशनगंज बिहार के सबसे पिछड़े ज़िलों में से एक है, लेकिन इस ज़िले में शतरंज के बेहतरीन खिलाड़ी मौजूद हैं। कह सकते हैं कि किशनगंज न केवल राज्य में शतरंज में अव्वल है,…

इंफ्रास्ट्रक्चर और आर्थिक मदद के बिना ताइक्वांडो के सपने को पंख देती लड़कियां

‘शहर मेरा बहुत ही छोटा हैतेरी गाड़ी नहीं रुकेगी दोस्त’ जुबैर ताबिश का यह शेर मानो किशनगंज की शबाहत बानो के दिल की आवाज है, जहाँ उनके सपनों की रेलगाड़ी उनके स्टेशन पर…

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