Main Media

Seemanchal News, Kishanganj News, Katihar News, Araria News, Purnea News in Hindi

Support Us

गाँधी जयंती – बिहार से क्या है महात्मा गाँधी का सम्बन्ध

पूरी दुनिया को अहिंसा का पाठ पढ़ाने वाले महात्मा गाँधी (Mahatma Gandhi) की कल्पना क्या बिहार के बिना संभव है? अगर आपके दिमाग में ऐसा ही कोई सवाल घूम रहा है तो इसका जवाब है ” बिलकुल भी नही।

Seemanchal Library Foundation founder Saquib Ahmed Reported By Saquib Ahmed |
Published On :

[vc_row][vc_column][vc_column_text]पूरी दुनिया को अहिंसा का पाठ पढ़ाने वाले महात्मा गाँधी (Mahatma Gandhi) की कल्पना क्या बिहार के बिना संभव है? अगर आपके दिमाग में ऐसा ही कोई सवाल घूम रहा है तो इसका जवाब है ” बिलकुल भी नही।” क्योंकि बिहार का चंपारण ही वह भूमि है जहाँ “मोहनदास करमचन्द गांधी” (Mohandas Karmchand Gandhi) लोगों के सामने “महात्मा गाँधी” बन कर सामने आये। बिहार का चंपारण (Champaran) ही वह भूमि है जहाँ गाँधी जी दक्षिण अफ्रीका में सत्याग्रह (Satyagrah) और अहिंसा के अपने आजमाए हुए अस्र का भारत में पहला प्रयोग किया था। यहीं उन्होंने यह भी तय किया कि वे आगे से केवल एक कपड़े पर ही गुजर-बसर करेंगे। इसी आंदोलन के बाद उन्हें ‘महात्मा’ की उपाधि से नवाजा गया था।

 

Also Read Story

अररिया में तेजस्वी यादव और मुकेश सहनी ने केंद्र सरकार को घेरा, राजद प्रत्याशी शाहनवाज़ के लिए मांगा वोट

किशनगंज के पौआखाली में आग में झुलस कर महिला व तीन बच्चों की मौत

हाई वोल्टेज बिजली से किराना दुकान में लगी भीषण आग, लाखों का नुक्सान

BPSC द्वारा आयोजित ‘बिहार कृषि सेवा’ के विभिन्न पदों के लिये हुई परीक्षा का फाइनल उत्तर जारी

BPSC TRE समेत अन्य परीक्षा के लिये दो बार करना पड़ा है पेमेंट, तो ऐसे मिलेगा पैसा वापस

हम और कभी इधर-उधर नहीं जायेंगे, जहां पर शुरू से हैं वहीं रहेंगे: अररिया में बोले सीएम नीतीश कुमार

कटिहार: तीन अलग-अलग जगह आग से दर्जनों घर जलकर खाक, लाखों का नुक़सान

इंडिया गठबंधन वाले आपस में ही लड़ रहे हैं”, अररिया में बोले जीतन राम मांझी 

कटिहार लोकसभा क्षेत्र: प्राणपुर में 66.77% वोटिंग, कटिहार में सबसे कम, महिला वोटर रहीं आगे

बिहार में महात्मा गाँधी

साल 1916 का दिसंबर महीना कांग्रेस के लखनऊ अधिवेशन में गाँधी जी की मुलाकात एक सीधे-सादे लेकिन जिद्दी आदमी राजकुमार शुक्ल (Rajkumar Shukl) से होती है। राजकुमार शुक्ल गाँधी जी को चंपारण के किसानों की पीड़ा और अंग्रेजों द्वारा उनके शोषण की दास्तान सुनाते है उनसे इसे दूर करने का आग्रह करते है। गांधी जी पहली मुलाकात में इस कम-पढ़े लिखे शख्स से प्रभावित नहीं हुए और उन्होंने उसे टाल दिया। लेकिन राजकुमार शुक्ल के जिद्द और अपने गुरु राजनीतिक गुरु गोपाल कृष्ण गोखले (Gopal Krishn Gokhale) के कहने पर 10 अप्रैल 1917 को बांकीपुर जंक्शन जिसे अब पटना जंक्शन के नाम से जाना जाता है पर उतरे। बिहार में यह उनका पहला कदम था। 15 अप्रैल को चंपारण पहुंचे। और, अगले दो ही दिन में चंपारण की गांधी-यात्रा संघर्ष के निर्णायक मोड़ पर आ गई। हालाँकि औपचारिक रूप से चंपारण सत्याग्रह 19 अप्रैल, 1917 से शुरू हुई।


[wp_ad_camp_1]

चंपारण सत्याग्रह (Champaran Satyagrah) के अलावा बिहार से उनका सम्बन्ध बना रहा। बिहार विद्यापीठ की स्थापना गाँधी जी ने ही की थी। आजादी की घोषणा के बाद बिहार में हुए दंगे आदि को लेकर बापू का लगातार पटना आना-जाना लगा रहा। गांधीजी पटना में कई दिनों तक रुके। आजादी के वर्ष में तो लगभग 40 दिनों तक वह बिहार में रहे थे।

 

मुंगेर की लाठी

आज प्रतीक के रूप में मशहूर हो चुकी महात्मा गांधी की लाठी मुंगेर में बनी थी। गांधी जी की वो लाठी जो अंतिम समय तक उनके साथ रही, वो उन्हें अप्रैल 1934 में बिहार के मुंगेर जो आज घोरघाट के नाम से जाना जाता है में मिली थी। उस वक्त गांधी जी बिहार में आए भूकंप के बाद पीड़ितों से मिलने गए थे।

[/vc_column_text][/vc_column][/vc_row][vc_row][vc_column][vc_separator border_width=”4″ css_animation=”bounceInUp”][/vc_column][/vc_row][vc_row][vc_column][vc_single_image image=”3718″ img_size=”full” alignment=”center” onclick=”custom_link” img_link_target=”_blank” link=”https://pages.razorpay.com/support-main-media”][/vc_column][/vc_row]

सीमांचल की ज़मीनी ख़बरें सामने लाने में सहभागी बनें। ‘मैं मीडिया’ की सदस्यता लेने के लिए Support Us बटन पर क्लिक करें।

Support Us

स्वभाव से घुमंतू और कला का समाज के प्रति प्रतिबद्धता पर यकीन। कुछ दिनों तक मैं मीडिया में काम। अभी वर्तमान में सीमांचल लाइब्रेरी फाउंडेशन के माध्यम से किताबों को गांव-गांव में सक्रिय भूमिका।

Related News

किशनगंज लोकसभा क्षेत्र: ठाकुरगंज में सबसे अधिक वोटिंग, अमौर में सबसे कम

किशनगंज लोकसभा क्षेत्र: अमौर के अधांग में वोटिंग का पूर्ण बहिष्कार, समझाने-बुझाने का प्रयास जारी

कटिहार में 200 घर जल कर राख, कई सिलेंडर फटे

सक्षमता परीक्षा-2 के लिये 26 अप्रैल से आवेदन, पहले चरण में सफल शिक्षक भी ले सकेंगे भाग

फेक न्यूज़ फैलाने के आरोप में जेल गये यूट्यूबर मनीष कश्यप बीजेपी में शामिल

गैर-एनडीए सरकार घुसपैठ को बढ़ावा देती है: अररिया में बोले भाजपा नेता मनोज तिवारी

डॉ. जावेद और पीएम मोदी में झूठ बोलने का कंपटीशन चल रहा है: किशनगंज में बोले असदुद्दीन ओवैसी

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Latest Posts

Ground Report

अररिया में पुल न बनने पर ग्रामीण बोले, “सांसद कहते हैं अल्पसंख्यकों के गांव का पुल नहीं बनाएंगे”

किशनगंज: दशकों से पुल के इंतज़ार में जन प्रतिनिधियों से मायूस ग्रामीण

मूल सुविधाओं से वंचित सहरसा का गाँव, वोटिंग का किया बहिष्कार

सुपौल: देश के पूर्व रेल मंत्री और बिहार के मुख्यमंत्री के गांव में विकास क्यों नहीं पहुंच पा रहा?

सुपौल पुल हादसे पर ग्राउंड रिपोर्ट – ‘पलटू राम का पुल भी पलट रहा है’