Main Media

Seemanchal News, Kishanganj News, Katihar News, Araria News, Purnea News in Hindi

Support Us

पूर्णियाः नॉर्मल डिलीवरी के मांगे 20 हजार रुपये, नहीं देने पर अस्पताल ने बनाया प्रसूता को बंधक

घटना की सूचना मिलते ही सहायक खजांची थाने की पुलिस लाइन बाजार स्थित अल्फा न्यूरो अस्पताल पहुंची और परिजनों को शांत कराने में जुट गई। पुलिस के हस्तक्षेप के बाद प्रसूता को अस्पताल से मुक्त कराकर वापस पूर्णिया मेडिकल कॉलेज भेजा गया।

Syed Tahseen Ali is a reporter from Purnea district Reported By Syed Tahseen Ali |
Published On :

सीमांचल का मेडिकल हब कहे जाने वाले पूर्णिया का लाइन बाज़ार अक्सर कई कारणों से चर्चा में रहता है। फिर चाहे डॉक्टर की लापरवाही से मौत हो, बिना लाइसेंस के अस्पताल का संचालन हो, या फिर नर्स द्वारा ही प्रसूता की डिलीवरी कराए जाने का मामला हो।

ताज़ा मामला पूर्णिया के लाइन बाजार स्थित अल्फा न्यूरो एंड ट्रॉमा हॉस्पिटल का है। अस्पताल में नवजात की मौत के बाद प्रसूता को बंधक बनाए रखने का आरोप लगा है। नवजात की मौत और प्रसूता को बंधक बनाए जाने को लेकर नाराज परिजनों ने खूब बवाल काटा।

घटना की सूचना मिलते ही सहायक खजांची थाने की पुलिस लाइन बाजार स्थित अल्फा न्यूरो अस्पताल पहुंची और परिजनों को शांत कराने में जुट गई। पुलिस के हस्तक्षेप के बाद प्रसूता को अस्पताल से मुक्त कराकर वापस पूर्णिया मेडिकल कॉलेज भेजा गया।


घटना की जानकारी देते हुए पीड़ित नीतीश मुनि ने बताया कि सोमवार की सुबह करीब 4 बजे उनकी पत्नी सीता देवी को प्रसव पीड़ा उठी, जिसके बाद वह मधुबनी टीओपी थाना क्षेत्र के न्यू सिपाही टोला इलाके से अपनी पत्नी को लेकर पूर्णिया मेडिकल कॉलेज व अस्पताल पहुंचे थे। डॉक्टरों ने मरीज को हायर सेंटर ले जाने को कहा।

नीतीश अपनी पत्नी को लेकर महिला वार्ड से बाहर निकल ही रहे थे कि दो बिचौलिए वहां पहले से खड़े मिले। इनमें से एक बिचौलिया पेशे से ऑटो ड्राइवर था। वह उन्हें बहला कर और जल्दबाज़ी का डर दिखा कर लाइन बाजार स्थित अल्फा न्यूरो एंड ट्रामा हॉस्पिटल ले गया।

अस्पताल में नॉर्मल डिलीवरी कराई गई, लेकिन बच्चे को डॉक्टर नहीं बचा पाए। परिजनों का आरोप है कि इलाज में लापरवाही की वजह से नवजात की मौत हो गई।

जब नीतीश ने अपनी पत्नी को घर ले जाना चाहा, तो हॉस्पिटल के स्टाफ ने उन्हें जाने से पहले 20 हजार रुपये जमा करने को कहा। उन्होंने यह रकम देने से जब साफ इनकार कर दिया तो अस्पताल प्रबंधन ने प्रसूता को ही बंधक बना लिया और रुपए लेकर आने पर प्रसूता को छोड़ने करने की बात कही।

Also Read Story

सुपौल लोकसभा चुनाव: चुनाव से दो दिन पहले प्रत्याशी कलीम खान का अपहरण कर पेड़ से लटकाने का आरोप

कटिहार: खेत से मिली 54 वर्षीय स्कूल गार्ड की लाश, जांच में जुटी पुलिस

सोने की तस्करी करते किशनगंज का व्यापारी दिनेश पारीक समेत तीन लोग गिरफ्तार

किशनगंज: पुलिस ने मवेशी तस्करों के गिरोह को पकड़ा, 8 वाहन समेत 22 गिरफ्तार

पश्चिम बंगाल: दंपति के हाथ-पांव बांध लाखों के गहने लूटकर 6 बदमाश फरार

पूर्णिया में साइबर ठगों ने व्यवसाई के बैंक खाते से उड़ाये साढ़े पांच लाख रुपये, एक महीने में दर्ज नहीं हुई एफआईआर

हथियार के बल पर बंधन बैंक कर्मी से 1.68 लाख रुपये की लूट

कटिहार के आजमनगर में भीषण डकैती, फायरिंग और बम धमाकों से दहला गांव

किशनगंज: पेड़ से लटका मिला 17 वर्षीय युवती का शव, परिजनों ने लगाया हत्या का आरोप

24 घंटे बीत जाने के बाद भी जब अस्पताल प्रबंधक नहीं माना, तो परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन के इस संवेदनहीन रवैए का विरोध किया और जमकर हंगामा किया। पुलिस के हस्तक्षेप के बाद मामला शांत हुआ।

इस संबंध में लाइन बाजार स्थित अल्फा न्यूरो एंड ट्रामा हॉस्पिटल मैनेजर से बात की गई तो उन्होंने अपने ऊपर लगे आरोप को बेबुनियाद बताया और बंधक बनाने वाली बात को झूठा बताया।

सीमांचल की ज़मीनी ख़बरें सामने लाने में सहभागी बनें। ‘मैं मीडिया’ की सदस्यता लेने के लिए Support Us बटन पर क्लिक करें।

Support Us

सैयद तहसीन अली को 10 साल की पत्रकारिता का अनुभव है। बीते 5 साल से पुर्णिया और आसपास के इलाकों की ख़बरें कर रहे हैं। तहसीन ने नई दिल्ली स्थित जामिया मिल्लिया इस्लामिया से पत्रकारिता की पढ़ाई की है।

Related News

ओडिशा से आया था नीरज पासवान हत्याकांड का शूटर, कटिहार एसपी ने और क्या क्या बताया

कटिहार: भाजपा विधायक कविता पासवान के भतीजे की गोली मारकर हत्या, एक गिरफ्तार

कटिहार: स्कूल की छत गिरने से दो मजदूरों की मौत

अरवल में मिनी गन फैक्ट्री का भंडाफोड़, 14 गिरफ्तार

अररिया: बेख़ौफ अपराधियों ने हथियार दिखाकर बैंक कर्मी से लूटे 12 लाख रुपये

कटिहार में पत्नी के कर्ज को लेकर विवाद में पति ने तीन बच्चों समेत खुद को लगाई आग

अररिया में मूर्ति विसर्जन से आता ट्रैक्टर कैसे हुआ दुर्घटना का शिकार?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Latest Posts

Ground Report

अररिया में पुल न बनने पर ग्रामीण बोले, “सांसद कहते हैं अल्पसंख्यकों के गांव का पुल नहीं बनाएंगे”

किशनगंज: दशकों से पुल के इंतज़ार में जन प्रतिनिधियों से मायूस ग्रामीण

मूल सुविधाओं से वंचित सहरसा का गाँव, वोटिंग का किया बहिष्कार

सुपौल: देश के पूर्व रेल मंत्री और बिहार के मुख्यमंत्री के गांव में विकास क्यों नहीं पहुंच पा रहा?

सुपौल पुल हादसे पर ग्राउंड रिपोर्ट – ‘पलटू राम का पुल भी पलट रहा है’