किशनगंज में 21 सूत्री मांगों को लेकर आंगनबाड़ी की सैकड़ों सेविका और सहायिकाओं ने राष्ट्रीय राज मार्ग 27 को जाम किया। आंगनबाड़ी कर्मियों ने राष्ट्रीय राजमार्ग पय बैठकर प्रदर्शन के साथ सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। आंगनबाड़ी कर्मियों की मुख्य मांगो में सेविका और सहायिकाओं को सरकारी कर्मियों का दर्जा देने और समान काम के एवज में समान वेतन देने की मांगें शामिल थीं।
प्रदर्शन कर रही आंगनबाड़ी सेविकाओं ने कहा कि राज्य सरकार आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका विरोधी नीतियों के कारण सभी कर्मी आंदोलन करने पर मजबूर हैं।
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प्रदर्शनकारियों का कहना है कि सरकार के द्वारा जितना कार्य लिया जाता है, उसके एवज में जो मानदेय दिया जाता है वह नाकाफी है।
आंगनबाड़ी सेविका रूपा कुमारी ने कहा कि इस वर्ष दो जनवरी से लगातार सभी आंगनबाड़ी सेविकाएं काला बिल्ला लगाकर काम कर रही थीं और अपनी आवाज़ उठा रहीं थीं लेकिन सरकार ने उनके लिए कोई फैसला नहीं लिया। इसके बाद 10 फरवरी को सभी प्रखंड मुख्यालयों के सामने प्रदर्शन किया गया था। उन्होंने आगे कहा कि जब सरकार हमारी मांगें नहीं मानीं, तो आज मजबूर होकर हम सड़कों पर उतरे हैं।
सैकड़ों प्रदशनकारियों में से एक सबीना आज़मी ने कहा कि सरकार समाधान यात्रा कर अपनी समस्याओं का समाधान कर रही है, हमारा नहीं।
“हमें सरकारी कर्मचारी का दर्जा दिया जाए। हमारा मानदेय बढ़ाया जाए। सभी विभाग में मानदेय बढ़ रहा है, लेकिन हमारा मानदेय नहीं बढ़ रहा है। देश में आटे चावल का दाम आसमान छू रहा है, लेकिन हमारा कोई मोल नहीं है। शिक्षा विभाग से लेकर जनगणना तक हम सरकार का सब काम करते हैं लेकिन बदले में हमारा शोषण हो रहा है। हम ने यहां जेल भरो आंदोलन के तहत सड़क जाम किया है। अगर हमारी मांग पूरी नहीं हुई, तो हम 15 मार्च को विधानसभा का घेराव करेंगे,” सबीना आज़मी ने कहा।
प्रदर्शन में शामिल एक और आंगनबाड़ी सेविका प्रतिमा पाल ने कहा, “हमलोग इसीलिए एन एच जाम किये हैं क्योंकि हमारा वेतन नहीं बढ़ाया जा रहा है। 200 रुपए में हम लोग खटते हैं। सरकार कहती है कि नारियों को आगे बढ़ाओ, लेकिन सरकार को हमारा ख्याल नहीं है। अगर नितीश जी हमारी मांगों को पूरी नहीं करते तो हम उन्हें हरा कर ही छोड़ेंगे। हमारा नारा है- ‘जेल भरो या पेट भरो।’ इससे हमें नहीं डरना है।”
वही राष्ट्रीय राज मार्ग 27 को खाली करवाने दलबल के साथ मौके पर पहुंचे अनुमंडल पदाधिकारी अमिताभ गुप्ता ने आक्रोशित आंगनबाड़ी कर्मियों को समझा बुझाकर जाम को खाली करवाया। उन्होंने बताया कि अपनी विभिन्न मांगों को लेकर आंगनबाड़ी कर्मियों के द्वारा एक ज्ञापन सौंपा गया है। उन्होंने आगे कहा, “इनकी जो भी मांगें हैं वे जिला स्तरीय नहीं, सरकार स्तरीय हैं। इनका समाधान सरकार के स्तर पर संभव है, इसलिए इनके मांगपत्र को हम लोग सरकार को भेज रहे हैं।”
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